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भारत-पाक तनाव के बीच 7 मई को मॉक ड्रिल: पटना सहित बिहार के 6 जिलों में 10 मिनट का ब्लैकआउट

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भारत-पाक तनाव के बीच 7 मई को मॉक ड्रिल: पटना सहित बिहार के 6 जिलों में 10 मिनट का ब्लैकआउट, जानिए क्यों हो रही है यह रिहर्सल

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश के कई राज्यों में 7 मई को एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) की तैयारी को परखने और संभावित युद्ध या आतंकी हमलों की स्थिति में नागरिकों को बचाव के लिए तैयार करने की कवायद का हिस्सा है।

इस मॉक ड्रिल के तहत बिहार के छह जिलों – पटना, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और बेगूसराय – को शामिल किया गया है। पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी अवकाश कुमार ने इसकी पुष्टि की है।


क्या होगा मॉक ड्रिल के दौरान?

ड्रिल की शुरुआत शाम 6:58 बजे सायरन बजाकर की जाएगी। यह सायरन फायर ब्रिगेड और थानों की गाड़ियों से पूरे शहर में करीब 80 जगहों पर बजाया जाएगा। इसके दो मिनट बाद शाम 7:00 से लेकर 7:10 बजे तक पूरे 10 मिनट का ब्लैकआउट किया जाएगा।

इस दौरान:

  • सड़क पर चलने वाली सभी गाड़ियों को रोक दिया जाएगा, और उनसे कहा जाएगा कि वे लाइट बंद रखें।

  • लोगों को अपील की गई है कि वे मोबाइल की फ्लैशलाइट, टॉर्च और मोमबत्ती का उपयोग न करें।

  • सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं जैसे एम्बुलेंस आदि को छूट दी गई है।

  • यह पूरा ड्रिल सिर्फ एक रिहर्सल है, लोगों को पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है।


मॉक ड्रिल का उद्देश्य

यह अभ्यास सिविल डिफेंस विभाग और गृह मंत्रालय द्वारा देश में नागरिक सुरक्षा की तैयारियों की जांच के लिए किया जा रहा है। मुख्य उद्देश्य है:

  • संभावित एयर स्ट्राइक, बमबारी, या आतंकी हमले की स्थिति में आम जनता को प्रशिक्षित करना।

  • ब्लैकआउट प्रोटोकॉल का परीक्षण करना — जिससे शत्रु देश हवाई हमले के दौरान निशाना न बना सके।

  • पुलिस, NDRF, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन के समन्वय की कार्यप्रणाली को परखना।


किस जिले में क्या होगा?

1. पटना:

  • मॉक ड्रिल में करीब 1000 अधिकारी-कर्मचारी भाग लेंगे।

  • 80 पॉइंट्स पर सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट का पालन कराया जाएगा।

2. पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया:

  • सीमावर्ती जिले होने के कारण इन्हें संवेदनशील माना गया है।

  • यहां भी मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को ब्लैकआउट में रहने की सलाह दी गई है।

3. बेगूसराय:

  • इसे कैटेगरी-3 डिस्ट्रिक्ट में रखा गया है, जहां पर भी यह मॉक ड्रिल सीमित पैमाने पर की जाएगी।


गृह मंत्रालय की कैटेगरी आधारित रणनीति

गृह मंत्रालय ने देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 259 सिविल डिफेंस जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है:

कैटेगरी-1:

  • सबसे संवेदनशील जिले इस श्रेणी में आते हैं।

  • 13 जिले, जैसे उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर (जहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट है) शामिल हैं।

  • बिहार का कोई जिला इसमें शामिल नहीं है।

कैटेगरी-2:

  • 201 जिले, जिसमें बिहार के पटना, कटिहार, पूर्णिया और बरौनी शामिल हैं।

कैटेगरी-3:

  • 45 जिले, जिसमें बिहार का बेगूसराय शामिल है।


पिछली बार कब हुई थी ऐसी मॉक ड्रिल?

ऐसा व्यापक स्तर पर ब्लैकआउट अभ्यास पिछली बार 1971 में हुआ था, जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था। उस समय नागरिकों को हमलों से बचाने और दुश्मन की वायुसेना को दिशाहीन करने के लिए ब्लैकआउट रणनीति अपनाई गई थी।


मौजूदा संदर्भ: क्यों जरूरी हो गई मॉक ड्रिल?

1. 22 अप्रैल 2025 – पहलगाम आतंकी हमला:

  • जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ बड़ा आतंकी हमला।

  • 26 जवानों की मौत के बाद पूरे देश में सुरक्षा अलर्ट घोषित किया गया।

2. भारत-पाक तनाव चरम पर:

  • पीएम नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए हैं।

  • ऐसे में युद्ध जैसे हालात की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल का फैसला किया है।


पंजाब में पहले ही हो चुकी है प्रैक्टिस

इससे पहले, रविवार-सोमवार की रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट अभ्यास हो चुका है। वहां पर रात 9 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बंद कर दी गई थी, और सभी नागरिकों को अंधेरे में रहने के निर्देश दिए गए थे।


लोगों से क्या अपील की गई है?

प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है:

  • यह सिर्फ अभ्यास है, कोई वास्तविक खतरा नहीं है।

  • पैनिक न करें, और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

  • सड़क पर वाहन चला रहे लोग 7 बजे से पहले गंतव्य पर पहुँच जाएं।

  • घर की लाइट, मोबाइल, लैपटॉप, टॉर्च सब बंद रखें।


भारत-पाक तनाव के मौजूदा हालात और हालिया आतंकी घटनाओं को देखते हुए यह मॉक ड्रिल आवश्यक और तार्किक कदम है। यह न केवल प्रशासनिक तैयारी की परीक्षा है, बल्कि आम जनता को भी संकट की घड़ी में सतर्क और प्रशिक्षित करने की एक कोशिश है।

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