मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध एवं विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
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मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध एवं विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में मद्य निषेध तथा विधि व्यवस्था को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में पुलिस महानिदेशक तथा मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को वर्तमान विधि व्यवस्था और शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण और मद्य निषेध कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्रिय रहे। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
अपराध नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस को पूरी तरह सतर्क रहना होगा। उन्होंने पुलिस गश्ती को और अधिक प्रभावी बनाने और उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्व-त्योहारों को देखते हुए असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं, जिससे राज्य में शांति और सौहार्द्रपूर्ण माहौल बना रहे।
मद्य निषेध को प्रभावी बनाने के लिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध को लेकर भी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए समुचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू होने से पहले लोग शराब पीकर अपनी सारी कमाई नष्ट कर देते थे, लेकिन अब वही पैसा अन्य आवश्यक कार्यों में उपयोग हो रहा है। इससे न केवल उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे का माहौल भी बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से पुरुष और महिलाएं दोनों खुश हैं और इस नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाए और उनकी अवैध गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त किया जाए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि राज्यभर में विशेष अभियान चलाकर शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करें और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
नीरा उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने नीरा उत्पादन एवं बिक्री को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक और स्वादिष्ट होता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नीरा के संग्रह, बिक्री और उससे जुड़े उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि इससे जुड़े लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलें। सरकार का लक्ष्य है कि ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि वे भी मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से नीरा उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। नीरा उद्योग को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार आर्थिक सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है। इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए आम लोगों के बीच लगातार जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को शराब के सेवन से होने वाली हानियों और इससे उत्पन्न होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस कानून को और प्रभावी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके लिए आम जनता का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से भी जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि लोगों में शराबबंदी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री अमृतलाल मीणा, पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव श्री विनोद सिंह गुंजियाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि और अपर पुलिस महानिदेशक (मद्य निषेध) श्री सुशील खोपड़े उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित इस समीक्षा बैठक से स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार मद्य निषेध और विधि व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है। अपराध नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है और मद्य निषेध को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रशासन को पूरी तरह मुस्तैद रहना होगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप यदि प्रशासनिक अमला अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा से निभाए, तो न केवल अपराधों में कमी आएगी, बल्कि शराबबंदी भी और अधिक प्रभावी हो सकेगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना और समाज को नशामुक्त बनाना है, जिससे प्रदेश का विकास सुचारू रूप से हो सके।
इसके अलावा, सरकार का ध्यान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार के अवसर पैदा करने पर भी है, जिससे लोगों को शराब के व्यवसाय से हटाकर कानूनी और सम्मानजनक आजीविका की ओर बढ़ाया जा सके। इस उद्देश्य से सरकार विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है, जिसमें कौशल विकास, छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना, और वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है। सरकार का मानना है कि जब तक लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक शराबबंदी का प्रभाव पूरी तरह से सफल नहीं हो पाएगा।