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संपतचक प्राथमिक उपचार केंद्र में अवैध नियुक्ति का विवाद गहराया

स्थानीय खबर सम्पतचक

Report BY  : Bipin kumar || 12 Dec 2024 ||

संपतचक प्राथमिक उपचार केंद्र में अवैध नियुक्ति का विवाद गहराया

पटना जिले के संपतचक प्राथमिक उपचार केंद्र में आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति को लेकर विवाद दिनोंदिन गहराता जा रहा है। मामला संगीता देवी बनाम मालो देवी का बताया जा रहा है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मालो देवी की नियुक्ति की गई, जबकि संगीता देवी की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से नियमानुसार हुई थी।

 

संगीता देवी

नियमों का उल्लंघन और शिकायत का दौर
संगीता देवी का दावा है कि उन्हें चिपुरा के मुखिया द्वारा आम सभा के माध्यम से आशा कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। वहीं, मालो देवी की नियुक्ति बिना किसी आम सभा या निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए अवैध रूप से की गई। आरोप है कि मालो देवी को उसी संख्या पर नियुक्त किया गया, जहां पहले से ही संगीता देवी कार्यरत थीं, और क्षेत्र का बंटवारा कर दिया गया। संगीता देवी ने इस अव्यवस्था और अनियमितता को लेकर प्राथमिक उपचार केंद्र के प्रभारी से शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। प्रभारी का रवैया इस मामले में टालमटोल भरा रहा। सुनवाई न होने के बाद संगीता देवी ने पहले जिला अस्पताल पटना, और फिर पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

उच्च न्यायालय का आदेश और मुख्यमंत्री जनता दरबार की शिकायत
पटना उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए मालो देवी की नियुक्ति को अवैध पाया। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने मालो देवी से काम लेना जारी रखा।

मालो देवी 

इस पर मालो देवी ने भी मुख्यमंत्री जनता दरबार में अपनी शिकायत दर्ज करवाई और जांच की मांग की।मुख्यमंत्री जनता दरबार के निर्देश पर जब मामले की जांच हुई, तो मालो देवी की नियुक्ति में अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन द्वारा मालो देवी से काम लिए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

रेणु प्रसाद 

प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल
इस मामले ने प्राथमिक उपचार केंद्र के कामकाज और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब न्यायालय और जांच दोनों ने मालो देवी की नियुक्ति को अवैध करार दिया, तो फिर अस्पताल प्रशासन उन्हें काम करने की अनुमति क्यों दे रहा है? क्या यह किसी बड़े प्रशासनिक गठजोड़ का हिस्सा है, या फिर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही?

आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति में सुधार की मांग
यह मामला न केवल संपतचक प्राथमिक उपचार केंद्र की, बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माने जाने वाले आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में इस तरह की अनियमितताएं पूरे तंत्र को कमजोर करती हैं।संगीता देवी ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और न्याय सुनिश्चित करता है।

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