
तेजस्वी यादव का कैंडल मार्च: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट INDIA गठबंधन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में शोक और गुस्से की लहर फैल गई है। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिससे आम जनमानस में आक्रोश और पीड़ा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें INDIA गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम का आयोजन: गांधी मैदान से कारगिल चौक तक मौन श्रद्धांजलि
यह शांति मार्च पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू होकर कारगिल चौक पर समाप्त हुआ। इसमें RJD कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस, CPI, CPI-ML, और अन्य INDIA घटक दलों के नेता और समर्थक भी शामिल हुए। हाथों में मोमबत्तियां, राष्ट्रीय झंडा, और ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के पोस्टर लिए हजारों की संख्या में लोग इस मार्च में शामिल हुए। पूरा कार्यक्रम अत्यंत शांतिपूर्ण, मर्यादित और भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
RJD नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कैंडल मार्च के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा:
“पहलगाम में जो भयावह घटना हुई है, वह हर भारतीय को अंदर से झकझोर देती है। हम यहां उन निर्दोषों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं, जिनकी जान आतंकियों ने ली। हम आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। INDIA गठबंधन आतंक के विरुद्ध सरकार के हर प्रभावी कदम का समर्थन करेगा। हमने सर्वदलीय बैठक में भी स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार को हमारी पूरी मदद मिलेगी अगर वो ठोस कार्रवाई करती है।”
उन्होंने आगे कहा:
“आतंकवाद किसी मजहब, किसी विचारधारा से ऊपर है — यह मानवता के खिलाफ है। इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।”
INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी रखा विचार
🔹 कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा:
“ये हमला केवल एक राज्य पर नहीं, पूरे भारत पर हमला है। यह हमला हमारे संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर है। आज सभी दल एक साथ खड़े हैं — सरकार को निर्णायक कार्यवाही करनी चाहिए।”
🔹 CPI (ML) की मेधा कश्यप बोलीं:
“यह केवल सुरक्षा का मामला नहीं, यह एक राजनीतिक जिम्मेदारी भी है। केंद्र को यह बताना होगा कि आखिर आतंकवादी सीमा पार से कैसे बार-बार घुसपैठ कर लेते हैं?”
🔹 JDU के बागी गुट से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अरुण सिंह ने कहा:
“यह वक्त राजनीति का नहीं है, यह वक्त एकजुटता का है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि बिना देरी के, सख्त कदम उठाए जाएं और इस हमले के जिम्मेदार हर शख्स को सजा मिले।”
🕯️ कारगिल चौक पर श्रद्धांजलि, हर चेहरा था भावुक
मार्च जब कारगिल चौक पर पहुंचा, तो वहां 2 मिनट का मौन रखा गया और हमले में मारे गए सभी नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई। मोमबत्तियों की रौशनी में कारगिल चौक एक बार फिर शहीदों की याद से गूंज उठा। युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं सहित हर वर्ग के लोगों ने वहां आकर श्रद्धांजलि दी।
जनता का स्वर: “राजनीति नहीं, कार्यवाही चाहिए”
मार्च में शामिल आम नागरिकों और युवाओं ने मीडिया से कहा कि अब केवल शोक जताने का समय नहीं है, अब कड़ी कार्यवाही और जवाबी हमला आवश्यक है। पटना विश्वविद्यालय के छात्र अमन रजक ने कहा:
“हर बार हम हमले के बाद कुछ दिन शोक मनाते हैं और फिर भूल जाते हैं। लेकिन इस बार देश जाग चुका है। हमें आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध चाहिए।”
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, पुलिस रही अलर्ट
पटना पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से मार्च को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह बैरिकेडिंग, महिला पुलिस बल की तैनाती और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी। SDPO और DM स्वयं मौके पर उपस्थित रहे और स्थिति का जायजा लेते रहे।
सवालों के घेरे में केंद्र सरकार की नीति
कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बार-बार होने वाले आतंकी हमले यह दर्शाते हैं कि आतंकवाद को रोकने की रणनीति में कहीं न कहीं कमी है। हाल के वर्षों में सीमा पार से घुसपैठ और आतंकी हमलों की संख्या भले कम हुई हो, लेकिन जो घटनाएं हो रही हैं, वे अत्यधिक घातक और सुनियोजित होती हैं।
सोशल मीडिया पर दिखा समर्थन
तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं द्वारा आयोजित इस कैंडल मार्च की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। #PahalgamTerroristAttack और #TejashwiYadav ट्रेंड करने लगे। हजारों लोगों ने ट्वीट करके आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
अब बस सहानुभूति नहीं, समाधान चाहिए
पटना में निकाला गया यह कैंडल मार्च एक प्रतीक है — शोक और विरोध का। लेकिन यह केवल शुरुआत है। देश की जनता अब केवल संवेदना से संतुष्ट नहीं है, अब उसे सुरक्षा और न्याय चाहिए। तेजस्वी यादव और INDIA गठबंधन के इस कदम ने यह संदेश दिया है कि जब देश पर हमला होता है, तो हर दल, हर वर्ग, हर विचारधारा के लोग एकजुट हो जाते हैं।
अब केंद्र सरकार के पास मौका है — न सिर्फ आतंकी हमले का जवाब देने का, बल्कि देश को यह विश्वास दिलाने का कि भारत आतंक के खिलाफ कमजोर नहीं, बल्कि चट्टान की तरह अडिग है।