एचपी गैस के वाहन में लगी आग, चालक बाल-बाल बचा
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एचपी गैस के वाहन में लगी आग, चालक बाल-बाल बचा
संक्षिप्त :
कैमूर के कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत NH-19 पर एचपी गैस वाहन में भीषण आग लग गई। चालक मोहम्मद शमीम ने गाड़ी से कूदकर जान बचाई। आग पर अग्निशमन विभाग ने घंटों मशक्कत के बाद काबू पाया। गैस सिलेंडर लदे वाहन में बड़ा हादसा टल गया। पुलिस ने वाहन को जब्त कर जांच शुरू की।
Report By: Rupesh kumar Dubey (News Era) || Date : 13 April 2025 ||
कैमूर: जिले के कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 (NH-19) पर उस समय हड़कंप मच गया जब करमा गांव के समीप होटल नीलकमल के सामने एक एचपी गैस से लदे भारी वाहन में अचानक आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि कुछ ही पलों में पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि समय रहते चालक वाहन से बाहर निकलने में सफल रहा और उसकी जान बाल-बाल बच गई। सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
वाहन में आग लगने की घटना का विवरण
यह हादसा बुधवार की दोपहर करीब 12:30 बजे के आसपास घटित हुआ। एचपी गैस से भरा हुआ यह वाहन (वाहन संख्या: यूपी 17 टी 9817) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया, कोलकाता की ओर जा रहा था। जैसे ही यह वाहन करमा गांव के समीप स्थित होटल नीलकमल के सामने पहुंचा, वाहन का सापट (वाहन का निचला जोड़) अचानक टूट गया।
वाहन के चालक मोहम्मद शमीम, जो कि ग्राम पूरेगाजी, थाना फूर्सतगंज, जिला अमेठी (उत्तर प्रदेश) के निवासी हैं, ने जब सापट टूटने की तेज आवाज सुनी, तो उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए वाहन को तुरंत रोक दिया। लेकिन जब तक वे स्थिति को समझ पाते, इंजन के केबिन में अचानक आग पकड़ ली।
चालक ने दिखाई सूझबूझ, गेट तोड़ कर बचाई जान
चालक शमीम ने बताया कि जैसे ही उन्होंने इंजन से धुआं उठते देखा, वे तुरंत वाहन से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। लेकिन आग की लपटों ने इतनी तेजी से वाहन को घेर लिया कि सामान्य रास्ते से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। ऐसी स्थिति में चालक ने गेट तोड़कर वाहन से छलांग लगाई और किसी तरह अपनी जान बचाई।
शमीम ने कहा कि, “गाड़ी जैसे ही होटल के पास पहुंची, एक जोर की आवाज आई। मैंने गाड़ी रोकी और बाहर झांक कर देखा तो इंजन में आग लग चुकी थी। समय रहते बाहर निकल गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।”
पंचायत प्रतिनिधि ने निभाई अहम भूमिका
घटना की जानकारी सबसे पहले देवराढ़ कलां खुर्द पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि चंद्रशेखर यादव को हुई। उन्होंने तुरंत घटना की गंभीरता को समझते हुए मोहनियां अग्निशमन विभाग और स्थानीय थाना प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद कुदरा थाना क्षेत्र में कार्यरत अग्निशमनकर्मी प्रशांत कुमार मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कार्रवाई शुरू की।
प्रशांत कुमार ने आग बुझाने के लिए प्रारंभिक प्रयास किए और साथ ही मोहनियां से बड़ी अग्निशमन वाहनों को बुलाने की सूचना भी भेजी। इसी बीच थाना प्रशासन ने फुर्ती दिखाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर से आने-जाने वाले वाहनों को रोक दिया, जिससे किसी अन्य वाहन या राहगीर को कोई नुकसान न हो।
दो दमकल गाड़ियों की मदद से पाया गया आग पर नियंत्रण
लगभग 25 मिनट के अंदर मोहनियां से दो बड़ी दमकल गाड़ियाँ मौके पर पहुंची। इसके बाद संयुक्त प्रयासों से लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। चूंकि वाहन में एचपी गैस सिलेंडर भरे हुए थे, इसलिए आग कभी भी एक बड़े विस्फोट का कारण बन सकती थी।
दमकल कर्मियों ने पूरे वाहन को पानी से भिगोकर ठंडा किया और पास के इलाके को खाली कराया गया। गनीमत रही कि आग गैस सिलेंडरों तक नहीं पहुंची, वरना हादसा और भी गंभीर हो सकता था।
हाईवे पर लगी लंबी जाम, यातायात व्यवस्था चरमराई
इस आगजनी की घटना के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर दोनों ओर लगभग 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। प्रशासन ने जल्द से जल्द हालात सामान्य करने की कोशिश की, लेकिन आग पर नियंत्रण पाने और वाहन को सुरक्षित हटाने तक आवाजाही बंद रही।
जाम में फंसे लोगों में असंतोष जरूर था, लेकिन जब उन्हें पूरी घटना की जानकारी हुई, तब उन्होंने प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और समझदारी से सहयोग किया।
पुलिस ने शुरू की जांच, वाहन को जब्त किया गया
घटना के बाद कुदरा थाना पुलिस ने वाहन चालक से पूछताछ की और घटनास्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल वाहन को जब्त कर लिया गया है और यह जांच की जा रही है कि आग किस कारण लगी – तकनीकी खराबी, मेंटेनेंस की कमी या किसी बाहरी कारण से।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह मामला वाहन के मैकेनिकल फेल्योर का लग रहा है, लेकिन संदेह के आधार पर गैस कंपनी से भी जानकारी मांगी गई है।
हादसे ने उठाए सुरक्षा मानकों पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर गैस या अन्य ज्वलनशील पदार्थों के परिवहन में सुरक्षा मानकों और निरीक्षण प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि वाहन चालक सतर्क नहीं होता, या यदि अग्निशमन विभाग समय पर नहीं पहुंचता, तो इस घटना में जान-माल की भारी क्षति हो सकती थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वाहनों की नियमित जांच और चालक को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण देना बेहद आवश्यक है।
चश्मदीदों ने बताई भयावह स्थिति
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि आग लगते ही 20 से 30 फीट ऊँची लपटें उठने लगी थीं। स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया, “हमने पहली बार देखा कि इतनी तेज आग किसी वाहन में लगी हो। हमें लगा कि यह विस्फोट हो सकता है, इसलिए हम तुरंत वहां से दूर भागे।”
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “अगर थोड़ी भी देरी होती, तो पूरा इलाका जलकर खाक हो सकता था।”
बड़ा हादसा टला, सतर्कता और त्वरित कार्रवाई बनी जीवनरक्षक
कुल मिलाकर यह घटना एक बड़े हादसे में बदल सकती थी, लेकिन चालक की सतर्कता, पंचायत प्रतिनिधि की तत्परता और अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई ने हालात को नियंत्रण में रखा।
प्रशासन द्वारा समय पर यातायात रोकना और दमकल विभाग द्वारा संयुक्त प्रयास से आग बुझाना एक मॉडल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम का उदाहरण बना।
इस घटना के माध्यम से यह सीखने को भी मिलता है कि जानलेवा दुर्घटनाएं कभी भी घट सकती हैं, लेकिन समय पर सतर्कता, समन्वय और साहसिक कार्य उन्हें टाल सकता है।