News Eraदेशमहाराष्ट्र

हटा में शराब माफियाओं की दहशत: भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों को दी जा रही जान से मारने की धमकियाँ

हटा में शराब माफियाओं की दहशत: भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों को दी जा रही जान से मारने की धमकियाँ, झूठे मामलों में फंसाने की साजिशें उजागर

News Era || Mahendra Singh Lodi ||

हटा, मध्यप्रदेश – मई 2025: हटा क्षेत्र इन दिनों शराब माफियाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच टकराव का केंद्र बनता जा रहा है। भगवती मानव कल्याण संगठन, जो वर्षों से नशामुक्त समाज के लिए संघर्ष कर रहा है, आज खुद खतरे में है। संगठन के कई सदस्यों को लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं, झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की जा रही है, और उनके विरुद्ध दुष्प्रचार चलाया जा रहा है।

आरोप शराब माफियाओं पर

संगठन के सदस्यों ने खुलकर आरोप लगाए हैं कि स्थानीय शराब माफिया महेश पुरानी, उनके पुत्र आशीष पुरानी, और उनके सहयोगी मनीष कुसमया तथा राजू तिवारी ने मिलकर संगठन के सदस्यों को डराने-धमकाने का एक नेटवर्क खड़ा कर लिया है। यही नहीं, इनका संरक्षण करने और समर्थन देने के आरोप एक पत्रकार, सोभित अग्रवाल (पुत्र महेन्द्र अग्रवाल, निवासी रामगोपाल जी वार्ड, हटा) पर भी लगाए गए हैं।

संगठन के मुताबिक, इन सभी लोगों ने मिलकर खुले तौर पर धमकी दी है कि अगर भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ता हटा क्षेत्र में शराब पकड़ने या इस धंधे के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जाएगा — जैसे कि लूटपाट, मारपीट, धमकी जैसे गंभीर आरोपों में। इतना ही नहीं, धमकी दी गई है कि संगठन के सदस्यों को सड़क दुर्घटना के जरिए जान से मारने की भी साजिश रची जाएगी।

पत्रकार पर गंभीर आरोप

संगठन ने पत्रकार सोभित अग्रवाल पर भी आरोप लगाए हैं कि वह पत्रकारिता की आड़ में शराब माफियाओं की मदद कर रहे हैं और संगठन के खिलाफ लगातार अभद्र टिप्पणियाँ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कि अग्रवाल, उनके परिवारजनों को भी फोन के माध्यम से धमकियाँ दे रहे हैं। संगठन की मांग है कि सोभित अग्रवाल के कॉल डिटेल्स (Call Details) की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि उनके शराब माफियाओं से संबंधों का खुलासा हो सके।

साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शी

भगवती मानव कल्याण संगठन ने बताया कि उनके पास राजू तिवारी के खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद हैं, जिसमें वह हटा थाने के सामने खड़े होकर संगठन के सदस्यों को गालियाँ दे रहा है और जान से मारने की धमकी देता सुना गया है। संगठन ने इन वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स को उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने की भी बात कही है।

प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

संगठन ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की है कि संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज कराए गए झूठे आवेदन और शिकायतों की निष्पक्ष और निष्कलंक जांच की जाए। वे चाहते हैं कि किसी भी तरह की राजनीतिक या माफिया संरक्षित जांच न हो, और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

इसके अलावा, संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर भविष्य में संगठन के किसी भी सदस्य के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी शराब माफिया महेश पुरानी, आशीष पुरानी, पत्रकार सोभित अग्रवाल, मनीष कुसमया और राजू तिवारी पर होगी।

समाजसेवी संगठन की भूमिका

भगवती मानव कल्याण संगठन एक समाजसेवी संस्था है, जो लंबे समय से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में शराब के खिलाफ अभियान चला रही है। हटा जैसे क्षेत्र में, जहाँ अवैध शराब बिक्री वर्षों से जड़ें जमाए बैठी है, संगठन के कार्यकर्ताओं ने कई बार पुलिस को सहयोग कर शराब के जखीरे जब्त करवाए हैं। यही वजह है कि शराब माफिया संगठन के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।

पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

हालांकि कुछ शिकायतें पुलिस तक पहुंची हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से संगठन के कार्यकर्ताओं में रोष है। उनका मानना है कि प्रशासनिक निष्क्रियता और कुछ भ्रष्ट तंत्र की मिलीभगत से शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जिले में व्यापक स्तर पर आंदोलन और भूख हड़ताल की योजना बना सकते हैं।

संगठन की मांगें

  1. संगठन के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों की जांच हो।

  2. पत्रकार सोभित अग्रवाल की कॉल डिटेल निकाली जाए।

  3. महेश पुरानी, आशीष पुरानी, मनीष कुसमया, राजू तिवारी और अग्रवाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो।

  4. संगठन के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

  5. प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई करे।

हटा में शराब माफियाओं की धमकियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की यह घटना केवल एक क्षेत्रीय संकट नहीं है, यह पूरे राज्य में सक्रिय माफिया नेटवर्क और प्रशासनिक निष्क्रियता का गंभीर संकेत है। यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में सामाजिक संगठनों और अपराधियों के बीच टकराव और भी हिंसक रूप ले सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!