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आरा में शादी समारोह के दौरान खूनी कहर, तीन की मौत, चार घायल

Arah Crime News

आरा में शादी समारोह के दौरान खूनी कहर, तीन की मौत, चार घायल

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 21 April 2025 ||

आरा (बिहार), 21 अप्रैल। भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र अंतर्गत लहरपा गांव रविवार रात एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बना, जिसने खुशियों से सजे एक विवाह समारोह को मातम में बदल दिया। एक मामूली वाहन टक्कर के विवाद ने इतना विकराल रूप ले लिया कि देखते ही देखते थार सवार हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है।

शादी की खुशी में घुल गया मातम

यह वारदात उस समय घटी जब गांव के किसान सलाहकार कमलेश कुमार के घर बारात आई हुई थी। बारात का स्वागत द्वारपूजा की रस्म के साथ हो रहा था। सारा माहौल खुशी से सराबोर था। परिवार और ग्रामीण मिलकर बेटी की विदाई की तैयारी में लगे हुए थे। तभी कुछ लोग एक थार गाड़ी से वहां पहुंचे। गली संकरी होने की वजह से थार गाड़ी की टक्कर दूल्हे की कार से हो गई। इस दौरान थार गाड़ी का शीशा भी टूट गया। मामला इतना छोटा था कि आपसी समझ से सुलझाया जा सकता था, लेकिन बात बिगड़ गई।

गोलियों की बौछार, अफरा-तफरी का माहौल

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर और शीशा टूटने के बाद थार सवार युवक अचानक गुस्से में आ गए और गाली-गलौज करते हुए हथियार निकालकर फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज से शादी समारोह में भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर जान बचाकर भागने लगे। इस गोलीबारी में गांव के दो युवक – राहुल कुमार और लवकुश – की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, चार अन्य युवक – अप्पू कुमार और पंकज कुमार (दोनों लहरपा गांव निवासी), अक्षय सिंह (भलुनी गांव, नारायणपुर थाना क्षेत्र) और एक अन्य – गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को आनन-फानन में आरा सदर अस्पताल और स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो की हालत नाजुक बनी हुई है।

गांव में छाया तनाव, सड़क जाम और प्रदर्शन

घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। परिजन और ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और असामाजिक तत्वों की बढ़ती दबंगई के कारण ही यह हादसा हुआ है।

पुलिस बल ने संभाला मोर्चा, प्रशासन पर उठे सवाल

घटना की सूचना मिलते ही गड़हनी थाना प्रभारी रणवीर कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़ का गुस्सा शांत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद भोजपुर के एएसपी परिचय कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति की निगरानी खुद संभाली। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

पुलिस का दावा और चश्मदीदों के बयान में विरोधाभास

भोजपुर एसपी राज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अब तक एक व्यक्ति की मौत और चार लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। जबकि स्थानीय लोगों और चश्मदीदों का दावा है कि तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस विरोधाभास ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि घटना की बारीकी से जांच की जा रही है और जल्द ही सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।

दोषियों की तलाश में छापेमारी जारी

पुलिस ने फायरिंग करने वाले आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई और अप्रिय घटना न हो। पुलिस के अनुसार, दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।

 


एसपी मिस्टर राज 

यह बेहद दुखद और निंदनीय घटना है। फिलहाल हमारे पास एक व्यक्ति की मौत और चार घायलों की जानकारी है। हम पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आमजन से अपील है कि वे शांति बनाए रखें और जांच में सहयोग करें।


न्याय की मांग कर रहे परिजन

मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि शादी के दिन उनकी खुशियों को बेरहमी से छीन लिया गया। “हमारे बेटे को गोलियों से भून दिया गया, सिर्फ इसलिए कि किसी की गाड़ी से टक्कर हो गई थी? क्या इतनी सस्ती हो गई है इंसान की जान?” – यह कहना था मृतक राहुल के पिता का।

सवालों के घेरे में सामाजिक सुरक्षा

यह घटना न सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है। आखिर कैसे खुलेआम हथियार लेकर आए युवकों ने शादी जैसे सामाजिक आयोजन को गोलियों से छलनी कर दिया और पुलिस-प्रशासन उस वक्त क्या कर रहा था?

आरा की यह घटना केवल एक गांव की नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि अगर असामाजिक तत्वों पर समय रहते नकेल नहीं कसी गई, तो ऐसी घटनाएं आम हो जाएंगी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन दोषियों को कब तक पकड़ पाता है और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में कितनी संवेदनशीलता दिखाता है।

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