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ओबरा में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि, कैंडल मार्च निकालकर वीर जवानों को किया नमन

Aurangabad News

ओबरा में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि, कैंडल मार्च निकालकर वीर जवानों को किया नमन

सारांश :

औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में कैंडल मार्च निकाला गया। सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट के बैनर तले आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में युवाओं ने दो मिनट का मौन रखकर वीर शहीदों को नमन किया। कैंडल मार्च खरांटी स्थित शहीद जगतपति कुमार स्मारक से बेल मोड़ तक निकाला गया। “वीर शहीद अमर रहें” के नारों से ओबरा गूंज उठा। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Report By : Chitranjan kumar (News Era, Aurangabad ) || Date : 15 Feb 2025 ||

औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड में पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार देर शाम एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट के बैनर तले संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत

इस श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत ओबरा के खरांटी स्थित शहीद जगतपति कुमार स्मारक से की गई। वहां उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर लोगों ने देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों के बलिदान को याद किया और उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

इसके बाद शहीद जगतपति कुमार स्मारक से एक कैंडल मार्च निकाला गया, जो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-139) से होते हुए बेल मोड़ तक गया। इस कैंडल मार्च में शामिल लोगों ने ‘वीर शहीद अमर रहे’, ‘जय हिंद’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से पूरे ओबरा क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।

क्यों खास था यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम?

14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों द्वारा एक आत्मघाती हमले में भारतीय सेना के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। यह हमला तब हुआ था जब सीआरपीएफ के जवानों का काफिला श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहा था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसी घटना की स्मृति में और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस कैंडल मार्च का आयोजन किया गया।

सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट की पहल

इस कार्यक्रम का आयोजन सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट द्वारा किया गया था, जो समाज में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करता है। इस ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की कुर्बानी को याद रखना हमारा कर्तव्य है। उनके सम्मान में कैंडल मार्च निकालकर हम उनके बलिदान को नमन कर सकते हैं।

शहीदों के प्रति समर्पण और सम्मान

इस श्रद्धांजलि मार्च में ओबरा के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। हाथों में जलती हुई मोमबत्तियां लेकर लोग शहीदों के बलिदान को याद कर रहे थे। इस दौरान कई लोगों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि पुलवामा हमले की भयावह यादें अभी भी लोगों के दिलों में ताजा हैं।

सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट के सदस्य पुष्कर अग्रवाल ने कहा, “आज का दिन भारत के इतिहास में सबसे दुखद दिनों में से एक है। हम पुलवामा के वीर शहीदों को याद कर रहे हैं और उनके सम्मान में यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम अपने वीर जवानों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।”

इस कार्यक्रम में उपस्थित चंदन सिंह ने कहा, “शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम उनके आदर्शों पर चलेंगे और देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।” नवलेश मिश्रा ने भी इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “हमारे जवान देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हमें उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलना चाहिए।”

जनता की भावनाएं और संदेश

कैंडल मार्च में शामिल सहजानंद डिक्कू ने कहा कि शहीदों के बलिदान को याद रखना और उन्हें सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “हमारे सैनिक सीमा पर दिन-रात तैनात रहकर हमारी रक्षा करते हैं। हमें उनका सम्मान करना चाहिए और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए।”

इस कार्यक्रम में शामिल आनंद विश्वकर्मा ने कहा, “यह सिर्फ एक कैंडल मार्च नहीं है, बल्कि यह शहीदों के प्रति हमारी श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि देश के हर नागरिक को यह एहसास हो कि हमारी सेना किस प्रकार हमारी सुरक्षा करती है और हमें उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए।”

अंतिम विचार

यह श्रद्धांजलि सभा और कैंडल मार्च ओबरा के नागरिकों द्वारा पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे देश की रक्षा और सुरक्षा के प्रति हमेशा जागरूक रहेंगे और शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।

यह कार्यक्रम न केवल पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था, बल्कि यह भी संदेश देने के लिए था कि हम सभी को अपने देश की सेवा करने और अपने सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

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