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सुधाकर सिंह ने दिलीप जायसवाल पर बोला हमला

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सुधाकर सिंह ने दिलीप जायसवाल पर बोला हमला

 

सारांश : 

गणतंत्र दिवस पर तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर दिलीप जायसवाल के बयान को लेकर राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि कम पढ़े-लिखे लोग पद की गरिमा गिराते हैं। सुधाकर ने भाजपा पर जनहित को नजरअंदाज करने और सुर्खियां बटोरने के आरोप लगाए।

Report By : Rupesh Kumar Dubey || Date : 27 Jan 2025 || 

विस्तृत :

कैमूर (भभुआ): 26 जनवरी को पूरा देश 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के गांधी मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल न होने पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें संविधान और लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाने का संस्कार मिला है।

इस टिप्पणी के बाद बक्सर के राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कैमूर में रविवार को दिलीप जायसवाल पर करारा प्रहार किया। सुधाकर सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी है।

सुधाकर सिंह का पलटवार

राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “दिलीप जायसवाल जैसे कम पढ़े-लिखे लोग जब किसी बड़े पद पर जाते हैं, तो वे उस पद की गरिमा को गिराने का काम करते हैं। ऐसे लोग अजब-गजब बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है। लेकिन कुछ लोग इस अवसर को भी अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। सुधाकर सिंह ने कहा कि “हम जहां जनता के बीच रहकर झंडोत्तोलन करते हैं, वहीं ये लोग केवल सत्ता के केंद्र में रहकर कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं।”

गण और तंत्र की व्याख्या

सुधाकर सिंह ने गण और तंत्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारे देश में गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह गण का पर्व है। गण यानी जनता, जो लोकतंत्र का मुख्य आधार है। हमें जहां गण (जनता) है, वहीं राष्ट्र के सम्मान में झंडोत्तोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सांसद के रूप में दिल्ली में नहीं बल्कि अपने क्षेत्र में किसी कॉलेज कैंपस या सार्वजनिक स्थान पर झंडोत्तोलन करता हूं। यह भी राष्ट्र के प्रति सम्मान का विषय है।”

सांसद ने कहा कि देश की आजादी केवल तंत्र के लिए नहीं, बल्कि गण के लिए थी। “अगर केवल तंत्र की ही बात होती तो यह आजादी का उद्देश्य अधूरा रह जाता। आज भी हमें यह सुनिश्चित करना है कि जनता की भागीदारी हर कार्यक्रम में हो।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर तीखा वार

सुधाकर सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा, “बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल जैसे कम पढ़े-लिखे लोग अगर किसी पद पर जाते हैं, तो वह उसकी गरिमा घटाने का काम करते हैं। ये लोग अपने बयानों के जरिए केवल सुर्खियां बटोरने का प्रयास करते हैं। यह कहीं से भी उचित नहीं है।”

उन्होंने कहा कि ऐसे बयान जनता को भटकाने और ध्यान बांटने का काम करते हैं। “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश की राजनीति में ऐसे लोग शामिल हैं, जो जनता की समस्याओं को सुलझाने के बजाय खुद को सुर्खियों में बनाए रखने पर जोर देते हैं।”

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी

गौरतलब है कि बिहार में राजनीतिक बयानबाजी का यह सिलसिला नए साल की शुरुआत से ही तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब इसमें राजद सांसद सुधाकर सिंह के तीखे बयान ने और अधिक गर्मी ला दी है।

गणतंत्र दिवस पर दलों के अलग-अलग कार्यक्रम

जहां एक ओर भाजपा के नेता सत्ता पक्ष पर संविधान और लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं राजद नेताओं का कहना है कि जनता के बीच रहकर गणतंत्र दिवस मनाना सच्चा राष्ट्रवाद है। राजद सांसद का यह कहना है कि “हमारा कर्तव्य है कि हम जनता के बीच जाकर उनके साथ इस दिन का जश्न मनाएं।” दूसरी ओर, भाजपा नेताओं का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों को भव्य तरीके से मनाकर जनता को लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराना चाहिए।

सुधाकर सिंह का दृष्टिकोण

सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि राजनीति केवल सत्ता पाने का माध्यम नहीं होनी चाहिए। यह जनता की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा का माध्यम होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि इस देश की असली ताकत उसकी जनता है। अगर हम जनता के हितों को नजरअंदाज करेंगे, तो यह देश कभी भी अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर सकेगा।”

सुधाकर सिंह का यह बयान बिहार की राजनीति में नए सियासी विवाद को जन्म दे सकता है। अब देखना यह होगा कि दिलीप जायसवाल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और यह मुद्दा आगामी दिनों में कितना तूल पकड़ता है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में मुद्दों के साथ-साथ व्यक्तित्वों की भी अहम भूमिका होती है।

 

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