पूरी रात गुलजार रहा पवरा पहाड़ी, मां मुंडेश्वरी की निशा पूजा में उमड़ा आस्था का सैलाब

पूरी रात गुलजार रहा पवरा पहाड़ी, मां मुंडेश्वरी की निशा पूजा में उमड़ा आस्था का सैलाब
Report By: Rupesh Kumar Dubey
कैमूर: शनिवार की रात पवरा पहाड़ी श्रद्धा और आस्था के दीपों से जगमगा उठी। शक्ति की प्रतीक, मां मुंडेश्वरी देवी के मंदिर में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को आयोजित निशा पूजा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जिले के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत स्थित यह ऐतिहासिक मंदिर हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति की अनूठी मिसाल पेश करता है, लेकिन इस वर्ष का आयोजन कुछ और ही भव्य और दिव्य था।
पूरे मंदिर परिसर को विदेशी फूलों और रोशनी से सजाया गया था। मां मुंडेश्वरी का भव्य श्रृंगार देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। मां की प्रतिमा पर चढ़े आभूषण, चुनरी, और फूलों की माला ने मंदिर को जैसे स्वर्ग सरीखा बना दिया। दर्शन करने आए श्रद्धालु भक्तों की आंखों में आस्था की चमक और चेहरे पर भक्तिभाव की छाया स्पष्ट देखी जा सकती थी।
जयकारों से गूंज उठा धाम परिसर
रातभर “जय मां मुंडेश्वरी” के जयकारों से पवरा पहाड़ी गूंजती रही। श्रद्धालु हाथों में प्रसाद, नारियल और अगरबत्ती लेकर सीढ़ियों और रोड दोनों रास्तों से मंदिर की ओर बढ़ते रहे। महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं का उत्साह देखते ही बनता था। माता के दर्शन हेतु श्रद्धालु पूरी रात मंदिर परिसर में रुके रहे। श्रद्धा इतनी प्रबल कि रात की ठंडक और चढ़ाई की थकावट को भी भुला दिया गया।
सुरक्षा और सुविधा की रही विशेष व्यवस्था
इस बार जिला प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से निशा पूजा को लेकर सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया। मंदिर तक पहुंचने वाले दोनों रास्तों—सीढ़ियों और रोड—पर रोशनी की उत्तम व्यवस्था की गई थी। मंदिर के चारों ओर इलेक्ट्रिक लाइटों की सजावट ने पूरे धाम को दूधिया रोशनी में नहला दिया। इस प्रकाश से रात भी जैसे दिन में बदल गई थी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल टीम, स्वयंसेवकों, पुलिस बल और ट्रैफिक नियंत्रण कर्मियों की भी तैनाती की गई थी। यह सुनिश्चित किया गया कि किसी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो और सबको सुगमता से मां के दर्शन मिल सकें।
अंतरराज्यीय श्रद्धालुओं का जुटा भारी हुजूम
न केवल कैमूर जिला बल्कि आस-पास के जिलों और अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु मां मुंडेश्वरी के दर्शन के लिए पवरा पहाड़ी पहुंचे। श्रद्धालुओं का कहना था कि मां के दरबार में आकर उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और निशा पूजा का अवसर तो सौभाग्य से ही मिलता है।
24 घंटे खुला रहा मां का दरबार
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर साल में एक बार मां मुंडेश्वरी का दरबार 24 घंटे तक खुला रहता है। यह वह समय होता है जब भक्तों को बिना किसी विघ्न के माता के दर्शन का सौभाग्य मिलता है। इस खास मौके पर निशा पूजा के अंतर्गत विशेष वैदिक मंत्रोच्चार, दीप प्रज्वलन, और श्रृंगार आरती की जाती है। मंदिर के पुजारियों द्वारा पारंपरिक विधि-विधान से मां का पूजन कर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया गया।
धार्मिक आस्था के साथ सांस्कृतिक उत्सव का संगम
मां मुंडेश्वरी की निशा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव का रूप भी ले चुकी है। पूरी रात मंदिर परिसर में भक्ति गीत, कीर्तन, और माता की कहानियों का गायन होता रहा। बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के आसपास लगाए गए मेले का आनंद भी लिया।
श्रद्धालुओं की आँखों में श्रद्धा, मन में विश्वास
पूरे कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं की आँखों में माँ के प्रति गहरी श्रद्धा और मन में पूर्ण विश्वास देखा गया। लोगों ने मां से अपने जीवन की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, और शांति की कामना की। किसी ने नौकरी के लिए मन्नत मांगी, तो किसी ने संतान सुख की याचना की। किसी ने परीक्षा में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा, तो किसी ने जीवन में नई शुरुआत के लिए मां का आशीर्वाद लिया।