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बिहार में शिक्षक भर्ती: TRE-3 के तहत 9वीं-10वीं का रिजल्ट जारी, 15,251 अभ्यर्थी सफल

बिहार में शिक्षक भर्ती: TRE-3 के तहत 9वीं-10वीं का रिजल्ट जारी, 15,251 अभ्यर्थी सफल

Report By : Bipin kumar || Date : 16 Dec 2024 ||

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-3) के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस परीक्षा में कुल 19,415 पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी, जिसमें से 15,251 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। सफल अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। यह रिजल्ट 50% आरक्षण रोस्टर के आधार पर जारी किया गया है। आयोग ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप उठाया है।

TRE-3 के तहत कुल पद और रिजल्ट

TRE-3 के माध्यम से कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 19,415 पदों पर नियुक्ति होनी थी। इन पदों के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था, जिनमें से 15,251 अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफल हुए। इससे पहले, 15 नवंबर को TRE-3 के तहत कक्षा 1 से 8 तक के पदों का रिजल्ट जारी किया गया था। उस रिजल्ट में कुल 38,900 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे।

कक्षा 1 से 5 तक के लिए 21,911 अभ्यर्थी और कक्षा 6 से 8 के लिए 16,989 अभ्यर्थी सफल रहे। कक्षा 6 से 8 तक के छह विषयों का परिणाम जारी किया गया था, जिसमें गणित और विज्ञान में 5,560, सामाजिक विज्ञान में 3,789, हिंदी में 2,799, अंग्रेजी में 2,873, संस्कृत में 941 और उर्दू में 1,027 अभ्यर्थी पास हुए थे। वहीं, कक्षा 1 से 5 तक के लिए तीन विषयों का रिजल्ट जारी किया गया, जिसमें सामान्य (शिक्षा विभाग) से 18,641, सामान्य (अनु. जाति-जनजाति कल्याण विभाग) से 172, उर्दू में 3,054 और बांग्ला में 44 कैंडिडेट सफल हुए।

कुल 84,581 पदों पर होगी नियुक्ति

फरवरी में आयोग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार शिक्षक भर्ती के लिए कुल 87,774 पद निकाले गए थे। हालांकि, बाद में पदों की संख्या घटकर 84,581 हो गई। यह कटौती विभिन्न कारणों से की गई है। अब कक्षा 1 से 12 तक के लिए यह भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

आरक्षण रोस्टर में बदलाव और कोर्ट का निर्णय

तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती का विज्ञापन शुरू में 65% आरक्षण रोस्टर के आधार पर जारी किया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने 65% आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इसके बाद राज्य सरकार ने 50% आरक्षण के आधार पर शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया।  नई आरक्षण नीति के तहत 50% पद महिलाओं और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित किए गए हैं। इससे संबंधित विवाद फिलहाल कोर्ट में लंबित है, लेकिन राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए 50% आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए रिजल्ट जारी किया है।

पेपर लीक के कारण रद्द हुई थी परीक्षा

15 मार्च को आयोजित हुई TRE-3 परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था। हजारीबाग के एक होटल और मैरिज हॉल में 270 से अधिक अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए जा रहे थे। जब्त किए गए प्रश्न पत्रों का मिलान BPSC कार्यालय में उपलब्ध पेपर से कराया गया, जो एक जैसा पाया गया। इसके बाद यह मामला गंभीर हो गया और 20 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी गई। इस घटना ने न केवल परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए, बल्कि आयोग की विश्वसनीयता को भी प्रभावित किया। नई परीक्षा आयोजित कराने के बाद, इस बार सख्त निगरानी के बीच रिजल्ट घोषित किया गया है। आयोग ने पेपर लीक से जुड़े दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

परीक्षा परिणाम का महत्व

TRE-3 के तहत जारी इस परिणाम का बिहार में शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिसे पूरा करने के लिए यह भर्ती प्रक्रिया आवश्यक है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक नियुक्ति से छात्रों की शिक्षा के स्तर में सुधार की उम्मीद है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। हालांकि पेपर लीक जैसी घटनाओं ने प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन आयोग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पुनः परीक्षा आयोजित कराई और अब परिणाम घोषित किया।

आगे की प्रक्रिया

रिजल्ट घोषित होने के बाद अब सफल अभ्यर्थियों के लिए काउंसलिंग और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर समय-समय पर अपडेट चेक करते रहें। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर शिक्षकों को स्कूलों में तैनात किया जाए TRE-3 के तहत जारी इस परिणाम ने बिहार में शिक्षा सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। यह प्रक्रिया न केवल शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। हालांकि, प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना सरकार और आयोग दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। उम्मीद है कि इस भर्ती प्रक्रिया से बिहार के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से चली आ रही शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।

 

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