महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर न्याय-मंच, बिहार ने दी श्रद्धांजलि
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर न्याय-मंच, बिहार ने दी श्रद्धांजलि
पटना, 30 जनवरी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर पटना के राजा बाजार, बेली रोड स्थित न्याय-मंच, बिहार के कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान मंच के संस्थापक पवन राठौर सहित कई अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गांधीजी को नमन किया और उनके विचारों पर चर्चा की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में कुमार रूपेश, दुर्गेश दुबे, विशाल राज, धीरज सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।
महात्मा गांधी को महामानव बताया
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पवन राठौर ने कहा कि महात्मा गांधी सिर्फ एक साधारण मानव नहीं, बल्कि महामानव थे। वे सत्य और अहिंसा के सच्चे पुजारी थे और उन्होंने अपने आचरण से पूरी दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दिया। उनका मानना था कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हिंसा नहीं, बल्कि सत्य और अहिंसा का मार्ग ही सर्वोत्तम साधन है।
उन्होंने कहा कि गांधीजी का जीवन सादगी, सत्यनिष्ठा और समर्पण की मिसाल था। वे न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत बने। उनकी शिक्षाओं का प्रभाव आज भी समाज में देखा जा सकता है। भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका अमूल्य थी और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया।
गांधीजी का योगदान और उनके विचारों की प्रासंगिकता
पवन राठौर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी ने “भारत छोड़ो आंदोलन” का नेतृत्व किया और उनके इसी आह्वान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उनकी शिक्षाओं और विचारों का पालन करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने सभी से अपील की कि हम गांधीजी के सत्य, अहिंसा, सदाचार और स्वच्छता के मूल्यों को आत्मसात करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित हों।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में जब दुनिया हिंसा और अशांति से जूझ रही है, तब गांधीजी के विचार पहले से भी अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। यदि हम उनके बताए मार्ग पर चलें, तो एक बेहतर समाज और शांतिपूर्ण दुनिया का निर्माण किया जा सकता है।
गांधीजी के आदर्शों को अपनाने का संकल्प
श्रद्धांजलि सभा के दौरान उपस्थित लोगों ने गांधीजी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। इस मौके पर राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव और नैतिकता को बढ़ावा देने की भी अपील की गई। कार्यक्रम का समापन गांधीजी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए” के साथ हुआ।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के इस अवसर पर न्याय-मंच, बिहार ने एक बार फिर से उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और उनके सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार करने की प्रतिबद्धता जताई।