पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से सात की मौत
बिहार क्राइम न्यूज़

पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से सात की मौत, जांच के लिए विशेष टीम गठित
हाइलाइट्स:
- संदिग्ध जहरीली शराब से मौत की खबर के बाद प्रशासन अलर्ट।
- जांच के लिए विशेष टीम गठित, 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई।
- 2016 से लागू शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का धंधा जारी।
- पश्चिमी चंपारण के लौरिया थाना क्षेत्र में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत।
- प्रशासन ने मौत के कारणों की पुष्टि नहीं की, लेकिन विशेष टीम गठित कर जांच के आदेश दिए गए।
- मृतकों के परिजनों ने जहरीली शराब पीने का आरोप लगाया।
- बिहार में 2016 से शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौत की घटनाएं जारी।
Report By : News Era || Date : 20 jan 2025 ||
पश्चिमी चंपारण में संदिग्ध जहरीली शराब से सात मौतें, प्रशासन सतर्क
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया थाना क्षेत्र में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत की खबर सामने आई है। यह घटना राज्य में शराबबंदी के बावजूद हो रही जहरीली शराब की घटनाओं की एक और कड़ी जोड़ती है। हालांकि प्रशासन ने अभी तक मौतों के कारणों की औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले चार दिनों में सात लोगों की मौत हुई है। इनमें पहली मौत 15 जनवरी को हुई, जबकि शेष मौतें इसके बाद हुईं। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस को इन मौतों की सूचना 21 जनवरी को दी गई, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।
पश्चिमी चंपारण के एसपी शौर्य सुमन ने बताया कि सात मौतों में से दो मामलों में शराब से संबंधित होने की पुष्टि नहीं हुई है। एक व्यक्ति की मौत ट्रैक्टर की चपेट में आने से हुई, जबकि दूसरे को लकवा मार गया था। बाकी पांच मौतों के कारणों की जांच की जा रही है।
विशेष टीम की गठन और जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिमी चंपारण के उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। इस टीम को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। जांच टीम यह भी पता लगाएगी कि पिछले तीन-चार दिनों में क्षेत्र में किन-किन लोगों की मौत हुई और उनके मृत्यु के कारण क्या थे।
एसपी शौर्य सुमन ने कहा कि मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है। एक मृतक के भाई ने बताया कि उसके भाई प्रदीप ने अपने दोस्त मनीष के साथ शराब पी थी, जिसके बाद दोनों की मौत हो गई।
शव परीक्षण की कठिनाई
मौतों के बारे में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मृतकों के शवों का पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इससे मौत के कारणों का पता लगाना और भी मुश्किल हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि शव परीक्षण के बिना मौतों की पुष्टि करना मुश्किल हो रहा है।
स्थानीय निवासियों का आरोप
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि मौतें जहरीली शराब के सेवन के कारण हुई हैं। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का कारोबार खुलेआम जारी है।
बिहार में शराबबंदी की स्थिति
बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके बावजूद राज्य में जहरीली शराब से मौत की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं।
प्रशासन का बयान
प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।
यह घटना राज्य में शराबबंदी के प्रभाव और प्रशासन की क्षमताओं पर सवाल खड़े करती है। जब तक अवैध शराब के कारोबार पर पूर्ण नियंत्रण नहीं पाया जाता, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना बनी रहेगी। प्रशासन की जांच रिपोर्ट और कार्रवाई आने वाले दिनों में स्थिति को और स्पष्ट करेगी।