
दिलीप जायसवाल के “फादर ऑफ क्राइम” बयान पर बिहार में सियासत गरमाई
संक्षिप्त :
बिहार में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने लालू यादव को “फादर ऑफ क्राइम” कहा, जिससे सियासी हलचल मच गई। जेडीयू ने उनका समर्थन किया, जबकि कांग्रेस और राजद ने पलटवार करते हुए बिहार में बढ़ते अपराधों के लिए बीजेपी और नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया।
Report By : News Era || Date : 27 Jan 2025 ||
विस्तार :
बिहार की राजनीति में अपराध और कानून-व्यवस्था पर चल रही बहस ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा लालू यादव को “फादर ऑफ क्राइम” कहे जाने के बाद राज्य की सियासत में खलबली मच गई है। दिलीप जायसवाल के इस बयान के बाद जेडीयू ने उनका समर्थन किया, वहीं कांग्रेस और राजद ने इसे लेकर तीखी आलोचना की। इस बयानबाजी के साथ ही बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और सत्ता के इर्द-गिर्द चल रही राजनीति अब एक नया मोड़ ले चुकी है।
दिलीप जायसवाल का विवादास्पद बयान
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने रविवार को अपने एक बयान में लालू यादव और उनके परिवार पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि यदि लालू परिवार को कोई पुरस्कार दिया जाए तो वह “फादर ऑफ क्राइम” का मिलेगा। यह बयान उन्होंने उस वक्त दिया जब बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर राजनीति गर्म थी। जायसवाल ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के शासन में कानून का राज है और विपक्ष के पास अब चुनाव से पहले कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। उनका आरोप था कि विपक्ष अब केवल अफवाहों पर बात कर रहा है और उन्होंने विपक्ष को “घिसे-पिटे” मुद्दों पर फंसा दिया है।
जायसवाल के इस बयान को बीजेपी के कई नेताओं ने समर्थन दिया है, हालांकि यह बिहार की सियासत में एक नया विवाद उत्पन्न करने में भी सफल रहा। उनके बयान ने विपक्ष को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने का एक बड़ा अवसर प्रदान किया, जिसके बाद से बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।
जेडीयू का समर्थन
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दिलीप जायसवाल के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सच कड़वा जरूर होता है, लेकिन वह अंततः सामने आता है। उन्होंने यह भी कहा कि पटना हाई कोर्ट ने लालू-राबड़ी राज को “जंगलराज” करार दिया था, जो पहले से ही बिहार की राजनीतिक इतिहास में एक काला धब्बा बन चुका है। नीरज कुमार ने आगे कहा कि अगर बिहार के अपराध के इतिहास को लिखा जाए, तो लालू यादव का नाम उसमें सबसे प्रमुख होगा। उन्होंने लालू परिवार को बिहार में अपराध के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान देने वाला बताया और इसे “आतंक राज” तक करार दिया। नीरज कुमार का कहना था कि इस राज में कानून और व्यवस्था का राज्य नाममात्र था, और यह एक प्रकार का आतंक शासन था, जिसे आज भी लोग याद करते हैं।
जेडीयू ने इस बयान को बिहार की अपराध-प्रवृत्तियों पर एक कटु सच्चाई के रूप में प्रस्तुत किया और इसका समर्थन किया। हालांकि, इस बयान के साथ ही एक नई राजनीतिक बहस ने जन्म लिया, जिसमें जेडीयू और बीजेपी के नेता एक ही पंक्ति में खड़े नजर आए, जबकि विपक्ष ने इसका तीखा विरोध किया।
कांग्रेस और राजद ने किया पलटवार
दिलीप जायसवाल के बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन पर हमला बोलते हुए इसे एक राजनीतिक जुमला बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी अब केवल व्यक्तिगत हमले कर रही है, बजाय इसके कि वे राज्य में बढ़ते अपराधों पर गंभीर चर्चा करें। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने दिलीप जायसवाल से सवाल किया कि जिस मेडिकल कॉलेज के वह मालिक बने हैं, वह उन्हें कैसे मिला। राठौड़ ने आरोप लगाया कि इस मेडिकल कॉलेज के मालिक बनने की प्रक्रिया में बेईमानी, भ्रष्टाचार और दादागिरी का हाथ था, और उन्होंने यह भी कहा कि आज बिहार में हर दिन अपराध हो रहा है और इसका जिम्मेदार बीजेपी और नीतीश कुमार की सरकार है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी बिहार में अपराध की समस्या को हल नहीं कर सकती, तो वह दूसरों पर उंगलियां उठाने से बचें।
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने भी दिलीप जायसवाल पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में अपराध की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि लोग अब पुलिस और प्रशासन से उम्मीद छोड़ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और जेडीयू के नेता खुद को ‘किसी को बचाने’ और ‘किसी को फंसाने’ के आरोपों से बचा नहीं सकते। उन्होंने यह आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग अपराधियों के साथ गठजोड़ बना रहे हैं, जिससे राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं और लोग भयभीत हैं।
दिलीप जायसवाल का जवाब
इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि विपक्ष के पास कहने के लिए अब कोई ठोस बात नहीं बची है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अब सिर्फ पुराने मुद्दों को दोहरा रहा है, जबकि बिहार में कानून का राज कायम है और लोग अब विपक्ष की चालाकियों को समझ चुके हैं। जायसवाल ने दावा किया कि भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में अपराध को नियंत्रण में किया है और बिहार की जनता इस बार विपक्ष की झूठी बयानबाजी से नहीं भटकेगी।
बीजेपी नेता ने इस बयान के साथ ही कहा कि विपक्ष अब केवल पुराने गाने गा रहा है और उनके पास नए मुद्दे नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के लोग अब विपक्ष के झांसे में नहीं आएंगे और बीजेपी के नेतृत्व में राज्य में विकास की गति को जारी रखेंगे।
बिहार में अपराध और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
बिहार में अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर सियासी हलचल लगातार बढ़ रही है। कई विपक्षी नेता बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे विपक्ष की राजनीति का हिस्सा बताया है। बिहार में बढ़ते अपराधों पर लगातार बयानबाजी हो रही है और यह राजनीति की सबसे बड़ी कुंजी बन चुका है।
सत्ता में बैठे नेताओं द्वारा अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप विपक्षी दलों द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। इस पर अब बिहार की जनता को यह तय करना है कि क्या यह आरोप सही हैं, या फिर यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है।
आगामी चुनावों पर असर
यह सियासी बयानबाजी बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर एक नई दिशा में जा सकती है। दिलीप जायसवाल और अन्य बीजेपी नेताओं के बयान सत्ता पक्ष को मजबूत करने का प्रयास हो सकते हैं, जबकि विपक्ष अपने आरोपों के माध्यम से सत्ता पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। आगामी चुनावों में ये आरोप और विवाद राजनीतिक वातावरण को और गरमा सकते हैं।
बिहार की सियासत में यह संघर्ष अब और तेज हो गया है, और दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।