
महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि: राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस घोषित करने की माँग
- महाराणा प्रताप भारत के स्वाभिमान और वीरता के प्रतीक।
- घास की रोटी खाकर भी मुगल शासन से समझौता न करने वाले महायोद्धा।
- भारत सरकार से 19 जनवरी को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस घोषित करने की माँग।
- महाराणा प्रताप भारत के सबसे अद्वितीय योद्धा।
- उनका जीवन राष्ट्र की अस्मिता और आत्मसम्मान के लिए प्रेरणादायक।
न्याय-मंच संस्थापक पवन राठौर
Report By : News Era || Date : 20 Jan 2025 ||
रविवार को स्थानीय बेली रोड स्थित मुंडेश्वरी एनक्लेव में न्याय-मंच, बिहार के कार्यालय में मंच के संस्थापक पवन राठौर के नेतृत्व में वीरता और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने महाराणा प्रताप के तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी अमर वीरता और बलिदान को नमन किया।
पवन राठौर ने इस श्रद्धांजलि सभा में महाराणा प्रताप की अतुलनीय वीरता, शौर्य और स्वाभिमान की चर्चा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप भारत भूमि के सबसे बड़े स्वाभिमानी योद्धा थे। उन्होंने अपने स्वाभिमान और राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा के लिए हर कठिनाई का सामना किया। घास की रोटी खाकर भी उन्होंने मुगल शासन से समझौता नहीं किया। यह उनका स्वाभिमान और आत्मसम्मान ही था जिसने उन्हें भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान प्रदान किया।
राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की माँग
पवन राठौर ने भारत सरकार से मांग की कि महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि, 19 जनवरी को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रूप में घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप केवल एक ऐतिहासिक योद्धा नहीं, बल्कि भारतीय स्वाभिमान और स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। उनका जीवन और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यदि उनकी पुण्यतिथि को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाया जाए, तो यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सम्मानित करने का सही मार्ग होगा।
युवा अधिवक्ताओं का योगदान
इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के चर्चित युवा अधिवक्ता रवि प्रकाश ने महाराणा प्रताप की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि भारत का इतिहास शूरवीरों और बलिदानों से भरा पड़ा है, लेकिन महाराणा प्रताप जैसे योद्धा इतिहास में अद्वितीय हैं। उन्होंने राष्ट्र की अस्मिता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनकी वीरता और आत्मसम्मान को दुनिया हमेशा याद रखेगी। रवि प्रकाश ने कहा कि महाराणा प्रताप ने विपरीत परिस्थितियों में भी साहस और शौर्य की जो मिसाल पेश की, वह आज के समय में भी प्रासंगिक है।
श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति
न्याय-मंच के संस्थापक पवन राठौर के नेतृत्व में आयोजित इस सभा में अधिवक्ता रवि प्रकाश के अलावा मंच के कई प्रमुख सदस्य और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि देने वालों में विशाल राज, गोलू सिंह, उत्तम कुमार, विकास चंदेल, धीरज सिंह, धर्मेंद्र कुमार, विकास सिंह, आर. डी. सिंह आदि प्रमुख थे।
महाराणा प्रताप: प्रेरणा के स्रोत
सभा में उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि महाराणा प्रताप की वीरता, त्याग और स्वाभिमान की गाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। उनका संघर्ष यह सिखाता है कि स्वाभिमान और स्वतंत्रता से बड़ा कोई मूल्य नहीं है।
पवन राठौर ने सभा के समापन पर कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्शों को अपनाकर हमें अपने समाज और देश को सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने इस तरह के आयोजन को आगे भी जारी रखने और महाराणा प्रताप के प्रति सम्मान प्रकट करने की बात कही।