“क्रिकेट में न्याय की लड़ाई: पटना संघ का महाधरना 21 अप्रैल को”
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“क्रिकेट में न्याय की लड़ाई: पटना संघ का महाधरना 21 अप्रैल को”
Report By : Suresh Mishra (News Era) || Date : 20 Apri 2025 ||
पटना, 20 अप्रैल 2025: बिहार क्रिकेट की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आने वाला है। पटना जिला क्रिकेट संघ (PDCA) ने बिहार क्रिकेट संघ (BCA) के कथित मनमाने रवैये और संविधानविरोधी कार्यों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए आगामी 21 अप्रैल 2025 को गर्दनीबाग धरना स्थल, पटना में महाधरना-प्रदर्शन का आयोजन करने की घोषणा की है।
संघ के सचिव सुनील रोहित ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह धरना-प्रदर्शन क्रिकेट की स्वायत्तता, निष्पक्षता और स्थानीय खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार क्रिकेट संघ ने पटना जिला क्रिकेट संघ की 2023 में निर्वाचित कार्यकारिणी को मान्यता नहीं दी और मनमाने तरीके से एक अवैध कमेटी गठित कर पटना जिले में क्रिकेट का संचालन करवा रहा है। यह लोकतंत्र और खेल भावना दोनों का घोर अपमान है।
चुनाव से निर्वाचित कमेटी को दरकिनार किया गया
पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रणवीर ने भी इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि 2023 में संघ के चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुए थे, जिसमें कार्यसमिति के सभी सदस्य वैध रूप से निर्वाचित हुए। इसके बावजूद, BCA ने इस निर्वाचित कमेटी को मान्यता नहीं दी और स्वयं ही एक कमेटी बना दी, जो पूरी तरह असंवैधानिक और अवैध है।
स्थानीय क्लबों और खिलाड़ियों के साथ हो रहा अन्याय
प्रणवीर ने यह भी बताया कि पटना जिले के अनेक रजिस्टर्ड क्रिकेट क्लब इस अवैध कमेटी के साथ जुड़ना नहीं चाहते, लेकिन BCA जबरन उन्हें उसी के तहत टूर्नामेंट में खेलने के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह न सिर्फ खिलाड़ियों के अधिकारों का हनन है, बल्कि खेल की निष्पक्षता और ईमानदारी पर भी प्रश्नचिन्ह है।”
महाधरना की प्रमुख मांगें:
- 2023 में निर्वाचित पटना जिला क्रिकेट संघ की कार्यकारिणी को तत्काल मान्यता दी जाए।
- पटना जिले में क्रिकेट संचालन का अधिकार उसी निर्वाचित समिति को सौंपा जाए।
- बिहार क्रिकेट संघ द्वारा बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को पैसे लेकर बिहार टीम में शामिल करना बंद किया जाए।
- बीसीसीआई द्वारा दिए गए ग्रांट का दुरुपयोग रोका जाए।
- BCA संविधान के खिलाफ कोई भी कार्य न हो।
- BCA द्वारा जिलों के आंतरिक मामलों में की जा रही दखलअंदाजी तत्काल बंद हो।
क्रिकेट से जुड़े लोग होंगे धरना में शामिल
सुनील रोहित ने बताया कि इस महाधरना में पटना जिला से जुड़े रजिस्टर्ड क्लबों के पदाधिकारी, कोच, खिलाड़ी, क्रिकेट प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन केवल पटना जिला क्रिकेट संघ की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह बिहार के क्रिकेट भविष्य और स्थानीय खिलाड़ियों के सम्मान की लड़ाई है।
बीसीए पर गंभीर आरोप
धरना में भाग लेने वाले सदस्यों का यह भी आरोप है कि BCA द्वारा बार-बार नियमों की अनदेखी की जा रही है। क्रिकेट टीम चयन में पारदर्शिता नहीं है, बाहरी खिलाड़ियों को तरजीह दी जा रही है और स्थानीय प्रतिभाओं की उपेक्षा हो रही है।
बीसीसीआई से भी की जाएगी अपील
पटना जिला क्रिकेट संघ ने यह भी घोषणा की है कि वे जल्द ही इस मुद्दे को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के समक्ष भी उठाएंगे और मांग करेंगे कि बिहार क्रिकेट संघ की कार्यप्रणाली की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
क्रिकेट को राजनीति से अलग रखने की मांग
कार्यसमिति के अन्य सदस्यों का कहना है कि बिहार में क्रिकेट पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप और व्यक्तिगत हितों की भेंट चढ़ चुका है। ऐसे में ज़रूरी हो गया है कि क्रिकेट संचालन को लोकतांत्रिक और पारदर्शी तरीके से चलाया जाए।
धरना के माध्यम से मिलेगा न्याय का संदेश
संघ के नेताओं का मानना है कि यह महाधरना केवल विरोध नहीं, बल्कि एक रचनात्मक संदेश है कि अब खेल और खिलाड़ियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि इस बार भी उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा, जिसकी ज़िम्मेदारी BCA और राज्य प्रशासन की होगी।
पटना जिला क्रिकेट संघ का यह आंदोलन सिर्फ एक संस्था की पहचान की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह बिहार में क्रिकेट की साख बचाने का प्रयास है। 21 अप्रैल का यह धरना न केवल बिहार क्रिकेट संघ को चेतावनी देगा, बल्कि पूरे राज्य को यह भी बताएगा कि अब खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमी चुप नहीं बैठेंगे।