औरंगाबाद: खलिहान में लगी भीषण आग, 5 बीघा पुआल जलकर राख, किसानों को भारी नुकसान

औरंगाबाद: खलिहान में लगी भीषण आग, 5 बीघा पुआल जलकर राख, किसानों को भारी नुकसान
Report By : Chitranjan Kumar (News Era_) || Date : 06 March 2025||
औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के सदीपुर स्थित नारायणपुर गांव में गुरुवार दोपहर एक भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें किसान बैजनाथ शर्मा के खलिहान में रखा पांच बीघा पुआल जलकर राख हो गया। इस आग ने पूरे गांव में दहशत पैदा कर दी। किसान और पशुपालक इस नुकसान से बेहद चिंतित हैं क्योंकि पुआल ही उनके मवेशियों के लिए मुख्य चारा होता है। इस आग के कारण किसान को आर्थिक रूप से भी भारी क्षति हुई है।
आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि या तो किसी की लापरवाही से या फिर किसी अज्ञात कारण से यह आग लगी होगी। ग्रामीणों ने तुरंत इस आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया। इस बीच किसी ने ओबरा थाना को इसकी सूचना दी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया।
ग्रामीणों ने आग बुझाने का किया प्रयास
आग लगते ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। धुएं के काले बादल आसमान में फैल गए, जिससे आस-पास के लोगों में डर का माहौल बन गया। जैसे ही आग की लपटें ग्रामीणों ने देखीं, वे तुरंत अपने घरों से बाल्टी, गमला और पानी के अन्य साधन लेकर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। कई ग्रामीणों ने पास के कुएं और नलकूप से पानी निकालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उनकी कोशिशें नाकाम रहीं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यदि ग्रामीण तुरंत सक्रिय नहीं होते, तो आग और फैल सकती थी। खलिहान के आसपास और भी किसानों के पुआल के ढेर रखे हुए थे, जो आग की चपेट में आ सकते थे। यह देखते हुए ग्रामीणों ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन आग पर काबू नहीं पा सके। इसी दौरान प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।
दमकल विभाग की तत्परता से टला बड़ा हादसा
घटना की सूचना मिलते ही ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचित किया। अग्निशमन दल की टीम कुछ ही समय में मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया। दमकलकर्मियों को आग बुझाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि तेज़ हवा के कारण आग और भड़क रही थी।
दमकल विभाग ने अपनी पूरी क्षमता के साथ आग पर काबू पाया और गांव को एक बड़े संकट से बचा लिया। यदि आग समय पर नहीं बुझाई जाती, तो यह अन्य किसानों के खलिहान और घरों तक पहुंच सकती थी, जिससे और अधिक तबाही मच सकती थी। प्रशासन ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और इस अग्निकांड के कारण हुए नुकसान का आकलन किया।
शादी समारोह पर भी मंडराया खतरा
इस आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खलिहान के पास ही एक घर में शादी समारोह की तैयारियां चल रही थीं। वहां टेंट और समियाना भी लगा हुआ था, जो अगर आग की चपेट में आ जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। शादी की खुशियां मातम में बदल सकती थीं, लेकिन ग्रामीणों की तत्परता और दमकलकर्मियों की मुस्तैदी ने इसे बचा लिया।
शादी समारोह के आयोजनकर्ताओं ने राहत की सांस ली कि आग पर नियंत्रण पा लिया गया और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। हालांकि, इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि गांवों में अग्निकांड से बचाव के लिए ठोस उपाय क्यों नहीं किए जाते?
किसानों को हुआ भारी नुकसान
इस भीषण अग्निकांड ने किसान बैजनाथ शर्मा की मेहनत को पूरी तरह नष्ट कर दिया। उनके खलिहान में रखा लगभग पांच बीघा पुआल पूरी तरह जलकर राख हो गया, जिससे उनके मवेशियों के चारे का संकट खड़ा हो गया है। पशुपालकों को इस हादसे से गहरा झटका लगा है, क्योंकि पुआल की कीमत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और नए सत्र में इसे इकट्ठा करना आसान नहीं होगा।
आसपास के किसानों ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और चिंता जताई कि अगर प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी। किसानों ने सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।
पंचायत ने मदद का दिया आश्वासन
पंचायत की सरपंच राजश्री शर्मा ने बताया कि यह आग अगर फैल जाती, तो गांव में और भी बड़े नुकसान की आशंका थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की तत्परता और साहस की वजह से आग पर समय रहते काबू पाया जा सका। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि उन्हें उनके नुकसान की भरपाई मिल सके।
सरपंच ने कहा कि पंचायत स्तर पर किसानों की मदद करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि गांव में अग्निशमन से जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
ग्रामीणों की मांग – आग लगने के कारणों की हो जांच
ग्रामीणों ने इस घटना की गहराई से जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि आग किन कारणों से लगी। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यह आग किसी बाहरी व्यक्ति की लापरवाही से भी लगी हो सकती है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यह किसी के षड्यंत्र का नतीजा भी हो सकता है।
गांव वालों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वे इस घटना की जांच करें और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कदम उठाएं। यदि आग लगने के कारणों का सही तरीके से पता चल जाए, तो आगे के लिए सतर्कता बरती जा सकती है।
इस अग्निकांड ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गांवों में अग्निशमन की समुचित व्यवस्था न होने से हर साल किसानों को बड़े नुकसान उठाने पड़ते हैं। अगर दमकल की टीम समय पर नहीं पहुंचती, तो नुकसान और भी बढ़ सकता था। प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना की जांच करे और किसानों के लिए ऐसी योजनाएं बनाए जिससे उन्हें भविष्य में इस तरह की आपदाओं से सुरक्षित रखा जा सके।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा मिले और अग्निशमन से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत किया जाए। अगर प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।