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समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना द्वारा भूमि उपलब्धता के लिए व्यापक निरीक्षण

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समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना द्वारा भूमि उपलब्धता के लिए व्यापक निरीक्षण

पटना के समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी ने हाल ही में संपतचक प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय, नगर परिषद के नए भवनों, भूमिहीन थानों, ओपी (आउटपोस्ट), नवसृजित कार्यालयों और सरकार की विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं के लिए भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पटना सदर और सिटी अनुमंडलों का स्थल निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य पटना के विभिन्न विकास कार्यों को गति प्रदान करना और शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली भूमि संबंधी बाधाओं को दूर करना था।

भूमि उपलब्धता: विकास के लिए आधारशिला

सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में भूमि की उपलब्धता एक प्रमुख भूमिका निभाती है। पटना जिले के विकास को सुनिश्चित करने के लिए भूमि का सही और त्वरित उपयोग आवश्यक है। समाहर्ता ने इस संबंध में अपने निरीक्षण के दौरान अंचल अधिकारियों और अनुमंडल अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज़ करने और संभावित स्थलों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए।

स्थलों का निरीक्षण और प्रगति की समीक्षा

निरीक्षण के दौरान, समाहर्ता ने विभिन्न स्थलों का दौरा किया, जहां सरकारी योजनाओं के तहत भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें संपतचक प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय और नगर परिषद के नए भवन प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्होंने भूमिहीन थानों और ओपी की समस्याओं का भी संज्ञान लिया। इन स्थलों पर समाहर्ता ने निर्माण कार्यों की धीमी गति और भूमि अधिग्रहण में देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए।

भूमिहीन थानों और ओपी के लिए भूमि अधिग्रहण पर जोर

जिलाधिकारी ने भूमिहीन थानों और ओपी के मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया। ऐसे कई थाने और ओपी हैं, जो किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में बाधा आती है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए थानों और ओपी का अपना भवन होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द भूमि की पहचान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

नवसृजित कार्यालयों के लिए भूमि उपलब्धता

नवसृजित कार्यालयों के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य भी निरीक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इन कार्यालयों का उद्देश्य जनता को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं प्रदान करना है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कार्यालय निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल की पहचान की जाए और संबंधित प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए।

नगर परिषद भवन और अन्य सुविधाएं

नगर परिषद के नए भवन के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इन भवनों के निर्माण से शहरी क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाएं अधिक सुचारु होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि इन भवनों के साथ-साथ अन्य सुविधाओं जैसे पार्किंग, नागरिक सेवा केंद्र, और आपदा प्रबंधन केंद्र की भी योजना बनाई जा रही है।

लोक-कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा

सरकार की विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, ग्रामीण सड़क योजना और अन्य विकासात्मक परियोजनाओं के लिए भी भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि इन योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना अनिवार्य है।

अपर समाहर्ता और अंचल अधिकारियों को निर्देश

जिलाधिकारी ने भूमि अधिग्रहण और स्थल निरीक्षण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अपर समाहर्ता को अंचल अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर प्रखंड और अंचल स्तर पर भूमि की स्थिति की पूरी जानकारी होनी चाहिए और इसके लिए एक समर्पित टीम काम करे।

भूमि उपलब्धता में पारदर्शिता की आवश्यकता

जिलाधिकारी ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण में किसी भी प्रकार की अनियमितता को सख्ती से रोका जाएगा। उन्होंने जनता से भी अपील की कि यदि वे किसी भी तरह की गड़बड़ी का सामना करें, तो वे इसकी सूचना सीधे प्रशासन को दें।

भविष्य की योजनाएं और अपेक्षित परिणाम

भूमि उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद पटना जिले में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नई परियोजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के पूरा होने से जिले के निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी और पटना एक मॉडल जिला के रूप में विकसित होगा।

समाहर्ता का संदेश

निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने अधिकारियों और जनता दोनों को संदेश दिया कि विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि भूमि उपलब्धता से जुड़ी हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

निष्कर्ष

समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी द्वारा किया गया यह निरीक्षण पटना जिले के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने से सरकार की योजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी और जनता को इनका लाभ मिलेगा। यह पहल न केवल प्रशासनिक दक्षता में सुधार लाएगी, बल्कि जिले की समग्र प्रगति में भी योगदान देगी।

 

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