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औरंगाबाद: ओबरा पुलिस की कार्रवाई में 41 लीटर देसी शराब बरामद, तस्कर फरार

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औरंगाबाद: ओबरा पुलिस की कार्रवाई में 41 लीटर देसी शराब बरामद, तस्कर फरार

सारांश :

औरंगाबाद जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने नट मुहल्ला और अदरी नदी के पास छापेमारी कर 41 लीटर देसी शराब जब्त की। तस्कर पुलिस की भनक लगते ही फरार हो गए। थानाध्यक्ष नीतीश कुमार के अनुसार, मामले में उत्पाद अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

Report By : Chitranjan Kumar (News Era) Aurangabad || Date : 18 April 2025 ||

विस्तारित खबर  :

बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में राज्य के औरंगाबाद जिले में पुलिस ने एक बार फिर अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। ओबरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने 41 लीटर देसी शराब जब्त की है, हालांकि पुलिस की भनक लगते ही तस्कर मौके से फरार हो गए।

यह कार्रवाई ओबरा पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें थाना क्षेत्र के नट मुहल्ला और अदरी नदी के समीप छापेमारी की गई। मौके से शराब तो बरामद हुई लेकिन तस्कर पुलिस की मौजूदगी का एहसास होते ही भाग निकले। पुलिस ने इस संबंध में बिहार उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

गुप्त सूचना पर की गई छापेमारी

थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के नट मुहल्ला एवं अदरी नदी के किनारे कुछ तस्कर बड़ी मात्रा में देसी शराब की खेप उतारने की योजना बना रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम को सक्रिय कर त्वरित कार्रवाई की गई।

छापेमारी के दौरान पुलिस को मौके से कुल 41 लीटर अवैध देसी शराब बरामद हुई। बरामद की गई शराब को मौके पर जब्त कर थाने लाया गया है। वहीं, तस्कर पुलिस को देख पहले ही फरार हो गए, जिनकी पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

शराबबंदी के बाद भी जारी है अवैध कारोबार

बिहार में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसके तहत न सिर्फ शराब का निर्माण, बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है, बल्कि इसके परिवहन और भंडारण पर भी सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बावजूद कई जिलों में चोरी-छिपे शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। खासकर ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में तस्कर गुप्त रास्तों का इस्तेमाल कर शराब पहुंचाते हैं।

ओबरा थाना क्षेत्र में भी पिछले कुछ समय से अवैध शराब के धंधे में वृद्धि देखी जा रही थी। कई बार स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस दिशा में सक्रियता दिखाई है। नट मुहल्ला और अदरी नदी जैसे दुर्गम इलाकों को तस्करों ने अपनी गतिविधियों का अड्डा बना लिया था, जहां से शराब की खेप आसपास के गांवों तक पहुंचाई जाती थी।

पुलिस की तत्परता से बड़ी खेप जब्त

थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए थाना स्तर पर विशेष टीम का गठन किया गया है, जो लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। इसी निगरानी के चलते समय रहते गुप्त सूचना मिली और तुरंत कार्रवाई करते हुए 41 लीटर शराब जब्त कर ली गई।

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि फरार तस्करों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस तरह की अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

स्थानीय लोगों की भी बढ़ी जिम्मेदारी

पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि वे यदि अपने आस-पास कहीं शराब निर्माण, तस्करी या बिक्री से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी पाते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की मानें तो सूचना देने वाले कई जागरूक नागरिकों के सहयोग से अब तक कई कार्रवाईयां सफलतापूर्वक की गई हैं।

बिहार उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज हुई प्राथमिकी

थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह अधिनियम बिहार राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए लाया गया था, जिसमें शराब निर्माण, वितरण, बिक्री, सेवन और परिवहन पर सख्त सजा का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत दोषियों को कठोर कारावास और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

भविष्य में भी जारी रहेगी कार्रवाई

ओबरा पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी ऐसे अवैध धंधों के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा। पुलिस अब उन इलाकों को चिन्हित कर रही है जो तस्करी के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। वहां विशेष निगरानी रखी जाएगी और संदिग्धों की सूची तैयार कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

थाना क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, गुप्तचर नेटवर्क और गश्ती दल की सहायता से पुलिस शराब तस्करों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। इसके अलावा स्थानीय मुखबिरों के माध्यम से भी पुलिस को आवश्यक जानकारियां मिल रही हैं।

समाज पर असर और कानूनी सख्ती की जरूरत

शराबबंदी का उद्देश्य न सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी सुधार लाना है, बल्कि सामाजिक शांति और पारिवारिक स्थायित्व बनाए रखना भी है। लेकिन जब अवैध रूप से शराब की उपलब्धता बनी रहती है तो इसका सीधा असर समाज पर पड़ता है। अपराध, घरेलू हिंसा, दुर्घटनाएं और सामाजिक विघटन की घटनाएं शराब के सेवन से बढ़ जाती हैं।

ऐसे में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई तब ही पूरी तरह प्रभावी हो सकती है जब समाज के लोग भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाएं। हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वे शराबबंदी कानून को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।

ओबरा पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई भले ही एक छोटा कदम लगे, लेकिन यह उन तस्करों को स्पष्ट संदेश है कि कानून से ऊपर कोई नहीं। पुलिस की तत्परता और सक्रियता ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। यदि इसी तरह कार्रवाई होती रही तो जल्द ही ओबरा थाना क्षेत्र को अवैध शराब तस्करी से पूरी तरह मुक्त किया जा सकता है।

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