बिहार में 47 IAS अधिकारियों के तबादले
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बिहार चुनाव से पहले प्रशासनिक फेरबदल: 47 IAS अधिकारियों के तबादले, पटना सहित कई जिलों के डीएम बदले
Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 31 May 2025 ||
बिहार : विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही नीतीश कुमार सरकार ने राज्य के प्रशासनिक तंत्र में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया है। राज्य सरकार ने एक साथ 47 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है, जिनमें कई जिलों के मुख्य जिला अधिकारी (डीएम) समेत प्रमुख पदों पर नियुक्तियां शामिल हैं। इस तबादले के पीछे सरकार का मकसद चुनावी तैयारियों को सुचारू बनाना, प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाना और सत्ता संचालन में दक्षता लाना बताया जा रहा है।
1. बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल
सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को इस बड़े ट्रांसफर का नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें पटना, गया, दरभंगा, मुंगेर, नालंदा, बक्सर, कैमूर, सुपौल, पूर्णिया, वैशाली जैसे जिलों के डीएम समेत कई अन्य महत्वपूर्ण पदों के अधिकारी शामिल हैं। सबसे बड़ा बदलाव पटना डीएम के पद पर हुआ है, जहां चंद्रशेखर सिंह को प्रमोशन देते हुए पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। पटना के नए डीएम के तौर पर गया के डीएम त्यागराजन एस.एम. को नियुक्त किया गया है।
2. पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह से नया आयुक्त
चंद्रशेखर सिंह, जो 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, लंबे समय से पटना डीएम के पद पर थे। उनके नेतृत्व में पटना में प्रशासनिक गतिविधियां स्थिर रूप से चल रही थीं। अब उन्हें प्रमोट कर पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है, जो राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण पद है। पटना प्रमंडल के आयुक्त के तौर पर उनका काम क्षेत्र के विकास, प्रशासनिक समन्वय, और योजना क्रियान्वयन पर निगरानी रखना होगा।
3. नया पटना डीएम: त्यागराजन एस.एम.
गया के डीएम त्यागराजन एस.एम. को पटना का नया जिला पदाधिकारी बनाया गया है। वे 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनके प्रशासनिक अनुभव को ध्यान में रखकर यह जिम्मेदारी दी गई है। पटना डीएम के पद की जिम्मेदारी बड़ी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है क्योंकि राजधानी जिले में कई प्रशासनिक और राजनीतिक संवेदनशीलताएं होती हैं।
4. दरभंगा और मुंगेर के प्रशासनिक बदलाव
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दरभंगा के डीएम राजीव रौशन को सारण प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है।
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आईसीडीएस निदेशक कोशल किशोर को दरभंगा प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है।
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मुंगेर के डीएम अवनिश कुमार सिंह को मुंगेर प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है।
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राज कुमार जो कम्फेड पटना के प्रबंध निदेशक थे, उन्हें तिरहुत प्रमंडल का आयुक्त नियुक्त किया गया है।
5. नए जिलाधिकारी नियुक्तियां
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खगड़िया के डीएम के तौर पर राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार को नियुक्त किया गया है।
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दरभंगा के डीएम के रूप में सुपौल के डीएम कौशल कुमार को तैनात किया गया है।
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नालंदा के डीएम के तौर पर पूर्णिया के डीएम कुंदन कुमार नियुक्त किए गए हैं।
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मुंगेर के डीएम के रूप में मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है।
6. अन्य महत्वपूर्ण पदस्थापनाएं
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पश्चिम चंपारण के डीएम के रूप में बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम के प्रबंधक निदेशक धर्मेंद्र कुमार की तैनाती हुई है।
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बांका के डीएम के तौर पर निदेशक पशुपालन नवदीप शुक्ला को नियुक्त किया गया है।
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मधुबनी के समाहर्ता एवं डीएम के रूप में पंचायती राज विभाग के निदेशक आनंद शर्मा को तैनात किया गया है।
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जमुई के डीएम के रूप में अपर सचिव संसदीय कार्य विभाग नवीन की नियुक्ति की गई है।
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बक्सर के डीएम के तौर पर अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक डॉ. विद्यानंद सिंह को नियुक्त किया गया है।
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कैमूर के डीएम के रूप में मुंगेर के बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार को तैनात किया गया है।
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गोपालगंज के डीएम के तौर पर जल संसाधन विभाग के अपर सचिव पवन कुमार सिन्हा को नियुक्त किया गया है।
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गया जी के डीएम के रूप में नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर को तैनात किया गया है।
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सिवान के जिला पदाधिकारी के रूप में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव आदित्य प्रकाश को नियुक्त किया गया है।
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सुपौल के जिला पदाधिकारी के रूप में कैमूर के डीएम सावन कुमार को तैनात किया गया है।
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वैशाली (हाजीपुर) के डीएम के रूप में नगर विकास विभाग की अपर सचिव वर्षा सिंह को तैनात किया गया है।
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पूर्णिया के डीएम के रूप में बांका के डीएम अंशुल कुमार को नियुक्त किया गया है।
7. प्रशासनिक फेरबदल के राजनीतिक-सामाजिक मायने
चुनावी तैयारी में प्रशासनिक मजबूती
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के व्यापक प्रशासनिक फेरबदल का एक बड़ा मकसद प्रशासनिक तंत्र को चुस्त-दुरुस्त करना है। चुनावी माहौल में कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की निगरानी को प्रभावी बनाने के लिए अनुभवी और समर्थ आईएएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिलों में तैनात किया जाता है।
स्थानीय प्रशासनिक समीकरणों में बदलाव
नई तैनाती स्थानीय प्रशासनिक समीकरणों को बदलती है। कई जिलों में ऐसे अधिकारी आए हैं जो पहले संबंधित क्षेत्र से अलग प्रशासनिक अनुभव लिए हुए हैं। इससे किसी हद तक स्थानीय राजनीतिक दबावों से दूरी बनाकर निष्पक्ष प्रशासन की उम्मीद बढ़ती है।
अधिकारियों की क्षमता और चुनावी निष्पक्षता
सरकार ने जिन अधिकारियों को प्रमोट और ट्रांसफर किया है, उनमें प्रशासनिक दक्षता के साथ-साथ निष्पक्ष और संवेदनशील प्रशासन की अपेक्षा की जाती है। पटना जैसे संवेदनशील जिले में नई नियुक्ति इस बात का संकेत है कि चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
8. तबादलों का संक्षिप्त सारांश तालिका (सुझावित ग्राफ़िक्स)
जिला / प्रमंडल | पुराने पदाधिकारी | नए पदाधिकारी | बैच | नया पद |
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पटना | चंद्रशेखर सिंह | त्यागराजन एस.एम. | 2010/11 | पटना डीएम, पटना आयुक्त |
गया | त्यागराजन एस.एम. | — | 2011 | पटना डीएम |
दरभंगा | राजीव रौशन | कोशल किशोर | — | सारण प्रमंडल आयुक्त, दरभंगा आयुक्त |
मुंगेर | अवनिश कुमार सिंह | अरविंद कुमार वर्मा | — | मुंगेर प्रमंडल आयुक्त, मुंगेर डीएम |
नालंदा | शशांक शुभंकर | कुंदन कुमार | — | गयाजी डीएम, नालंदा डीएम |
बक्सर | — | डॉ. विद्यानंद सिंह | — | बक्सर डीएम |
कैमूर (भभुआ) | — | सुनील कुमार | — | कैमूर डीएम |
गोपालगंज | — | पवन कुमार सिन्हा | — | गोपालगंज डीएम |
वैशाली (हाजीपुर) | — | वर्षा सिंह | — | वैशाली डीएम |
पूर्णिया | — | अंशुल कुमार | — | पूर्णिया डीएम |
9. प्रशासनिक फेरबदल का भविष्य पर प्रभाव
इन तबादलों के बाद बिहार में प्रशासनिक तंत्र अधिक चुस्त और प्रभावी हो सकता है। चुनावी माहौल में कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की निगरानी बेहतर ढंग से की जा सकेगी। इसके साथ ही नए पदाधिकारियों से प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीदें बढ़ी हैं। चुनाव के बाद भी ये बदलाव शासन प्रणाली को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होंगे।
बिहार सरकार ने चुनाव से पहले प्रशासनिक स्तर पर व्यापक बदलाव करते हुए 47 आईएएस अधिकारियों को विभिन्न जिलों और प्रमंडलों में तैनात किया है। इस फेरबदल से प्रशासनिक व्यवस्था में नयापन आएगा, जो चुनावी परिस्थितियों के बीच शासन-प्रशासन की गुणवत्ता में सुधार का संकेत है। पटना सहित प्रमुख जिलों के डीएम बदलने से चुनावी रणनीति और स्थानीय प्रशासन में नई ऊर्जा आने की संभावना है।
सरकार की इस रणनीति का एक मुख्य उद्देश्य चुनाव में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखना और विकास कार्यों को गति देना है, ताकि बिहार के नागरिकों को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मिल सकें।