
यूपी पुलिस ने 50 हजार के इनामी बदमाश नईम को एनकाउंटर
सारांश :
नईम ने सौतेले भाई के परिवार के 5 लोगों की हत्या की थी। घटना में पति-पत्नी और तीन मासूम बच्चियां मारी गईं। हत्या के बाद नईम महाराष्ट्र और दिल्ली में छिपता रहा। पुलिस ने उसे घेरकर एनकाउंटर में ढेर कर दिया। नईम पर हत्या और धोखाधड़ी समेत कई मामले दर्ज थे।
Report By : News Era || Date : 25 Jan 2025 ||
विस्तारित :
उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने कुख्यात अपराधी और 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश नईम उर्फ जमील को मुठभेड़ में मार गिराया। नईम हाल ही में चर्चा में तब आया था, जब उसने अपने सौतेले भाई के पूरे परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस दिल दहलाने वाली घटना में पति-पत्नी और उनकी तीन मासूम बच्चियां शामिल थीं।
9 जनवरी की खौफनाक घटना
मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके के सोहेल गार्डन में यह वारदात 9 जनवरी को सामने आई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि एक घर में कुछ गड़बड़ी है। जब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, तो अंदर का दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला था। पति मोइन और पत्नी असमा के शव जमीन पर पड़े थे, जबकि तीन बच्चियों अफ़्सा (8), अजीजा (4) और अदीबा (1) के शव बेड बॉक्स और बोरी में छुपाए गए थे।
पड़ोसियों ने बताया कि मोइन मिस्त्री का काम करता था और उसकी किसी से दुश्मनी होने की कोई बात सामने नहीं आई थी। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो सारा शक नईम पर जाकर टिक गया। पुलिस को बाद में पता चला कि नईम ने ही इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था।
पूरी साजिश का खुलासा
जांच में पता चला कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड नईम ही था। उसने बड़ी चालाकी से पूरे परिवार की हत्या कर घर में ताला लगा दिया और फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक, नईम हत्या के बाद लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा। वह दिल्ली, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भेष बदलकर छुप रहा था। इस दौरान वह पुलिस को चकमा देने की हर संभव कोशिश कर रहा था।
नईम ने हत्या के पीछे अपनी निजी रंजिश और संपत्ति विवाद को कारण बताया था। उसने पहले से ही इस वारदात की योजना बनाई थी। हत्या के बाद उसने न केवल घर को बंद कर दिया, बल्कि सबूत मिटाने की भी कोशिश की। पुलिस ने घटनास्थल से कई अहम सबूत इकट्ठा किए, जिससे नईम को पकड़ने में मदद मिली।
एनकाउंटर की पूरी कहानी
नईम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। कई राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। आखिरकार मेरठ पुलिस ने उसे घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान नईम ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। पुलिस ने उसके पास से हथियार भी बरामद किए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नईम ने आत्मसमर्पण करने की बजाय पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिससे पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई और लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की।
नईम का आपराधिक इतिहास
नईम का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा है। उसके खिलाफ दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज थे। उसकी आपराधिक गतिविधियों ने उसे एक खतरनाक अपराधी के रूप में स्थापित किया था।
नईम पर दर्ज प्रमुख केस:
- 1999: धारा 457, 380 आईपीसी (थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली)
- 1999: धारा 379 आईपीसी (थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली)
- 1999: धारा 380 आईपीसी (थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली)
- 2000: धारा 302, 201 आईपीसी (थाना खजूरी खास, दिल्ली)
- 2006: धारा 302 आईपीसी (थाना मुंब्रा, महाराष्ट्र)
- 2023: धारा 103 (1) बीएनएस (थाना लिसाड़ी गेट, मेरठ)
इन मामलों के अलावा भी नईम पर धोखाधड़ी, हत्या और अन्य संगीन अपराधों के कई मामले दर्ज थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह कई वर्षों से फरार चल रहा था और हर बार कानून से बच निकलने में कामयाब होता था।
पुलिस की रणनीति और सफलता
पुलिस ने नईम की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी। आधुनिक तकनीक और मुखबिरों के सहारे पुलिस ने उसकी लोकेशन का पता लगाया और उसे घेर लिया। एनकाउंटर के दौरान नईम ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे काबू कर लिया।
पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि नईम जैसे अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़ी सतर्कता और योजना की जरूरत होती है। इस एनकाउंटर के बाद पुलिस विभाग ने अपनी सफलता का श्रेय टीम वर्क और स्थानीय लोगों के सहयोग को दिया।
समाज में फैला खौफ
नईम की हरकतों ने समाज में भय का माहौल पैदा कर दिया था। सौतेले भाई के परिवार की हत्या से पूरे इलाके में गुस्सा और दहशत थी। नईम के एनकाउंटर से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। लोग अब खुद को थोड़ा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था की मजबूती
इस मुठभेड़ ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता को फिर से साबित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नईम का अंत यह संदेश देता है कि कानून के खिलाफ जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है। समाज अब नईम जैसे अपराधियों के खात्मे के बाद खुद को थोड़ा सुरक्षित महसूस कर रहा है।