पटना में कंस्ट्रक्शन साइट हादसा: दो मजदूरों की मौत, लापरवाही पर उठे सवाल
पटना न्यूज़

पटना में कंस्ट्रक्शन साइट पर बड़ा हादसा: दो मजदूरों की मौत, लापरवाही पर उठे सवाल
रिपोर्ट : बिपिन कुमार (NewsEra) || Date : 05 March 2025 ||
पटना के चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के पार्वती पथ में मंगलवार की शाम दर्दनाक हादसा हुआ। एक निर्माणाधीन मकान में सेंटरिंग का काम करने के दौरान दो मजदूर अनबैलेंस होकर नीचे गिर गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मृतकों की पहचान वैशाली निवासी राजू राय उर्फ जयनारायण सिंह और शिवशंकर सिंह के रूप में हुई है। दोनों मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मकान निर्माण के दौरान मजदूर सेंटरिंग का कार्य कर रहे थे। अचानक बैलेंस बिगड़ने से दोनों ऊंचाई से गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। जब तक आसपास के लोग उन्हें अस्पताल ले जाते, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह हादसा हुआ।
विशेषज्ञों के अनुसार, निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपायों का पालन अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकतर ठेकेदार और मकान मालिक इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। मजदूरों को उचित प्रशिक्षण और सेफ्टी गियर जैसे हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने आदि दिए जाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। लेकिन इस साइट पर किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।
मजदूरों में आक्रोश, मुआवजे की मांग
घटना के बाद इलाके के मजदूर और यूनियन के नेता मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। मजदूरों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और मकान मालिक ने सुरक्षा उपायों की अनदेखी की, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यूनियन नेताओं का कहना है कि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कानून तो हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन में लापरवाही बरती जाती है। यदि प्रशासन ने पहले से ही निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। मजदूरों का गुस्सा जायज है, क्योंकि उन्हें अपनी जान गंवाने के बाद ही न्याय की उम्मीद रहती है।
पुलिस की कार्रवाई
चित्रगुप्त नगर थाना प्रभारी आलोक कुमार ने घटना की पुष्टि की और बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा आगे की जांच की जा रही है। घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पत्रकार नगर, कंकड़बाग, जक्कनपुर समेत पांच थानों की पुलिस तैनात की गई।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में ठेकेदार और मकान मालिक से पूछताछ की जाएगी। यदि पाया गया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है और दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
निर्माण कार्यों में लापरवाही का मामला
यह पहली बार नहीं है जब पटना में कंस्ट्रक्शन साइट पर इस तरह का हादसा हुआ हो। कई बार सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण मजदूरों की जान चली जाती है। इस मामले में भी ठेकेदार और मकान मालिक द्वारा हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे, जिससे यह दुर्घटना घटी।
श्रम कानूनों के तहत, हर निर्माण स्थल पर मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य होता है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है। मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ऊंचाई पर चढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।
प्रशासन की जिम्मेदारी और लापरवाही
यह घटना प्रशासन की निष्क्रियता और भवन निर्माण कार्यों की लापरवाही को उजागर करती है। कई बार बिना किसी सुरक्षा मानक के ही निर्माण कार्य किया जाता है, जिससे मजदूरों की जान खतरे में पड़ जाती है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को कंस्ट्रक्शन साइट्स की नियमित निगरानी करनी चाहिए। इसके अलावा, मजदूरों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि वे खुद भी सतर्क रहें। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में ऐसे हादसे बढ़ सकते हैं।
क्या होना चाहिए समाधान?
- सुरक्षा नियमों का पालन: निर्माण कार्यों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- मुआवजा और बीमा: मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा मिले और मजदूरों के लिए बीमा योजना लागू की जाए।
- दोषियों पर कार्रवाई: ठेकेदार और मकान मालिक पर लापरवाही का केस दर्ज हो।
- प्रशासन की सख्ती: ऐसे मामलों में प्रशासन को सतर्क रहकर जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
- मजदूर कल्याण योजनाएं: सरकार को मजदूरों की सुरक्षा और कल्याण के लिए नई योजनाएं लागू करनी चाहिए, जिससे उनका जीवन सुरक्षित रहे।
- सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता: हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट और अन्य उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
पटना में हुई इस घटना ने फिर एक बार निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों की जान की कीमत आखिर कब समझी जाएगी? प्रशासन को चाहिए कि वह सख्त नियम लागू करे और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए। दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मजदूर देश के विकास की रीढ़ होते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा की अनदेखी चिंता का विषय है। यह समय की मांग है कि सरकार और प्रशासन इस ओर विशेष ध्यान दें और मजदूरों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं।