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स्वर्ण व्यवसायी से 35 लाख की जबरन उगाही, 11 दिन में थानेदार पर बड़ी कार्रवाई

सारांश 

सारण में स्वर्ण व्यवसायी से 35 लाख की उगाही मामले में मकेर थाने के थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार को डीआईजी ने बर्खास्त कर दिया। 32 लाख रुपये बरामद हुए। गृह रक्षक अनिल कुमार सिंह फरार है। स्पीडी ट्रायल के जरिए दोषियों को जल्द सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है।

Report By : News Era || Date : 23 Jan 2025 ||

बिहार के सारण जिले में पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला एक गंभीर मामला प्रकाश में आया, जहां कानून के रखवाले ही कानून तोड़ते नजर आए। छपरा के एक प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यवसायी से 35 लाख रुपये की जबरन वसूली और चोरी का मामला दर्ज हुआ, जिसके बाद उच्च पुलिस अधिकारियों ने सख्त कदम उठाए। इस मामले में मकेर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार और गृह रक्षक सह चालक अनिल कुमार सिंह को दोषी पाया गया। डीआईजी सारण नीलेश कुमार ने थानेदार रविरंजन कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जबकि चालक अनिल कुमार सिंह की सेवा समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन को अनुशंसा भेजी गई है।

घटना का विवरण

यह मामला 10 जनवरी 2025 को सामने आया, जब छपरा के प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यवसायी रोहन कुमार गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. कुमार आशीष को शिकायत दी। शिकायत के अनुसार, वाहन जांच के दौरान पुलिस ने उनके वाहन को ओवरटेक कर रोका और 35 लाख रुपये से भरा बैग गायब कर दिया। इस घटना से व्यवसायी को बड़ा आघात पहुंचा।

शिकायत के तुरंत बाद एसपी डॉ. कुमार आशीष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मढ़ौरा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) नरेश पासवान को जांच का आदेश दिया। जांच में यह खुलासा हुआ कि मकेर थाने के चालक अनिल कुमार सिंह ने व्यवसायी का बैग चुरा लिया था। पुलिस के दबाव में चालक ने चोरी की रकम थाने में पहुंचाई, लेकिन इस घटना से विभाग की साख पर गहरा असर पड़ा।

जांच और साक्ष्य

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि मकेर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार ने स्वर्ण व्यवसायी को धमकाते हुए उनसे 32 लाख रुपये की जबरन वसूली की थी। यह घटना पुलिस विभाग के लिए शर्मनाक साबित हुई। डीएसपी नरेश पासवान ने अपनी रिपोर्ट में थानेदार और चालक को दोषी ठहराया।

इस रिपोर्ट के आधार पर सारण के पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थानेदार रविरंजन कुमार को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की। वहीं, चालक अनिल कुमार सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई बार छापेमारी की, लेकिन वह अब तक फरार है।

डीआईजी सारण नीलेश कुमार

डीआईजी की सख्त कार्रवाई

21 जनवरी 2025 को सारण के डीआईजी नीलेश कुमार ने भारतीय संविधान की धारा 311 (2)(बी) के तहत थानेदार रविरंजन कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। डीआईजी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करती हैं, और इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करना आवश्यक है।

इसके अलावा, गृह रक्षक सह चालक अनिल कुमार सिंह की सेवा समाप्ति के लिए जिलाधिकारी अमन समीर को अनुशंसा भेजी गई। उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट और कुर्की की प्रक्रिया चल रही है।

स्वर्ण व्यवसायी को न्याय का भरोसा

स्वर्ण व्यवसायी रोहन कुमार गुप्ता ने इस घटना को लेकर काफी आक्रोश जताया, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। उनके बयान के आधार पर मकेर थाने में कांड संख्या 05/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने अब तक 32 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं, और बाकी रकम की रिकवरी के प्रयास जारी हैं।

स्पीडी ट्रायल और सख्त सजा का आश्वासन

इस मामले में सारण के पुलिस अधीक्षक ने स्पीडी ट्रायल की मांग की है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। एसपी डॉ. कुमार आशीष ने कहा कि यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है, और इसमें शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय कार्रवाई तेज़ी से संचालित की जा रही है, ताकि भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जा सके।

प्रभाव और निष्कर्ष

यह घटना पुलिस विभाग के लिए शर्मनाक होने के साथ ही एक कड़ा सबक भी है। डीआईजी और एसपी द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार या अपराध में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन अपने ही विभाग के दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।

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