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अखिल भारतीय असैनिक सेवा संगीत, नृत्य एवं लघु नाट्य प्रतियोगिता 2024-25 का छठा दिन सुरों और संगीत से सजा

बिहार न्यूज़

अखिल भारतीय असैनिक सेवा संगीत, नृत्य एवं लघु नाट्य प्रतियोगिता 2024-25 का छठा दिन सुरों और संगीत से सजा

पटना, 02 मार्च 2025: बिहार के राजधानी पटना में आयोजित ‘अखिल भारतीय असैनिक सेवा संगीत, नृत्य एवं लघु नाट्य प्रतियोगिता 2024-25’ का आज छठा दिन था। यह आयोजन बिहार सचिवालय स्पोर्ट्स फाउंडेशन के तत्वावधान में केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा बोर्ड, भारत सरकार के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन का समापन कल पुरस्कार वितरण समारोह के साथ होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ होंगे। इसके अलावा, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री अभय कुमार सिंह तथा ऊर्जा विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

संगीत और नृत्य की भव्य प्रस्तुतियां

छठे दिन भी इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देशभर से आए सिविल सेवा अधिकारियों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और वाद्य संगीत की विभिन्न प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। प्रतिभागियों ने अपनी कला से संगीत प्रेमियों को एक ऐसा माहौल दिया, जिसमें शुद्ध भारतीय संगीत की खुशबू बिखर गई।

प्रतियोगिता के अंतर्गत आयोजित विभिन्न विधाएं

आज के कार्यक्रम में चार अलग-अलग विधाओं में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रत्येक विधा में प्रतिभागियों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी प्रस्तुति देनी थी।

1. हिंदुस्तानी क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल (वाद्य संगीत)

इस विधा में कुल दस प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रत्येक प्रतिभागी को अपनी प्रस्तुति देने के लिए 10 मिनट का समय दिया गया। कलाकारों ने सितार, सरोद, बांसुरी और तबला जैसे पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्रों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। श्रोताओं को शुद्ध रागों की स्वरलहरियों का अद्भुत आनंद प्राप्त हुआ।

2. हिंदुस्तानी लाइट क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल (उपशास्त्रीय वाद्य संगीत)

दूसरी विधा ‘हिंदुस्तानी लाइट क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल’ में कुल 12 प्रतिभागी शामिल हुए। इस विधा में कलाकारों ने उपशास्त्रीय संगीत वाद्ययंत्रों की मदद से अपनी कला का परिचय दिया। प्रत्येक प्रतिभागी को 5 मिनट की समय सीमा दी गई थी। इस विधा में भी बांसुरी, वायलिन, संतूर और तबले की मधुर संगत ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। दर्शकों ने इस प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की प्रतिभा की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

3. हिंदुस्तानी क्लासिकल वोकल (शास्त्रीय गायन)

तीसरी विधा ‘हिंदुस्तानी क्लासिकल वोकल’ थी, जिसमें 11 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को 10 मिनट का समय दिया गया, जिसमें उन्होंने अपनी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कलाकारों ने राग-based बंदिशें गाईं, जिससे पूरे सभागार में भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुगंध फैल गई।

4. हिंदुस्तानी लाइट क्लासिकल वोकल (उपशास्त्रीय गायन)

चौथी और अंतिम विधा ‘हिंदुस्तानी लाइट क्लासिकल वोकल’ में 16 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस विधा में ठुमरी, दादरा, ग़ज़ल और भजन जैसी पारंपरिक विधाओं की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। प्रत्येक प्रतिभागी को 5 मिनट का समय दिया गया। प्रतिभागियों ने अपनी सुरीली आवाज़ और भावपूर्ण अभिव्यक्ति से दर्शकों का मन मोह लिया।

प्रतिभागियों की प्रशंसा और आयोजन की सराहना

देश के विभिन्न राज्यों से आए सिविल सेवा अधिकारियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेते हुए बिहार सरकार और आयोजकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। प्रतिभागियों ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न केवल सिविल सेवा अधिकारियों की कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और कला को भी संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बिहार सरकार और केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा बोर्ड के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में आयोजकों, जूरी सदस्यों और स्वयंसेवकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रतिभागियों ने कहा कि वे इस आयोजन से प्रेरित होकर अपने-अपने राज्यों में भी इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन कराने का प्रयास करेंगे।

समापन समारोह कल होगा

प्रतियोगिता के समापन समारोह का आयोजन कल किया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ मुख्य अतिथि होंगे, जबकि नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री अभय कुमार सिंह तथा ऊर्जा विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

इस प्रतियोगिता ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध किया है और यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कला और संगीत के प्रति उत्साह को बढ़ाया है। कल समापन समारोह के साथ ही सभी प्रतिभागी इन खूबसूरत यादों को संजोकर अपने-अपने राज्यों को लौट जाएंगे।

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