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भभुआ में “मशाल 2025 खेलकूद प्रतियोगिता” का भव्य आगाज़ — प्रतिभाओं की तलाश के लिए दतियांव में जुटे खिलाड़ी और अभिभावक

भभुआ में “मशाल 2025 खेलकूद प्रतियोगिता” का भव्य आगाज़ — प्रतिभाओं की तलाश के लिए दतियांव में जुटे खिलाड़ी और अभिभावक

|| News Era || Rupesh Dubey || भभुआ, कैमूर।|
“खेलेगा बिहार तो खिलेगा बिहार” — इस नारे को साकार करने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए मशाल खेलकूद प्रतियोगिता का संकुल स्तरीय चरण गुरुवार को कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, दतियांव में जोर-शोर से प्रारंभ हुआ। इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता का उद्घाटन एक गरिमामय समारोह में जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल के द्वारा फीता काटकर किया गया, जिसे विद्यालय परिवार और उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया।

प्रतियोगिता का उद्देश्य: प्रतिभा को तराशने की पहल

यह खेलकूद प्रतियोगिता न केवल शारीरिक क्षमताओं का मंच है, बल्कि सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य है— राज्य के कोने-कोने में छिपे हुए प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाना। विद्यालय के प्रधानाध्यापक भरत पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन बिहार खेल प्राधिकरण, पटना और शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत हो रहा है। प्रतियोगिता का स्वरूप अत्यंत व्यवस्थित है, जो विद्यालय स्तर से शुरू होकर संकुल, प्रखंड, जिला और अंततः राज्य स्तर तक जाएगा।

मुख्य अतिथि का संबोधन: शिक्षा के साथ खेल की अहमियत पर बल

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने अपने संबोधन में कहा,

“बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेने का अवसर मिले। खेल न केवल मस्तिष्क का विकास करता है, बल्कि टीम भावना, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता भी विकसित करता है।”

उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि सरकार अब खेल को करियर के रूप में बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी हुई प्रतिभाओं को एक नया मंच प्रदान करती हैं।

प्रतियोगिता का स्वरूप और भागीदारी

तीन दिवसीय इस संकुल स्तरीय प्रतियोगिता में अंडर-14 और अंडर-16 श्रेणी के बालक-बालिकाएं भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिताओं में निम्नलिखित खेलों को शामिल किया गया है:

  • ऐथलेटिक्स: बॉल थ्रो, लंबी कूद, 100 मीटर और 200 मीटर दौड़

  • कबड्डी

  • साइकिलिंग

  • क्रिकेट

  • फुटबॉल

  • वॉलीबॉल

विद्यालय परिसर को एक मिनी स्टेडियम में परिवर्तित कर दिया गया है। चारों ओर खेल मैदानों को रंग-बिरंगे झंडों और बैनरों से सजाया गया है। बच्चों की भागीदारी और उत्साह देखने लायक है। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर किशोरावस्था के खिलाड़ी मैदान में अपना दमखम दिखा रहे हैं।

सम्मान और पुरस्कार: खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन योजना

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को सरकारी स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जो इस प्रकार है:

प्रखंड स्तर पर

  • प्रथम स्थान: ₹1000

  • द्वितीय स्थान: ₹600

  • तृतीय स्थान: ₹400

जिला स्तर पर

  • प्रथम स्थान: ₹2500

  • द्वितीय स्थान: ₹1500

  • तृतीय स्थान: ₹1000

राज्य स्तर पर

  • प्रथम स्थान: ₹5000

  • द्वितीय स्थान: ₹3000

  • तृतीय स्थान: ₹2000

इनके अलावा, सभी प्रतिभागियों को टी-शर्ट और मेडल भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनका उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ेगा।

खेलों में बालिकाओं की भागीदारी: ग्रामीण समाज में नई ऊर्जा

एक विशेष उल्लेख की बात यह है कि इस प्रतियोगिता में बालिकाओं की भागीदारी भी अत्यधिक रही। बालिकाएं आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरपूर मैदान में उतरीं, जिससे यह संकेत मिला कि ग्रामीण समाज में अब खेलों के प्रति एक नई सोच विकसित हो रही है।
दतियांव पंचायत की 14 वर्षीय छात्रा रिया कुमारी, जो दौड़ प्रतियोगिता में भाग ले रही थी, ने कहा,

“पहले हमारे गांव में लड़कियों को खेलने की आज़ादी नहीं थी, लेकिन अब माता-पिता भी हमें प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह एक बड़ा बदलाव है।”

अभिभावकों की उपस्थिति और उत्साह

इस आयोजन की एक और खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में अभिभावक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उन्होंने न केवल अपने बच्चों का उत्साहवर्धन किया, बल्कि आयोजन समिति की भूरी-भूरी प्रशंसा भी की। दतियांव के ही रहने वाले श्री रामाश्रय सिंह, जिनके बेटे ने लंबी कूद में भाग लिया, ने कहा,

“पहली बार हमारे गांव में इस स्तर का आयोजन हो रहा है। हमें गर्व है कि हमारे बच्चे भी राज्य स्तर तक जा सकते हैं।”

व्यवस्था और आयोजन में सामूहिक सहभागिता

विद्यालय के शिक्षकों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी से यह कार्यक्रम एक उत्सव का रूप ले चुका है। विद्यालय परिवार ने मंच, ध्वनि व्यवस्था, खेल मैदान की तैयारी और सुरक्षा आदि में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्कूल की रसोई से बच्चों के लिए पौष्टिक नाश्ते और जलपान की भी व्यवस्था की गई थी।

आगामी कार्यक्रम और चयन प्रक्रिया

तीन दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दिन विभिन्न खेलों के मुकाबले होंगे। प्रत्येक खेल के विजेता खिलाड़ियों का चयन प्रखंड स्तर पर भेजने के लिए किया जाएगा। वहीं, प्रखंड स्तर पर चयनित खिलाड़ी जिला स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अंतिम रूप से चयनित प्रतिभागियों को बिहार सरकार की ओर से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि उन्हें अगले ओलंपिक तक तैयार किया जा सके।

समापन समारोह की योजना

24 मई को संकुल स्तरीय प्रतियोगिता का समापन समारोह आयोजित होगा, जिसमें विजेता खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र, मेडल और नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, खेल पदाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।


दतियांव में आयोजित “मशाल 2025” खेलकूद प्रतियोगिता सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है — एक ऐसा प्रयास जो बिहार के ग्रामीण अंचलों में छुपे हीरे जैसे खिलाड़ियों को खोजने और तराशने के लिए किया जा रहा है।
सरकार की इस पहल ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि करियर, चरित्र निर्माण और समाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है।

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