“राजमिस्त्री की मौत से मचा हड़कंप: किसकी गलती, किसकी जिम्मेदारी?”
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“राजमिस्त्री की मौत से मचा हड़कंप: किसकी गलती, किसकी जिम्मेदारी?”
खबर पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र से, जहाँ करंट लगने से एक राजमिस्त्री की दर्दनाक मौत हो गई है। इस हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है और परिजनों ने ठेकेदार और बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। आइए जानते है विस्तार से
Report By : News Era || Date : 07 Jan 2025 ||
घटना गौरीचक थाना क्षेत्र के उष्फा गांव की है। 24 वर्षीय मुकेश कुमार, जो पेशे से राजमिस्त्री थे, सोहगी मोड़ के पास एक निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे थे। निर्माण स्थल के पास से गुजर रहे बिजली के तारों से अचानक करंट लगने के कारण मुकेश बुरी तरह झुलस गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिजन
परिवार का गंभीर आरोप
घटना के बाद मृतक के परिजनों ने ठेकेदार और बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि बिजली के तारों को लेकर पहले ही ठेकेदार और बिजली विभाग को सूचित किया गया था, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी लापरवाही के कारण आज एक युवक की जान चली गई।
गौरीचक थाना की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गौरीचक थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। सब-इंस्पेक्टर कमल नयन ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेजा गया है। मामले की जांच जारी है और परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की गहनता से पड़ताल की जा रही है।
गांव में मातम का माहौल
मुकेश कुमार की असमय मौत ने उनके परिवार और गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
लापरवाही की बढ़ती घटनाएं
इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग और निर्माण कार्यों में बरती जाने वाली लापरवाही को उजागर कर दिया है। बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से दोषी ठेकेदार और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की अपील की है।
सब-इंस्पेक्टर कमल नयन,गौरीचक
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आखिर कब खत्म होगी ये लापरवाही?
सवाल यह है कि आखिर कब तक लापरवाही के कारण ऐसी दर्दनाक घटनाएं होती रहेंगी? क्या प्रशासन इन घटनाओं से सबक लेगा? यह देखने वाली बात होगी।