कैमूर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 25 लाख की शराब जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार

कैमूर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 25 लाख की शराब जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार, यूपी से रोहतास पहुंचाई जा रही थी अवैध खेप
|| News Era || Rupesh Kumar Dubey ||
कैमूर, बिहार:
राज्य में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच जब पूरा प्रशासन सतर्क है, तब कैमूर पुलिस ने एक बेहद अहम कार्रवाई को अंजाम देकर शराब माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अवैध शराब की तस्करी की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 25 लाख रुपये की देशी और विदेशी शराब जब्त की है। इस कार्रवाई में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से फर्जी नंबर प्लेट लगी पिकअप गाड़ी और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
गुप्त सूचना पर शुरू हुआ ऑपरेशन
कैमूर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से शराब से लदी एक पिकअप वाहन चैनपुर थाना क्षेत्र होते हुए भभुआ की ओर जा रही है। इस इनपुट के मिलते ही भभुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। इसमें चैनपुर और भभुआ थाना की पुलिस को शामिल किया गया, जिन्हें तुरंत अलर्ट किया गया।
पुलिस ने समय गंवाए बिना संबंधित मार्गों पर चेकिंग अभियान शुरू किया और संदिग्ध वाहनों पर नजर रखी जाने लगी। इस दौरान सोनहन थाना क्षेत्र में एक सफेद रंग की पिकअप को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ड्राइवर पुलिस को देखकर भागने लगा।
सोनहन थाना क्षेत्र में बिशनपुर के पास घेराबंदी
जैसे ही वाहन ने पुलिस को देखा, वह तेज रफ्तार में दौड़ पड़ा। लेकिन पहले से सतर्क सोनहन थाना की पुलिस ने बिशनपुर गांव के पास घेराबंदी कर दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गाड़ी को रुकवाया और मौके से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद गाड़ी की तलाशी ली गई।
भूसे के नीचे छिपाकर रखी गई थी शराब
गाड़ी में ऊपर से भूसे की बोरियां भरी हुई थीं, ताकि शराब की खेप को छिपाया जा सके। जब पुलिस ने बोरियों को हटाया तो नीचे से कुल 1665 लीटर शराब बरामद की गई। इसमें:
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900 लीटर देशी शराब
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765 लीटर विदेशी शराब
शामिल थी। बरामद शराब की बाजार में अनुमानित कीमत 24 से 25 लाख रुपये बताई जा रही है।
फर्जी नंबर प्लेट और मोबाइल भी जब्त
पुलिस ने जिस पिकअप गाड़ी को जब्त किया, उस पर लगा रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी निकला। इसके अलावा आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिनसे शराब तस्करों के नेटवर्क और अन्य सदस्यों के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है।
कैमूर के पुलिस अधीक्षक हरिमोहन शुक्ला ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए प्रेसवार्ता में बताया कि यह ऑपरेशन बेहद सावधानी और रणनीति के साथ अंजाम दिया गया।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान और कबूलनामा
पुलिस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कर ली है। ये दोनों तस्कर रोहतास जिले के विक्रमगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं:
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जय विकास चौधरी (उम्र 27 वर्ष), निवासी: घोसिया खुर्द गांव
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अटल बिहारी पांडेय (उम्र 25 वर्ष), निवासी: कदनाई गांव
पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बनारस से शराब लेकर रोहतास जिले के शिवसागर क्षेत्र में डिलीवरी देने जा रहे थे। दोनों को इस खेप को पहुंचाने के एवज में 5 हजार रुपये की रकम दी जानी थी। वे लंबे समय से शराब तस्करी से जुड़े हुए नहीं थे, बल्कि किसी बड़े नेटवर्क के निर्देश पर पहली बार इस काम में लगाए गए थे।
साथ चल रहे अन्य तस्कर अभी फरार
गिरफ्तार तस्करों ने पुलिस को बताया कि उनके साथ इस तस्करी में और भी लोग शामिल थे। कुछ अन्य तस्कर एक अन्य गाड़ी में आगे चल रहे थे, जिनका काम रास्ता क्लियर रखना और पुलिस चेकिंग की सूचना देना था। यानी एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत यह तस्करी हो रही थी।
पुलिस को शक है कि यह पेशेवर गिरोह है, जिसका काम शराब की बड़ी खेप को सीमावर्ती जिलों में पहुंचाना है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी अभियान चला रही है।
बिहार में शराबबंदी और तस्करी की चुनौती
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में अवैध शराब की तस्करी और बिक्री की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। सीमावर्ती जिलों जैसे कैमूर, रोहतास, बक्सर, और औरंगाबाद आदि उत्तर प्रदेश से लगे होने के कारण, वहां से अवैध रूप से शराब लाना आसान माना जाता है।
इस मामले में भी, उत्तर प्रदेश के बनारस से शराब की आपूर्ति की जा रही थी, जिसे कैमूर होते हुए रोहतास पहुंचाया जाना था। लेकिन कैमूर पुलिस की सतर्कता ने तस्करों के मंसूबों को समय रहते नाकाम कर दिया।
एसपी का बयान: “शराबबंदी को लेकर जीरो टॉलरेंस”
कैमूर एसपी हरिमोहन शुक्ला ने मीडिया से कहा,
“हम शराबबंदी को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों पर हमारी नजर बनी हुई है। इस मामले में दो तस्करों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा चुकी है। बहुत जल्द उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि शराब तस्करी के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए इंटेलिजेंस टीम, ट्रैफिक पुलिस, और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई जारी रहेगी।
चुनाव से पहले तस्करों की बढ़ी हलचल
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच, अवैध शराब की मांग अचानक बढ़ जाती है। चुनावी मौसम में शराब की तस्करी को लेकर हमेशा प्रशासन चौकस रहता है। ऐसे में कैमूर पुलिस की यह कार्रवाई केवल एक तस्करी को रोकना नहीं, बल्कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में बड़ा कदम है।
जनता की प्रतिक्रिया: पुलिस की सराहना
इस कार्रवाई के बाद कैमूर जिले में लोगों ने पुलिस की सराहना की है। सोशल मीडिया पर स्थानीय नागरिकों ने लिखा कि पुलिस की सक्रियता से बच्चों और युवाओं का भविष्य बचता है।
ग्राम पंचायत सदस्य सुरेश यादव ने कहा,
“अगर पुलिस इसी तरह सख्ती दिखाए तो तस्कर बिहार का रुख ही नहीं करेंगे। शराबबंदी तभी सफल होगी जब पुलिस मौके पर अलर्ट हो।”
अभी और भी मोर्चे बाकी हैं
इस पूरी घटना ने साफ कर दिया है कि शराब माफिया अभी भी सक्रिय हैं और चुनाव से पहले राज्य में अवैध धंधों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। कैमूर पुलिस की यह कार्रवाई भले ही एक बड़ी जीत है, लेकिन आने वाले समय में तस्करी के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार निगरानी, तकनीकी सहयोग और सख्त कानून की आवश्यकता है।