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कैमूर में पुलिस अभिरक्षा में आरोपी की मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप

कैमूर में पुलिस अभिरक्षा में आरोपी की मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप

Report By: Rupesh Kumar Dubey ll Date :29 Mar 2025

कैमूर: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का कारोबार और सेवन जारी है। इसी क्रम में कैमूर जिले के सहायक थाना करमचट क्षेत्र अंतर्गत ठकुरहट गांव में शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

घटना का विवरण

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक व्यक्ति की पहचान करमचट थाना क्षेत्र के ठकुरहट गांव निवासी स्वर्गीय गोपाल नारायण पांडेय के 40 वर्षीय पुत्र संजय शंकर पांडेय के रूप में हुई है। उनके भाई अजय शंकर पांडेय ने बताया कि संजय शंकर पांडेय शराब के नशे में घर पर बच्चों के साथ मारपीट कर रहे थे। परिजनों ने इसकी सूचना डायल 112 पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस द्वारा उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने शराब के सेवन की पुष्टि की। इसके बाद संजय शंकर पांडेय को थाने लाकर पूछताछ की गई। इस दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

परिजनों के आरोप

मृतक के भाई अजय शंकर पांडेय ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते उचित इलाज मिलता, तो संजय की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पहले तो परिवार को ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन शाम में अचानक थाने से फोन आया और मृतक का नाम व उनके पिता का नाम पूछा गया। इसके बाद परिवार को सूचित किया गया कि संजय की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो पुलिस ने उनकी मृत्यु की जानकारी दी।

पुलिस का बयान

इस मामले पर भभुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) शिव शंकर कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि ठकुरहट गांव में संजय शंकर पांडेय नशे में धुत होकर अपने ही घर में मारपीट कर रहे थे। डायल 112 पुलिस को सूचना मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने शराब पीने की पुष्टि की। इसके बाद थाने में पूछताछ के दौरान उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई, जिससे उन्हें तुरंत भभुआ सदर अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी और मजिस्ट्रेट स्तर पर जांच कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, जिला पदाधिकारी के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का भी गठन किया जाएगा और मृतक का पोस्टमार्टम वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से किया जाएगा।

मामले में निष्पक्ष जांच की मांग

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की अपील की है। प्रशासन ने भरोसा दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना बिहार में शराबबंदी की प्रभावशीलता और पुलिस की कार्यशैली को लेकर फिर से सवाल खड़े करती है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में पुलिस की जांच किस दिशा में जाती है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।

 

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