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देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस पर मुख्यमंत्री ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस पर मुख्यमंत्री ने अर्पित की श्रद्धांजलि

संक्षिप्त खबर :

पटना, 28 फरवरी 2025 –पटना में देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस पर राजकीय समारोह आयोजित हुआ। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बिहार सैन्य पुलिस ने शोक सलामी दी। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनके विचारों को स्मरण किया गया।

Report By : Bipin Kumar (News Era ) || Date : 28 Feb 2025 ||

भारत के प्रथम राष्ट्रपति, देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के 62वें निर्वाण दिवस के अवसर पर उन्हें पूरे देश ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके अतुलनीय योगदान को याद करते हुए, विभिन्न सरकारी और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें देश के शीर्ष नेताओं, गणमान्य व्यक्तियों और आम नागरिकों ने भाग लिया।

बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने देशरत्न की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की

 

मुख्य राजकीय समारोह का आयोजन

पटना में महाप्रयाण घाट (बांस घाट) स्थित उनकी समाधि स्थल पर भव्य राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने देशरत्न की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। दोनों ने समाधि की परिक्रमा कर उन्हें नमन किया और उनके आदर्शों एवं योगदान को याद किया।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की ओर से बिहार के राज्यपाल के परिसहाय, उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की ओर से जिला दंडाधिकारी पटना और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आयुक्त पटना प्रमंडल ने पुष्पचक्र अर्पित कर डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बिहार सैन्य पुलिस द्वारा शोक सलामी दी गई और उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर इस महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की उपस्थिति

इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव श्री अरविंद कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री अवकाश कुमार भी इस श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित रहे। समारोह के दौरान वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व, उनकी सादगी, कर्तव्यपरायणता और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का योगदान और व्यक्तित्व

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारत के पहले राष्ट्रपति बने और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान निष्पक्षता, ईमानदारी और सेवा भाव की अनूठी मिसाल पेश की।

उनकी सादगी और त्यागमयी जीवनशैली आज भी प्रेरणा देती है। वे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी बेहद सादे जीवन का पालन करते थे और भारतीय संस्कृति तथा मूल्यों के प्रति समर्पित थे। उनका मानना था कि राष्ट्र निर्माण के लिए नैतिकता और चरित्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों द्वारा डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां की गईं। विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने उनकी जीवनी और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर भाषण दिए। इसके अलावा, कवि सम्मेलन और भजन संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रसिद्ध कवियों और कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प

समारोह में उपस्थित नेताओं और वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के विचारों और सिद्धांतों को नई पीढ़ी तक पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा सकता है। उनके जीवन से हमें देशभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव की प्रेरणा मिलती है।

देशभर में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के निर्वाण दिवस के अवसर पर न केवल पटना, बल्कि पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, रांची, वाराणसी, चंडीगढ़ समेत कई शहरों में संगोष्ठियों, व्याख्यानों और पुष्पांजलि समारोहों का आयोजन किया गया।

विशेष रूप से, बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में भी श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया गया, जहाँ प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों और छात्रों ने भाग लिया। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिता और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिनका विषय डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के जीवन और कार्यों पर केंद्रित था।

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का जीवन समर्पण, सादगी और निःस्वार्थ सेवा का अद्भुत उदाहरण है। उनके आदर्शों को अपनाकर ही हम उनके सपनों का भारत बना सकते हैं। उनके 62वें निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित यह भव्य समारोह न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम था, बल्कि उनके विचारों और सिद्धांतों को पुनः स्मरण करने का भी एक अवसर था।

समारोह में शामिल सभी लोगों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का जीवन और उनके मूल्य आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के समय थे। इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

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