औरंगाबाद 10 मई को आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत
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औरंगाबाद 10 मई को आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत
Report By : Chitranjan Kumar (News Era) || Date : 19 April 2025 ||
औरंगाबाद। जिले में 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है, जिसे सफल बनाने के लिए औरंगाबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) ने प्रचार-प्रसार का व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। इस लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद एवं अनुमंडलीय न्यायालय दाउदनगर में एक साथ किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के सुलहनीय वादों का त्वरित, सस्ता और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है।
इस विशेष अवसर को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने जिला स्तर पर एक सक्रिय नेटवर्क तैयार किया है, जिसमें जिले के सभी थानों में नियुक्त पैनल अधिवक्ता एवं अधिकार मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये अधिवक्ता थानों में पहुँचने वाले आम नागरिकों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें लोक अदालत की प्रक्रिया और इसके लाभों की जानकारी देकर प्रोत्साहित कर रहे हैं।
थानों से लेकर समाज तक – प्रचार अभियान जोड़ों पर
प्रचार अभियान के अंतर्गत जिले के प्रमुख थानों में लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं, ताकि दोनों पक्षों को लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने विवादों को सुलह के माध्यम से हल करने का अवसर मिल सके। इस प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश भी संबंधित अधिवक्ताओं को दिए गए हैं।
सलैया थाना और नगर थाना में नियुक्त पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अब तक कई मामलों में वाद के दोनों पक्षों को नोटिस भेजे जा चुके हैं, जबकि कई अन्य मामलों में नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से समाधान केवल न्यायिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव के लिए भी अहम होता है।
“ऐसे मामले जिनमें सुलह संभव है, उन्हें न्यायालय में लंबी प्रक्रिया के बजाय लोक अदालत में त्वरित समाधान का अवसर मिलता है। यह न्याय प्रणाली को गति देने के साथ-साथ आम आदमी को राहत भी देता है,” – सतीश कुमार स्नेही, पैनल अधिवक्ता।
विधिक साक्षरता और सहायता पर भी ज़ोर
इस प्रचार अभियान का एक और प्रमुख पहलू विधिक साक्षरता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार यह सुनिश्चित कर रहा है कि आम जनता को यह जानकारी हो कि उनके पास कानूनी सहायता के क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं। लोक अदालत के माध्यम से होने वाले समाधान की प्रक्रिया, लागत में कमी, और निष्पादन में तीव्रता – इन सभी विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अंतर्गत आम नागरिकों को निशुल्क अधिवक्ता सेवा, विधिक सहायता योजना, तथा विधिक अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। लोगों को यह बताया जा रहा है कि कैसे वे अपने विवादों को बिना अधिक कानूनी खर्च के, शांतिपूर्वक सुलझा सकते हैं।
कैदियों और कमजोर वर्गों को भी मिल रहा लाभ
जिला विधिक सेवा प्राधिकार का प्रयास केवल सिविल सोसाइटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जेलों और बाल सुधार गृहों तक पहुँच चुका है। आर्थिक रूप से कमजोर और कानूनी सहायता से वंचित कैदियों को निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक सैकड़ों वादों का निष्पादन इसी पहल के अंतर्गत किया जा चुका है।
इस कार्य से यह भी सुनिश्चित हो रहा है कि न्याय केवल सुविधा-संपन्न लोगों तक सीमित न रह जाए, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसकी पहुँच हो। न्याय सबके लिए – इसी मूल भावना को केंद्र में रखकर यह अभियान चलाया जा रहा है।
एक नई न्यायिक संस्कृति की ओर
राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम मात्र नहीं, बल्कि एक नई न्यायिक संस्कृति की ओर कदम है – जिसमें न्यायपालिका, जनता और कानून के जानकार मिलकर एक सुलह-समझौते के मॉडल को सशक्त करते हैं। यह पहल न केवल अदालतों पर दबाव को कम करती है, बल्कि सामाजिक सामंजस्य को भी बढ़ावा देती है।
न्याय की लोकतांत्रिक उपलब्धता का उदाहरण
लोक अदालत प्रणाली भारत के संविधान के अनुच्छेद 39-A के अंतर्गत न्याय की समान पहुँच सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम है। औरंगाबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किया जा रहा यह प्रयास इसी भावना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
अधिकार मित्र, पैनल अधिवक्ता, न्यायिक पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन – सभी की सहभागिता से यह लोक अदालत अभियान पूरे जिले में न्याय की लोकतांत्रिक उपलब्धता का प्रतीक बनता जा रहा है।
औरंगाबाद जिले में 10 मई को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर चल रहा प्रचार अभियान न सिर्फ वादों के निपटारे की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और विधिक सशक्तिकरण की एक मिसाल भी बन रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की यह पहल न्याय को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।