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नीतीश सरकार का आखिरी बजट: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पेश करेंगे बिहार का बजट

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नीतीश सरकार का आखिरी बजट: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पेश करेंगे बिहार का बजट

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date: 03 March 2025||

पटना, 27 फरवरी: बिहार विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश होने वाला है। यह बजट इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार सरकार का आखिरी बजट होगा। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी इस बजट को विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। यह बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा और इसके दौरान विभिन्न वित्तीय प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।

बजट से पहले उपमुख्यमंत्री ने की पूजा-अर्चना

बजट पेश करने से पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने बजट की पहली कॉपी भगवान के चरणों में अर्पित की और बिहार की जनता की समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बजट बिहार के विकास और जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

बिहार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित

इस समय बिहार विधानसभा की कार्यवाही लंच तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन की बैठक दोपहर 2 बजे फिर से शुरू होगी, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी बजट पेश करेंगे।

बजट का संभावित आकार और अनुमानित प्रावधान

सूत्रों के मुताबिक, इस बार बिहार सरकार का बजट सवा तीन लाख करोड़ से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। इसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और अन्य विकास योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा सकता है।

वित्तीय जानकारों के अनुसार, इस बजट में अगले चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई लोकलुभावन घोषणाएं भी की जा सकती हैं।

बजट से क्या हैं जनता की उम्मीदें?

बिहार के लोग इस बजट से रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचनाओं में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बिहार सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें ‘हर घर नल का जल’, ‘मुख्यमंत्री सड़क योजना’, ‘बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ और ‘रोजगार सृजन अभियान’ प्रमुख हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में इन योजनाओं को और विस्तारित किया जाएगा।

  1. रोजगार और उद्योग:
    • बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है। इस बार के बजट में सरकार युवाओं के लिए नए रोजगार सृजन योजनाओं की घोषणा कर सकती है।
    • स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा हो सकती है।
  2. शिक्षा और स्कूली व्यवस्था:
    • बिहार सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए नए स्कूल और कॉलेज खोलने की योजना बना सकती है।
    • शिक्षकों की भर्ती और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए बजटीय प्रावधान किए जा सकते हैं।
  3. स्वास्थ्य सुविधाएं:
    • बिहार में सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के लिए इस बजट में बड़े प्रावधान होने की संभावना है।
    • मुफ्त दवा योजना और टेलीमेडिसिन सेवाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जा सकता है।
  4. कृषि और ग्रामीण विकास:
    • किसानों को सस्ती खाद, बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार नए कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती है।
    • ग्रामीण सड़क परियोजनाओं को और मजबूत किया जाएगा।
  5. बुनियादी ढांचा:
    • बिहार में मेट्रो प्रोजेक्ट, नई सड़कें और पुलों के निर्माण को लेकर नए प्रस्ताव आ सकते हैं।
    • स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पटना, गया और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन हो सकता है।

राजनीतिक महत्व और चुनावी रणनीति

चूंकि यह बजट बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पेश किया जा रहा है, इसलिए इसे एक चुनावी बजट के रूप में भी देखा जा रहा है। विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार इस बजट के जरिए जनता को लुभाने की कोशिश करेगी। वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि यह बजट बिहार के समग्र विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

बजट पेश होने से पहले ही विपक्षी दलों ने इसे लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है और बजट में कोई ठोस योजना नहीं होगी। कांग्रेस और वामपंथी दलों ने भी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह बजट केवल एक राजनीतिक स्टंट है।

बिहार की जनता को क्या मिलेगा?

बिहार की जनता की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं। सरकार के लिए यह आखिरी मौका है जब वह अपने विकास कार्यों को जनता के सामने रख सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा प्रस्तुत बजट जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।

नीतीश कुमार सरकार के इस अंतिम बजट से बिहार के लोग कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं। यह बजट राज्य के विकास की दिशा तय करेगा और आगामी चुनावों में मतदाताओं के फैसले को भी प्रभावित कर सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस बजट में कितनी योजनाएं पेश करती है और कितना बजटीय आवंटन बिहार के विकास को गति देने के लिए किया जाता है।

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