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रोहतास के नोखा में प्रेम त्रिकोण बना खूनी खेल: एक दर्दनाक प्रेम कहानी का अंत

Rohtash Crime News

रोहतास के नोखा में प्रेम त्रिकोण बना खूनी खेल: एक दर्दनाक प्रेम कहानी का अंत

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 26 April 2025 ||

बिहार के रोहतास जिले के नोखा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है। यहां एक गर्भवती युवती की उसके आशिक ने गला दबाकर हत्या कर दी। मृतका के पेट में पांच माह के जुड़वां बच्चे पल रहे थे। यह हत्या महज एकतरफा ईर्ष्या, आहत अहंकार और प्रेम में प्रतिशोध का परिणाम थी, जिसने तीन जिंदगियों को एक साथ खत्म कर दिया।

हत्या का खुलासा: अज्ञात शव से शुरू हुई कहानी

घटना की शुरुआत बुधवार की सुबह हुई, जब नोखा थाना क्षेत्र के घुसिया-रामनगर मुख्य मार्ग पर स्थित एक श्मशान घाट के पास स्थानीय लोगों को एक अज्ञात महिला का शव मिला। महिला के गले पर गहरे निशान थे, जिससे यह स्पष्ट था कि उसकी हत्या गला दबाकर की गई है। शव की पहचान नहीं हो पाने पर पुलिस ने उसे अज्ञात शव मानकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू की।

पुलिस को मिली अहम कड़ी: पहचान और कनेक्शन

सप्ताहांत तक जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, मामले की परतें खुलने लगीं। शव की पहचान नटवार थाना क्षेत्र के सेमरा गांव निवासी स्वर्गीय महावीर राम की 28 वर्षीय बेटी सपना उर्फ शेरा के रूप में हुई। सपना की गुमशुदगी की शिकायत उसके परिवार ने दर्ज कराई थी। पुलिस को पता चला कि सपना अक्सर गांव के ही रहने वाले 39 वर्षीय अखिलेश सिंह उर्फ गुड्डू के साथ देखी जाती थी।

पुलिस की पूछताछ में उगला सारा सच

पुलिस ने शक के आधार पर अखिलेश सिंह को हिरासत में लिया। शुरुआती पूछताछ में वह मुकरता रहा, लेकिन जब मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड्स और घटनास्थल से मिले सुरागों का सामना कराया गया, तो वह टूट गया। उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने सपना की हत्या अपने दोस्त शत्रुघ्न सिंह के साथ मिलकर की थी।

वजह बनी प्रेम में ईर्ष्या

पूछताछ में अखिलेश ने बताया कि वह सपना से पिछले तीन सालों से प्रेम संबंध में था। दोनों के बीच घनिष्ठता इतनी बढ़ गई थी कि सपना गर्भवती हो गई और उसके पेट में जुड़वां बच्चे पल रहे थे। लेकिन हाल के महीनों में सपना का किसी अन्य युवक से भी प्रेम संबंध शुरू हो गया था। यह बात अखिलेश को नागवार गुजरी। उसे लगा कि सपना ने उसके प्रेम और विश्वास के साथ धोखा किया है। इस भावनात्मक आघात ने उसके अंदर प्रतिशोध की आग जला दी।

हत्या की योजना और क्रियान्वयन

22 अप्रैल की रात अखिलेश ने सपना को अपने गांव स्थित मुर्गी फार्म पर डिनर के बहाने बुलाया। वह सपना के साथ समय बिताना चाहता था, लेकिन उसके मन में पहले से ही हत्या की योजना बन चुकी थी। जब सपना फार्म पर पहुंची, तो वहां उसका दोस्त शत्रुघ्न सिंह पहले से मौजूद था। दोनों ने मिलकर पहले सपना से बातचीत की और फिर मौका देखकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। जब सपना तड़प रही थी, तब उसके पेट में पल रहे जुड़वां बच्चों की भी हत्या हो रही थी – यह बात पुलिस रिपोर्ट में स्पष्ट हुई।

शव का निपटारा और सबूत मिटाने की कोशिश

हत्या के बाद अखिलेश और शत्रुघ्न ने सपना के शव को बोलेरो गाड़ी में डालकर रामनगर स्थित श्मशान घाट पर ले जाकर फेंक दिया, ताकि किसी को शक न हो। वे यह समझ बैठे थे कि अंधेरे और वीरान इलाके में शव की पहचान नहीं हो पाएगी। लेकिन अपराध के धागे ज्यादा देर तक नहीं छुप सके।

पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बोलेरो गाड़ी और दो मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं। इन मोबाइल से मिले कॉल रिकॉर्ड्स और चैट्स ने मामले की पुष्टि में मदद की।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट: दर्दनाक सच

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस हत्या को और भी दर्दनाक बना दिया। सासाराम के डीएसपी-2 कुमार वैभव ने बताया कि सपना गर्भवती थी और उसके पेट में जुड़वां बच्चे थे। उसकी मौत दम घुटने से हुई और यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला है।

सामाजिक प्रतिक्रिया: गुस्सा और ग़म

सपना की हत्या ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। गांव की महिलाएं और बुजुर्ग कहते हैं कि सपना एक शांत स्वभाव की लड़की थी, लेकिन प्रेम में पड़ी उसकी गलतियों ने उसकी जान ले ली। वहीं गांव की युवतियां इस घटना को लेकर भयभीत हैं और कहते हैं कि “अब किसी से प्यार करने से डर लगता है।”

मृतका के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। सपना की मां कहती हैं, “हमारी बेटी तो गई, लेकिन उसके साथ उसके दो अजन्मे बच्चों को भी मार डाला गया। उसे इंसाफ मिलना चाहिए।”

आरोपी की मानसिकता और पृष्ठभूमि

अखिलेश सिंह उर्फ गुड्डू की पृष्ठभूमि खंगालने पर पता चला कि वह पहले भी झगड़ालू प्रवृत्ति का रहा है। गांव में उसकी छवि दबंग किस्म के व्यक्ति की थी। वहीं उसका साथी शत्रुघ्न सिंह पहले भी कुछ आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है, हालांकि उस पर कोई गंभीर आरोप सिद्ध नहीं हुए थे।

पुलिस की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई

नोखा थाना पुलिस की तत्परता की प्रशंसा की जा रही है। डीएसपी कुमार वैभव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने महज 48 घंटे के भीतर केस का खुलासा कर लिया। एसपी रोहतास ने इस केस को ‘प्राथमिकता’ के रूप में लिया और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।

महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह घटना बिहार में महिलाओं की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े कर रही है। खासकर प्रेम संबंधों में बढ़ते अपराध और भावनात्मक शोषण को लेकर समाज में चिंता का माहौल है। विशेषज्ञ मानते हैं कि युवाओं को भावनात्मक परिपक्वता और संबंधों में पारदर्शिता के बारे में जागरूक करना जरूरी है।

एक दर्दनाक प्रेम कहानी का अंत

सपना की कहानी एक ऐसी प्रेम त्रासदी बन गई, जहां प्यार की जगह शक और प्रतिशोध ने ले ली। इस दर्दनाक घटना ने यह भी दिखा दिया कि भावनात्मक असुरक्षा कैसे एक व्यक्ति को हत्यारा बना सकती है। यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं है, यह समाज के भीतर पल रहे असहिष्णुता और पित्रसत्ता के उस चेहरे की भी झलक देती है, जो एक महिला की आज़ादी और उसकी पसंद को बर्दाश्त नहीं कर पाता।

अब देखना यह है कि अदालत इस जघन्य अपराध के दोषियों को कितनी जल्द और कितनी सख्त सजा देती है। सपना और उसके अजन्मे बच्चों को इंसाफ मिलना अब पूरे समाज की ज़िम्मेदारी बन चुकी है।

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