मुख्यमंत्री कृषि विधुत संबंध योजना: बिहार सरकार की अनूठी पहल
कृषि संबंधी न्यूज़

मुख्यमंत्री कृषि विधुत संबंध योजना: बिहार सरकार की अनूठी पहल
सारांश :
पटना: बिहार सरकार की ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ के तहत किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन और मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। इससे पटवन कार्य 10 गुना सस्ता हो गया है। सितंबर 2026 तक 8.40 लाख किसानों को कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इच्छुक किसान 28 फरवरी, 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
विस्तार :
Report BY : News Era || Date : 03 Feb 2025 ||
बिहार सरकार की ‘मुख्यमंत्री कृषि विधुत संबंध योजना’ किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चलाई जा रही इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन और मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है। इससे न केवल किसानों को राहत मिल रही है, बल्कि कृषि उत्पादन भी बढ़ रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए किफायती बिजली उपलब्ध कराना है जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिले।
योजना के प्रमुख लाभ:
- मुफ्त बिजली कनेक्शन: किसानों को बिना किसी शुल्क के उनके खेतों तक बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उनके सिंचाई के साधन सुलभ हो रहे हैं।
- कम लागत पर बिजली: किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है, जिससे डीजल पंप की तुलना में पटवन कार्य 10 गुना सस्ता हो गया है। इसके कारण किसानों की उत्पादन लागत में भारी कमी आई है।
- बिजली आपूर्ति में सुधार: कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति 12 घंटे से बढ़ाकर 16 घंटे कर दी गई है। इससे किसानों को बेहतर फसल उत्पादन के लिए पर्याप्त संसाधन मिल रहे हैं।
- आर्थिक रूप से सशक्त किसान: सस्ती बिजली उपलब्ध होने से कृषि कार्य के लिए किसानों की निर्भरता डीजल पर कम हुई है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है।
सरकारी प्रयास और लक्ष्य
बिहार सरकार किसानों की सिंचाई समस्याओं को हल करने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। ऊर्जा विभाग ने सितंबर 2026 तक राज्य में 8.40 लाख किसानों को कृषि विधुत कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। अब तक 5.42 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
- वर्ष 2024-25 के लिए लक्ष्य: दिसंबर 2024 तक 1.50 लाख कृषि विधुत कनेक्शन देने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया गया है।
- डेडिकेटेड कृषि फीडर: रिवैंप्ड ड्रिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDS) के तहत 465 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाए गए हैं, जिससे किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
- ट्रांसफार्मर और वितरण लाइनों में सुधार: 93,420 ट्रांसफार्मर लगाने पर काम जारी है और 35,098 सर्किट किमी वितरण लाइनों का पुनर्निर्माण किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।
- बिजली दरों में अनुदान: बिहार सरकार द्वारा निर्धारित कृषि विद्युत दर 6.74 रुपये प्रति यूनिट में से 6.19 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 28 फरवरी, 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल और सुगम है:
- ऑनलाइन आवेदन: आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को अपनी जमीन और पहचान संबंधी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
- स्थानीय बिजली कार्यालय में संपर्क करें: नजदीकी विद्युत कार्यालय में जाकर भी आवेदन किया जा सकता है, जहां अधिकारियों द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाता है।
- समयबद्ध प्रक्रिया: किसानों को आवेदन के 30 दिनों के भीतर कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
इस योजना की सफलता से राज्य में कृषि कार्य को आधुनिक और सुलभ बनाने में मदद मिली है। किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उनकी लागत में भारी कमी आई है। सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।
-
सिंचाई सुविधा में सुधार:
इस योजना के कारण बिहार में किसानों को पूरे वर्ष सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है, जिससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है।
-
समाज और पर्यावरण पर प्रभाव:
इस योजना के माध्यम से डीजल पंपों की निर्भरता कम होने से पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिल रहा है।
-
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन बढ़ने से कृषि आधारित उद्योगों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
‘मुख्यमंत्री कृषि विधुत संबंध योजना’ बिहार सरकार की एक सराहनीय पहल है, जिससे किसानों को सस्ती और पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो रही है। इस योजना से कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है, किसानों की आय में सुधार हो रहा है और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। सरकार के प्रयासों से बिहार का कृषि क्षेत्र नए आयाम स्थापित कर रहा है, जिससे राज्य की आत्मनिर्भरता भी बढ़ रही है।