औरंगाबाद: घरेलू विवाद के बाद सास ने जहर खाकर की आत्महत्या

औरंगाबाद: घरेलू विवाद के बाद सास ने जहर खाकर की आत्महत्या
Report By: चितरंजन कुमार || Date: 24 feb 2025
औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड स्थित बनिया गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। घरेलू विवाद के बाद एक 75 वर्षीय वृद्ध महिला ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार की बताई जा रही है। मृतका की पहचान पूनिया देवी के रूप में हुई है, जो बनिया गांव के चंद्रदीप पासवान की पत्नी थीं।
घटना का विवरण
घरेलू विवाद के चलते पूनिया देवी और उनकी बहू के बीच कहासुनी हो गई थी। झगड़े के बाद पूनिया देवी ने जहर खा लिया। जब अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उल्टियां होने लगीं, तब घरवालों को शक हुआ कि उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया है। परिजन पुलिस के डर से उन्हें अस्पताल ले जाने में हिचकिचा रहे थे।
स्थानीय लोगों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत मृतका के घर पहुंचे और उन्हें इलाज के लिए मदनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर जयकुमार ने प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर बाद इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
परिजनों की प्रतिक्रिया
मृतका का पति वृद्ध और बीमार है, जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं, जो सभी विवाहित हैं। दोनों बेटे मजदूरी का काम करते हैं। जिस बहू से झगड़ा हुआ था, वह घटना के बाद से फरार बताई जा रही है, जबकि अन्य परिजन घर पर ही मौजूद हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मदनपुर थाना के पुलिस पदाधिकारी शिवकुमार हेंब्रम दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचे और शव को अपने कब्जे में ले लिया। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
मामले की जांच जारी
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार में पहले भी छोटे-मोटे विवाद होते रहे हैं, लेकिन यह घटना पूरे गांव के लिए चौंकाने वाली है। पुलिस फरार बहू की तलाश कर रही है और घटना के पीछे की असली वजह जानने के लिए सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है।
समाज में बढ़ती घरेलू कलह
इस घटना ने एक बार फिर घरेलू कलह की गंभीरता को उजागर किया है। घरेलू विवाद कई बार ऐसे गंभीर परिणाम दे सकते हैं, जिससे पूरे परिवार को नुकसान होता है। सामाजिक संगठनों और प्रशासन को इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।