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बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार: बीजेपी के सात विधायक बने मंत्री

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बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार: बीजेपी के सात विधायक बने मंत्री

संक्षिप्त न्यूज़

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ, जिसमें बीजेपी के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दिया। बीजेपी और जदयू के बीच तालमेल मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। आगामी चुनावों पर इसका असर देखने लायक होगा।

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 26 Feb 2025||

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। चुनाव से करीब 6-7 महीने पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया गया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में इन नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

नए मंत्रियों की सूची:

विधायक का नाम विधानसभा सीट
संजय सरावगी दरभंगा
सुनील कुमार बिहारशरीफ
जिबेश कुमार जाले
राजू कुमार सिंह साहेबगंज
मोती लाल प्रसाद रीगा
विजय कुमार मंडल सिक्टी
कृष्ण कुमार मंटू अमनौर

बीजेपी की बैठक और मंत्रिमंडल विस्तार की पृष्ठभूमि

नीतीश कैबिनेट के विस्तार से पहले बिहार बीजेपी के नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जिसमें मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई। यह बैठक बिहार में बीजेपी की आगामी रणनीति और संगठनात्मक बदलावों को लेकर भी महत्वपूर्ण रही।

इससे पहले बिहार सरकार के राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दिलीप जायसवाल ने कहा कि उन्होंने बीजेपी में “एक व्यक्ति, एक पद” के सिद्धांत के तहत अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। उनके इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार की अटकलों को और बल मिला।

कैबिनेट विस्तार के राजनीतिक मायने

बिहार की राजनीति में इस कैबिनेट विस्तार के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी और जदयू के बीच गठबंधन को और मजबूत करने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वहीं, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने अपने कुछ मजबूत चेहरों को सरकार में शामिल कर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश की है।

नीतीश कैबिनेट के विस्तार के बाद बीजेपी और जदयू के बीच तालमेल को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और साथ ही दिलीप जायसवाल से भी बातचीत की।

विस्तार से मिल सकते हैं नए राजनीतिक संकेत

इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीजेपी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। बिहार की जनता पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

इसके अलावा, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न दलों के बीच गठजोड़ और समीकरण बदलते नजर आ सकते हैं। बीजेपी और जदयू की एकता को बरकरार रखने के लिए यह कदम उठाया गया है या फिर इसके अन्य राजनीतिक निहितार्थ हैं, यह समय के साथ स्पष्ट होगा।

कैबिनेट विस्तार के बाद जनता और विपक्ष की प्रतिक्रियाओं पर भी राजनीतिक दलों की नजर बनी हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मंत्री अपने विभागों में कैसे प्रदर्शन करते हैं और सरकार की नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में कितने सफल होते हैं।

इस विस्तार से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। देखना यह होगा कि आगामी दिनों में यह कैबिनेट विस्तार सरकार और गठबंधन के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।

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