कैमूर में भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अरविंद सिंह का जोरदार धरना प्रदर्शन
Kaimur News

कैमूर में भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अरविंद सिंह का जोरदार धरना प्रदर्शन
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 01 March 2025 ||
कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर समाजसेवी अरविंद सिंह ने ज़ोरदार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जिले के दुर्गावती प्रखंड परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। धरना प्रदर्शन के दौरान अरविंद सिंह ने सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और विभिन्न विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया। उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है और घूसखोरी की वजह से गरीबों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।
बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर, सरकार कर रही अनदेखी – अरविंद सिंह
धरना प्रदर्शन के दौरान समाजसेवी अरविंद सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा,
“बिहार में बाहार है, जनता लाचार है, सुशासन बाबू की सरकार है।”
उन्होंने कहा कि बिहार में सुशासन का दावा किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। नीतीश कुमार 19 वर्षों से सत्ता में हैं, लेकिन भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं लग सकी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इसे रोकने के लिए जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो जनता को सड़क पर उतरना पड़ेगा।
मनरेगा योजना में बड़े घोटाले के आरोप
अरविंद सिंह ने अपने धरना प्रदर्शन में मनरेगा योजना में हो रही धांधली को लेकर भी कड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत मजदूरों को काम देने के नाम पर भारी गड़बड़ियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जॉब कार्ड बनाने के नाम पर 500 से 2000 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कई मामलों में ऐसा देखने को मिला है कि काम कोई और कर रहा है, लेकिन मजदूरी का पैसा किसी और के खाते में जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर गरीब मजदूरों के हक पर डाका डालने जैसा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी का खेल
मनरेगा के अलावा, अरविंद सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना में भी घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही इस योजना में भी भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों का बड़ा खेल चल रहा है।
उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान गरीब लाभार्थियों से 2000 से 2500 रुपये तक की रिश्वत वसूली जा रही है। जो गरीब व्यक्ति रिश्वत नहीं दे सकता, उसका नाम सूची से काट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक और अन्यायपूर्ण है, क्योंकि सरकार की योजनाएं गरीबों के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण वे उन्हीं तक नहीं पहुंच पातीं।
शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग भी भ्रष्टाचार की चपेट में
अरविंद सिंह ने कहा कि सरकारी योजनाओं के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है।
उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, कई शिक्षक स्कूल तो आते हैं, लेकिन पढ़ाने के बजाय सिर्फ उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं। शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और सरकारी स्कूलों में बच्चों को सही तरीके से पढ़ाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में न तो डॉक्टर समय पर मिलते हैं और न ही मरीजों को मुफ्त दवाएं मिल पाती हैं। दवा के नाम पर डॉक्टर बाहरी दवा दुकानों से महंगी दवाएं खरीदने की सलाह देते हैं, जिससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।
समाजसेवी अरविंद सिंह की मांग – भ्रष्टाचार पर लगे रोक
धरना प्रदर्शन के दौरान अरविंद सिंह ने प्रशासन से मांग की कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक आम जनता को राहत नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा, “अगर सरकार व प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले समय में जनता सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी।”
जनता में बढ़ता आक्रोश, बड़े आंदोलन की चेतावनी
इस धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि वे वर्षों से भ्रष्टाचार का दंश झेल रहे हैं, लेकिन प्रशासन और सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अब समय आ गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, क्या होगी कोई कार्रवाई?
अरविंद सिंह के इस धरना प्रदर्शन ने एक बार फिर कैमूर जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और क्या भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
क्या भ्रष्टाचार पर लग सकेगी रोक?
कैमूर में अरविंद सिंह के नेतृत्व में हुआ यह धरना भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश का प्रतीक बन गया है। जनता चाहती है कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करे और सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार और प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे? क्या भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? या फिर यह धरना भी अन्य प्रदर्शनों की तरह केवल खबरों की सुर्खियों तक सीमित रह जाएगा?