
संपतचक में भाकपा-माले द्वारा तिरंगा मार्च और संविधान बचाव कार्यक्रम का भव्य आयोजन
सारांश :
26 जनवरी 2025 को संपतचक में भाकपा-माले द्वारा तिरंगा मार्च और संविधान बचाव कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभिन्न गांवों में झंडोत्तोलन, संविधान का पाठ और सभा हुई। वक्ताओं ने भाजपा सरकार पर संविधान की मूल भावना को कमजोर करने का आरोप लगाया और संविधान बचाने का संकल्प लिया।
हाईलाइट्स:
- 26 जनवरी 2025 को संपतचक में भाकपा-माले द्वारा तिरंगा मार्च और संविधान बचाव कार्यक्रम।
- विभिन्न गांवों में झंडोत्तोलन, संविधान का पाठ और सभा का आयोजन।
- भाजपा पर संविधान की मूल भावना को कमजोर करने का आरोप।
- संविधान बचाने का संकल्प और जन जागरूकता का आह्वान।
विस्तार :
Report By : News Era || Date : 27 Jan 2025 ||
गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 2025 को भाकपा-माले द्वारा संपतचक प्रखंड के विभिन्न गांवों में बड़े पैमाने पर तिरंगा मार्च और संविधान बचाव कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान खैराटाली, सैदानीचक, डोमनाचक, नहर क्षेत्र सहित अन्य स्थानों पर देशभक्ति और संविधान बचाने का आह्वान करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए गए।
डोमनाचक में आयोजित प्रमुख कार्यक्रम में भाकपा-माले के वरिष्ठ कार्यकर्ता बिंदा पासवान ने झंडोत्तोलन किया और राष्ट्रगान “जन गण मन” गाकर संविधान और गणतंत्र के प्रति सम्मान प्रकट किया। इसके साथ ही संविधान की उद्देशिका का एक फ्लेक्स और उद्देश्य का बोर्ड लगाया गया, जिसका उद्घाटन भाकपा-माले के प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार ने किया। इस दौरान संविधान का पाठ लक्ष्मी कुमार ने किया और वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने संविधान की रक्षा और धर्मनिरपेक्ष व समाजवादी मूल्यों को बनाए रखने की शपथ ली।
इस कार्यक्रम में स्थानीय वरिष्ठ लोगों और कार्यकर्ताओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। प्रमुख उपस्थित लोगों में वीरेंद्र रविदास, कैल्लू पासवान, छोटन पासवान, नरेश रविदास, सुमा देवी, लोकेश कुमार समेत कई अन्य शामिल थे। उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित किया और इसे बचाने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
संपतचक में तिरंगा मार्च और जनसभा
भाकपा-माले प्रखंड कमेटी के नेतृत्व में संपतचक के उप स्वास्थ्य केंद्र से प्रारंभ होकर प्राथमिक विद्यालय संपतचक, थाना रोड, गोपालपुर मोड़ तक भव्य तिरंगा मार्च का आयोजन किया गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। मार्च का समापन गोपालपुर मोड़ पर एक सभा के साथ हुआ, जहां वक्ताओं ने संविधान की रक्षा, लोकतंत्र और समानता के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।
सभा को भाकपा-माले के प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता राम पुकार, युवा नेता संदीप कुमार यादव, राम सिंगार पासवान, धनराज पासवान, सुरेश चंद्र ठाकुर, लोकेश कुमार, रंजीत कुमार, मनोज कुमार यादव, रानू रविदास, लाल बाबू प्रसाद, सुरेश दास, और विजेंद्र पंडित ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में भाजपा सरकार पर संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ करने और “समाजवादी” व “धर्मनिरपेक्ष” जैसे शब्दों को हटाने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संविधान को कमजोर करके देश में मनुस्मृति को लागू करने का प्रयास कर रही है। संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यह समानता, शिक्षा, रोजगार, और हर नागरिक को अधिकार दिलाने का आधार है।
गांधी मैदान की रैली में शामिल होने का आह्वान
सभा में उपस्थित लोगों को 9 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित “बदलो बिहार महाजुटान रैली” में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि यह रैली संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने सभी से अपील की कि इस रैली में भाग लेकर डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें और बिहार में सामाजिक न्याय की स्थापना करें।
अन्य स्थानों पर भी कार्यक्रम
इसके अतिरिक्त, अल्लाबकासपुर में भी तिरंगा मार्च निकाला गया और संविधान की उद्देशिका का पाठ किया गया। यहां आयोजित सभा को पुकार भारती, सत्यानंद कुमार, और संदीप कुमार यादव ने संबोधित किया।
इसी प्रकार, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक के पास झंडोत्तोलन किया गया और संविधान की उद्देशिका का फ्लेक्स लगाया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अजीत दास, रीता देवी, गुरुदेव मांझी, गनौरी मांझी, कुंती देवी, फुलवंती देवी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। उन्होंने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए इसे बचाने का संकल्प लिया।
संविधान बचाने का संकल्प
भाकपा-माले के प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार ने बताया कि ये कार्यक्रम केवल गणतंत्र दिवस मनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका उद्देश्य संविधान को बचाने, सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और धर्मनिरपेक्षता व समाजवाद के मूल्यों को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों की भागीदारी से स्पष्ट है कि जनता अब जागरूक हो रही है और अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो रही है।
यह कार्यक्रम एकजुटता, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित रखने के लिए जनता के बीच एक नई चेतना का प्रतीक बना।