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पटना में BPSC प्रश्नपत्र लीक मामला: छात्रों का प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई

Report By : Bipin kumar || Date : 30 Dec 2024 ||

पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा के कथित प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर छात्र संगठन अड़े हुए हैं, जबकि आयोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। रविवार शाम विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई, जिसमें पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया।

छात्र संगठनों का आरोप है कि सरकार और आयोग छात्रों की मांगों की अनदेखी कर रहे हैं। इस बीच AISA ने सोमवार, 30 दिसंबर को बिहार बंद और चक्का जाम का आह्वान किया है। वामपंथी दल सीपीआई ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है।

तेजस्वी यादव का आरोप और प्रशांत किशोर पर हमला

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज सरकार की तानाशाही का प्रतीक है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर छात्रों की मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया और कहा कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। तेजस्वी ने आंदोलन को भटकाने का आरोप प्रशांत किशोर पर लगाया और कहा कि कुछ लोग इस प्रदर्शन को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की।

एसपी स्वीटी सहरावत

पुलिस और प्रशासन का पक्ष

पटना सेंट्रल एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि लाठीचार्ज नहीं किया गया, बल्कि प्रदर्शनकारियों से बार-बार सड़क खाली करने की अपील की गई। जब वे नहीं माने तो वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने प्रशांत किशोर सहित 21 नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की अनुमति के बिना गांधी मैदान में सभा आयोजित की और छात्रों को उकसाया।

छात्रों का बयान

बीपीएससी के एक उम्मीदवार ने कहा, “हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। हमें उम्मीद नहीं थी कि सरकार हमारे साथ ऐसा व्यवहार करेगी। हमारा उन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है जो राजनीतिक लाभ के लिए यहां आए हैं।”

प्रशांत किशोर का बयान

प्रदर्शन के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि एक दिन नारे लगाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने छात्रों से लंबे संघर्ष की तैयारी करने को कहा। किशोर ने कहा कि बिहार में डोमिसाइल नीति, पेपर लीक और नौकरियों में भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब छात्र एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ें। उन्होंने किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में किसानों ने सालों तक प्रदर्शन किया, तभी उनकी मांगें मानी गईं।

विपक्ष का सरकार पर हमला

छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने इसे तानाशाही करार देते हुए कहा कि छात्रों पर जानवरों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने सरकार से छात्रों की मांगों का समाधान करने की अपील की।

कांग्रेस ने पुलिस कार्रवाई को क्रूर बताते हुए नीतीश सरकार की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि सरकार को अहंकार छोड़कर युवाओं से संवाद करना चाहिए।

जिलाधिकारी पटना डॉ चंद्रशेखर 

प्रशासन का स्पष्टीकरण

जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को बार-बार चेतावनी दी गई थी कि गांधी मैदान में प्रदर्शन अनधिकृत है। जब प्रदर्शनकारी सड़कों पर लेटकर यातायात बाधित करने लगे, तो उन्हें हटाने के लिए पानी की बौछारें और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है और बीपीएससी उम्मीदवारों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए तैयार है।

घटना का प्रभाव

छात्रों के प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई ने बिहार में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्ष ने इसे नीतीश सरकार की विफलता बताया, वहीं प्रशांत किशोर और अन्य नेताओं की भागीदारी ने आंदोलन को नई दिशा दी है। यह मुद्दा छात्रों के भविष्य और बिहार में प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

BPSC प्रश्नपत्र लीक मामले ने बिहार में सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। छात्रों का प्रदर्शन उनके हक के लिए है, लेकिन इसे लेकर सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक खींचतान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। छात्रों की मांगों का समाधान शांतिपूर्ण संवाद से निकालना ही इस मुद्दे का सही हल होगा।

 

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