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केंद्र सरकार के पांच बड़े फैसले: सुरक्षा और कूटनीति पर बड़ा कदम, विपक्ष ने भी दिया समर्थन

केंद्र सरकार के पांच बड़े फैसले: सुरक्षा और कूटनीति पर बड़ा कदम, विपक्ष ने भी दिया समर्थन

Report By: News Era ||

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को देश की सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर पांच अहम फैसले लिए। ये फैसले पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के जवाब में लिए गए हैं। इन्हें तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। इसके अलावा, पहलगाम हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने एक सुर में सरकार को समर्थन देने का भरोसा दिया। बैठक में हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई।

पांच बड़े फैसले

1. सिंधु जल संधि स्थगित

भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने तक के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह ऐतिहासिक फैसला पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

2. अटारी-वाघा चेक पोस्ट बंद

सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते से पाकिस्तान आने-जाने वाले चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है। वैध दस्तावेजों के साथ जो लोग पहले ही पाकिस्तान जा चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।

3. SAARC वीजा छूट योजना समाप्त

पाकिस्तानी नागरिकों को अब SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पहले से जारी सभी SVES वीजा तत्काल रद्द कर दिए जाएंगे। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।

4. राजनयिक अधिकारियों का निष्कासन

दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत सैन्य और रक्षा सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, भारत ने अपने राजनयिक स्टाफ को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का निर्णय भी लिया है।

5. उच्चायोगों में स्टाफ कटौती

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया है। यह कटौती 1 मई 2025 से प्रभावी होगी।


पहलगराम हमले पर सर्वदलीय बैठक: विपक्ष ने जताया समर्थन

इन्हीं फैसलों के बीच गुरुवार को केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद बताया कि खुफिया विभाग (आईबी) और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमले के संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की।

बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने सरकार को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। राहुल गांधी ने कहा, “देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और हम हर एक्शन में सरकार के साथ हैं।” बैठक में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग भी रखी गई।

बैठक में पहलगाम हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।

केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले न केवल भारत की सुरक्षा नीति को सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि आतंक के खिलाफ देश एकजुट है। विपक्ष का समर्थन और सर्वदलीय बैठक में मिली एकता इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय लिए जा रहे हैं।

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