Report by : Bipin kumar Date :23 Aug 2024
पटना में वकील के बेटे की हत्या का सनसनीखेज खुलासा
कातिल कितना भी चालाक क्यों न हो
लेकीन एक बड़ा न एक गलती कर ही देता है
और यहीं गलती से वो सलाखों के पीछे चला जाता है
इधर पुलिस वालों के बारे में कहा जाता है
इनके के हाथ बहुत लंबे होते है
और कातिल तक पहुंचने के लिए
केवल एक सुराख ही काफ़ी होता है
ये बात भी बिल्कुल सही है
जी हां हम बात कर रहे है बिहार पुलिस की और उन सातिर की जिसने धन के खातिर हत्या कर देता है
कुछ दिन पहले पटना में घर में घुसकर एक युवक की हत्या हो जाती है
वो घर में अकेला था
पत्नी से तलाक का मुकदमा चल रहा था
मरने वाला का क़रीब 30 साल का शक्स था
जगह पटना के बुद्धा कॉलोनी में
अचानक पिता अपने बेटे से मिलने पहुंचता है
लेकीन बेटा तो नहीं मिलता लेकीन उसकी लाश मिल जाता है
2 दिन से मृतक का फोन बंद था।
उसकी गर्दन में साड़ी लिपटी हुई थी।
शरीर पर पेंट भी फेंका मिला।
घर से ज्वेलरी गायब थीं
और पुलिस कई एंगल से जांच शुरू करती है और महीना दिन के कातिल पुलिस के गिरफ्त में होती है तो आइए जानते है पुरा मामला क्या है और पटना पुलिस ने क्या बयान
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पटना सिविल कोर्ट के वकील रामायण प्रसाद के बेटे रवि कुमार (35) की हत्या कांड का खुलासा बिहार पुलिस ने कर दिया है।
हत्या कोई और नहीं बल्कि उनके दो किरायेदारों ने ही कर दी थी।
मामला किराया के विवाद से जुड़ा बताया गया
इतना ही नहीं साथ ही साथ घर में रखे जेवरात की चोरी कर ली।
एसआईटी ने गोलू उर्फ शिवम सर्राफ और (नगर थाना, सीतामढ़ी), यश राज (नगर थाना, सीतामढ़ी) और बलराम प्रसाद (वार्ड नं 9, नगर सीतामढ़ी) को गिरफ्तार कर लिया है।
बलराम रवि की हत्या करने के आरोपित गोलू का पिता है।
चोरी गये सोने के जेवरात को उसने गला दिया था। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर 167.8 ग्राम सोना, 123.46 ग्राम चांदी के चूर्ण जैसा पदार्थ और छह मोबाइल बरामद किए हैं।
सिटी एसपी सेंट्रल चंद्रप्रकाश ने बताया कि गोलू, यश और रवि एक साथ कमरे में बैठे थे।
वे ब्राउन शूगर का सेवन कर रहे थे।
इतने में बाकी किराया को लेकर रवि के साथ दोनों की बहस हो गई।
कुछ समय बाद रवि को गोलू और यश पीटने लगे।
एक रवि के सीने पर चढ़ गया और दूसरे ने गमछे से गला घोंट दिया।
इसके बाद थिनर और पेंट रवि के शरीर पर डाल दिया।
सिटी एसपी ने बताया कि तफ्तीश के दौरान पता चला कि हत्या करने वाले अपराधी घर से जेवरात ले गये हैं। अपराधियों ने नकली जेवरात वहीं छोड़ दिये थे।
पुलिस को पता चल गया कि जिन अपराधियों ने हत्या की है,
उन्हें असली और नकली सोने की पहचान थी।
पता चला कि गोलू के पिता सोना-चांदी के कारोबार से जुड़े हैं।
पुलिस ने जब गोलू और यश की तलाश शुरू की तो दोनों फरार मिले।
बाद में एसआईटी ने दोनों को सीतामढ़ी से पकड़ा। इसके बाद भोजपुर जिले के नवादा से गोलू के पिता बलराम को पकड़ा गया।
उसने सोना को गलाने की बात कबूल कर ली।
उसी की निशानदेही पर पुलिस ने लूटे गये सोने को बरामद किया।
एसआईटी का नेतृत्व डीएसपी विधि व्यवस्था 1 कृष्णा मुरारी प्रसाद कर रहे थे।
टीम में विशिष्ट आसूचना इकाई के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार, बुद्धा कॉलोनी थानेदार सदानंद साह के अलावा अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
वारदात को अंजाम देने के बाद गोलू ने पिता को गांधी मैदान के पास बुलाया।
फिर चुराए गए जेवरात उन्हें सौंप दिए।
उसे बाकरगंज की एक दुकान में बेचकर 3.53 लाख रुपये मिले थे।
इसमें से 2.70 लाख गोलू और 83 हजार रुपये यश ने रख लिए।
वारदात के बाद गोलू और यश एक दिन तक उसी मकान में रहे।
फिर सीतामढ़ी और नेपाल चले गये।
बकौल सिटी एसपी घटना के दिन पुलिस ने एफएसएल की टीम के साथ ही फिंगर प्रिंट ब्यूरो को बुलाया था।
उस समय मौका ए वारदात से कई नमूने इकट्ठा किये गये थे।
अब पकड़े गये अपराधियों और घटनास्थल पर मिले अंगुलियों के निशान का मिलान होगा।
यह आरोपितों के खिलाफ एक पुख्ता सबूत होंगे जिसे पुलिस कोर्ट में पेश करेगी ताकि उन्हें सजा मिल सके।