डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग का भव्य आयोजन, युवाओं में दिखा जोश और उत्साह
कैमूर खेल न्यूज़

डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग का भव्य आयोजन, युवाओं में दिखा जोश और उत्साह
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date: 10 May 2025 ||
भभुआ (कैमूर)। खेल के क्षेत्र में ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल के रूप में भभुआ प्रखंड के डबढ़िया गांव में ‘डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग’ का आयोजन किया गया। इस टूर्नामेंट का उद्घाटन जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने किया। उद्घाटन समारोह में स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों की भारी उपस्थिति रही, जिसमें खेल के प्रति उत्साह और जनभागीदारी की झलक देखने को मिली।
जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने उद्घाटन के अवसर पर कहा कि यह आयोजन गांव की खेल भावना और संगठन क्षमता का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि बिना पक्के मैदान के, खेतों में ही इस प्रकार का आयोजन करना प्रेरणादायक है और यह दिखाता है कि अगर जुनून हो, तो संसाधनों की कमी भी आड़े नहीं आती।
गांव के खेतों में बना अस्थायी मैदान बना आकर्षण का केंद्र
जहां एक ओर शहरों में खेल मैदानों की सुविधा होती है, वहीं डबढ़िया गांव में ग्रामीण युवाओं ने खेतों को अस्थायी मैदान में तब्दील कर टूर्नामेंट का आयोजन किया। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए एक मंच है, बल्कि यह गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को भी जोड़ता है। मैदान में युवाओं की गूंज, तालियों की गड़गड़ाहट और टीमों की रणनीतियों ने माहौल को क्रिकेटमय बना दिया।
जिले भर से आईं टीमें, दिखा जबरदस्त मुकाबला
डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग में जिले के विभिन्न हिस्सों से टीमें हिस्सा लेने पहुंचीं। पहले ही दिन कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले, जहां युवाओं ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। आयोजकों के अनुसार टूर्नामेंट में कुल 16 से अधिक टीमें भाग लेंगी और नॉकआउट फॉर्मेट के तहत मैच खेले जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों से भी निकलेंगे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी: विकास सिंह
अपने संबोधन में जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने कहा कि “हमारा सपना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी राज्य स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरें। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न केवल युवाओं को मंच मिलता है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित होती है।” उन्होंने यह भी बताया कि जिला परिषद की ओर से जिले भर में खेल मैदानों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है ताकि ग्रामीण युवाओं को अभ्यास के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सम्मान समारोह में हुआ अतिथियों का अभिनंदन
मैच के उद्घाटन अवसर पर आयोजन समिति ने जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल का अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस दौरान उपस्थित जनसमूह ने तालियों से उनका स्वागत किया। समिति की ओर से पंचम गुप्ता, हेमचंद पटेल और अन्य सदस्यों ने आयोजन की व्यवस्था संभाली। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं को खेल के माध्यम से जोड़ना है।
ग्रामीण युवाओं में दिखा खेल के प्रति जुनून
इस टूर्नामेंट ने साबित कर दिया कि गांवों में खेल के प्रति कोई कमी नहीं है। संसाधनों की कमी के बावजूद युवाओं ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ टूर्नामेंट की तैयारी की और प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। ग्रामीण दर्शकों की उपस्थिति भी उत्साहवर्धक रही, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया।
समाज में खेल की भूमिका और भविष्य की दिशा
खेल सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि सामाजिक समरसता, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास भी करता है। ऐसे आयोजन ग्रामीण समाज को संगठित करने में सहायक होते हैं। डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग ने यह संदेश दिया कि यदि स्थानीय स्तर पर ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित किया जाए तो प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच तक ले जाया जा सकता है।
आयोजन समिति की मेहनत रंग लाई
पूरे आयोजन की सफलता के पीछे आयोजन समिति की मेहनत साफ दिखाई दी। समिति ने मैदान की सफाई, पिच की तैयारी, टीमों की व्यवस्था, अंपायरिंग और मेहमानों के स्वागत की पूरी जिम्मेदारी संभाली। पंचम गुप्ता, हेमचंद पटेल, और अन्य सदस्यों की टीम ने दिन-रात एक करके टूर्नामेंट को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
डबढ़िया क्रिकेट प्रीमियर लीग सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं के सपनों को आकार देने वाला प्रयास है। यह आयोजन साबित करता है कि सही दिशा और सहयोग मिले तो गांव के खेत भी खेल के मैदान बन सकते हैं और गांवों से भी खिलाड़ी चमक सकते हैं। जिला परिषद सदस्य के मार्गदर्शन और स्थानीय जनता की भागीदारी से यह आयोजन एक प्रेरणा बनकर उभरा है।
भविष्य में ऐसे आयोजनों को और भी व्यापक रूप देने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण भारत से उभरती खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पहचान मिल सके।