उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय का सपना हुआ साकार, मुरली मनोहर श्रीवास्तव की वर्षों की मेहनत रंग लाई

उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय का सपना हुआ साकार, मुरली मनोहर श्रीवास्तव की वर्षों की मेहनत रंग लाई
Report By: News Era || Date: 16 feb 2025
डुमरांव (बक्सर): वर्षों की अथक मेहनत और अडिग संकल्प के बाद प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार मुरली मनोहर श्रीवास्तव का सपना आखिरकार साकार हो गया। बिहार सरकार ने डुमरांव में ‘बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय’ स्थापित करने की घोषणा कर दी है। यह वही स्थान है जहां से भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का सफर शुरू हुआ था।
तीन दशक से उस्ताद की विरासत को संजोने में जुटे मुरली
मुरली मनोहर श्रीवास्तव वर्ष 1990 से उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं। उन्होंने उस्ताद पर कई पुस्तकें लिखीं, डॉक्यूमेंट्री बनाई और वर्ष 2013 में डुमरांव में बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था।
मुख्य बिंदु:
- 1990 से 2006: मुरली उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के सानिध्य में रहे और उनकी जीवन यात्रा पर शोध किया।
- 2009: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी लिखी पुस्तक ‘शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां’ का लोकार्पण किया।
- 2013: पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में मुरली ने डुमरांव में बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया।
- 2015: मुरली के आग्रह पर तत्कालीन विधायक डॉ. दाउद अली ने भूमि आवंटन के लिए पत्र लिखा।
- 2022: मुरली की उस्ताद पर किए गए कार्यों को ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में स्थान मिला।
बिहार सरकार ने दिया हरी झंडी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के सम्मान में डुमरांव में संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। यह निर्णय मुरली मनोहर श्रीवास्तव की वर्षों की मेहनत और उनके द्वारा किए गए प्रयासों का प्रतिफल है।
‘बाजे शहनाई हमार अंगना’ से लेकर डॉक्यूमेंट्री तक का सफर
डॉ. शशि भूषण श्रीवास्तव की पहल पर बनी फिल्म ‘बाजे शहनाई हमार अंगना’ का निर्माण डुमरांव में हुआ था। इस फिल्म का मुहूर्त उस्ताद बिस्मिल्लाह खां और महाराजा कमल सिंह ने किया था। वर्ष 2017 में उस्ताद की 101वीं जयंती पर मुरली द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री ‘सफर-ए-बिस्मिल्लाह’ बिहार संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोकार्पित की गई।
बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट की पहल
बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वालों को ‘बिस्मिल्लाह खां सम्मान’ से सम्मानित करता है। यह ट्रस्ट उस्ताद की विरासत को जीवंत रखने का कार्य कर रहा है।
भविष्य की योजनाएं
बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय के निर्माण से न केवल उस्ताद की स्मृति को सहेजा जाएगा बल्कि संगीत साधकों को प्रशिक्षण देने का केंद्र भी बनेगा। यह संस्थान शास्त्रीय संगीत की धरोहर को संजोने और नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगा।