IAS संजीव हंस टेंडर घोटाला: ED की बड़ी कार्रवाई, पटना में छापेमारी में करोड़ों की बरामदगी

IAS संजीव हंस टेंडर घोटाला: ED की बड़ी कार्रवाई, पटना में छापेमारी में करोड़ों की बरामदगी
Report By: News Era || Date: 27 Mar 2025
पटना: बिहार में टेंडर घोटाले से जुड़ी जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पटना में भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी दास के ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कई करोड़ रुपये नगद मिलने की बात सामने आ रही है। इतना अधिक कैश बरामद हुआ कि नोटों को गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी।
पटना में अनीसाबाद स्थित आवास पर छापेमारी
ED की टीम ने अनीसाबाद के पूर्णेंदु नगर में स्थित तारिणी दास के आवास पर छापा मारा। जांच एजेंसी को शक था कि तारिणी दास टेंडर प्रक्रिया में धांधली कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे थे। इसके बदले वह मोटी रकम वसूलते थे। ED को इस मामले में पहले से ही ठोस सबूत मिले थे, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
टेंडर मैनेजमेंट में रिश्वतखोरी का खुलासा
जानकारी के अनुसार, तारिणी दास अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ठेकेदारों के लिए टेंडर मैनेज करने में मदद करते थे। इसके बदले में वे बड़ी रकम वसूलते थे। इस खेल में कई अन्य अधिकारियों और राजनेताओं की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है।
IAS संजीव हंस की गिरफ्तारी और घोटाले का पर्दाफाश
गौरतलब है कि ED ने पांच महीने पहले बिहार कैडर के IAS अधिकारी संजीव हंस को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। उन्हें उनके पटना स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इसी मामले में पूर्व विधायक गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
संजीव हंस पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया और ठेकेदारों से मोटी रिश्वत ली। इस मामले में उनके परिजनों और करीबी लोगों की भी संलिप्तता सामने आई थी।
देशभर में 3 ठिकानों पर छापेमारी
ED ने इस घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने के लिए पटना से दिल्ली तक संजीव हंस के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत संजीव हंस के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया था।
करोड़ों रुपये कैश और चांदी की बरामदगी
इस छापेमारी में ED ने 90 लाख रुपये नगद और 13 किलो चांदी की सिल्ली जब्त की थी। इसके अलावा, जांच एजेंसी को कई बेनामी संपत्ति के दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मिले थे। इन दस्तावेजों से इस घोटाले में शामिल अन्य बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।
तारिणी दास की भूमिका संदेह के घेरे में
तारिणी दास का नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है, लेकिन इस बार ED के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। अधिकारियों का मानना है कि भवन निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें तारिणी दास और उनके सहयोगियों की मुख्य भूमिका रही है।
बेनामी संपत्तियों की जांच तेज
ED अब उन बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है, जिनके दस्तावेज संजीव हंस और उनके करीबियों के ठिकानों से बरामद हुए हैं। संजीव हंस के अलावा, उनकी पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ भी सबूत मिले हैं, जो इस घोटाले में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं।
ED की आगे की कार्रवाई
ED अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस मामले में कई और अधिकारियों और ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
बिहार में भ्रष्टाचार पर बढ़ी सख्ती
बिहार में भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ED और अन्य जांच एजेंसियां अब ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं। इस मामले में भी जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए।
IAS संजीव हंस और भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी दास पर लगे आरोपों ने बिहार में सरकारी टेंडर प्रक्रिया में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। ED की इस छापेमारी में करोड़ों रुपये की बरामदगी और बेनामी संपत्तियों के खुलासे से साफ है कि यह मामला महज कुछ अधिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और बड़े खुलासे हो सकते हैं।