
*BREAKING* बिहार के विभूतियों को पद्म सम्मान: शारदा सिन्हा, सुशील मोदी और किशोर कुणाल को मरणोपरांत सम्मानित किया गया
बिहार की महान हस्तियों को इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों में शामिल कर सम्मानित किया गया है। कला, समाज सेवा, सिविल सेवा और अध्यात्म के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाली हस्तियों को यह सम्मान प्रदान किया गया।
दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा ने अपनी कला के माध्यम से लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। भ्रष्टाचार का सामना करते हुए उन्होंने कला को स्वाभिमान के साथ जीने का उदाहरण पेश किया।
दिवंगत बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। जनता के हित और राष्ट्रीय जनता दल की सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए सुशील मोदी ने अपने जीवन में कई बार जानलेवा हमले झेले, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों से कभी समझौता नहीं किया।
आचार्य किशोर कुणाल, जो महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव रहे, को मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। वह विराट रामायण मंदिर के निर्माण में अपनी पूरी निष्ठा से जुटे हुए थे। यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक होगा, जिसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है। यह उनकी महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसे वे वर्ष 2027 तक पूरा करना चाहते थे।
इसके साथ ही तीन अन्य महान हस्तियों को पद्म श्री से नवाजा गया है।
- डॉ. भीम सिंह भवेश: भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. भवेश को ‘नई आशा’ फाउंडेशन के माध्यम से मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए काम करने के लिए सम्मानित किया गया। उनके प्रयासों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी सराहा था।
- निर्मला देवी: मुजफ्फरपुर की पारंपरिक कढ़ाई कला में विशेष योगदान देने वाली निर्मला देवी को यह सम्मान प्रदान किया गया। उनकी कला ने बिहार की पारंपरिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित किया।
- श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज: अध्यात्म के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने के लिए उन्हें यह सम्मान मिला है।
सीएम नीतीश कुमार ने इन सभी विभूतियों को पद्म सम्मान मिलने पर खुशी जताई और बिहार की गौरवशाली संस्कृति, समाज और सेवा में उनके योगदान को सराहा।