कुदरा ओवरब्रिज पर हादसा: ट्रक ने महिला को रौंदा, हालत नाजुक
Kaimur News

कुदरा ओवरब्रिज पर हादसा: ट्रक ने महिला को रौंदा, हालत नाजुक
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 25 May 2025 ||
कैमूर (बिहार), 25 मई 2025 – कैमूर जिले में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर स्थित कुदरा नगर पंचायत के लालपुर ओवरब्रिज के पास एक महिला सड़क पार कर रही थी, तभी तेज रफ्तार में आ रहे बालू लदे ट्रक ने उसे कुचल दिया। हादसे में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक बताई जा रही है। यह घटना न केवल सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि बालू माफियाओं की मनमानी और ट्रैफिक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने की ओर भी इशारा करती है।
घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे महिला राजकुमारी देवी (उम्र 40 वर्ष), जो कि कैमूर जिले के बेलांव थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़कागांव की निवासी हैं, कुदरा-भभुआ रोड स्थित ओवरब्रिज के पास सड़क पार कर रही थीं। उसी समय पीछे से बालू से लदा एक तेज रफ्तार ट्रक आया और उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि महिला सड़क पर ही गिर पड़ी और वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।
स्थानीय लोगों की तत्परता से पहुंचाई गई मदद
हादसे के बाद कुछ ही पलों में घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। वहां से गुजर रहे राहगीरों और दुकानदारों ने तत्काल कुदरा थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही कुदरा थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन कर्मियों के सहयोग से घायल महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुदरा पहुंचाया गया।
चिकित्सकों ने महिला की स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के तुरंत बाद उसे सदर अस्पताल, भभुआ रेफर कर दिया। चिकित्सकों का कहना है कि महिला के सिर, पैर और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं और उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है।
ट्रक बिना नंबर प्लेट का, पुलिस ने किया जब्त
हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। खास बात यह रही कि जिस ट्रक से टक्कर हुई वह बिना नंबर प्लेट का था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रक की रफ्तार अत्यधिक थी और चालक ने महिला को बचाने की कोई कोशिश नहीं की।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बालू लदे उस ट्रक को जप्त कर लिया है। हालांकि, ट्रक चालक घटनास्थल से फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि ट्रक मालिक और चालक के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अवैध बालू परिवहन पर उठे सवाल
यह घटना कैमूर जिले में अवैध बालू परिवहन पर लगाम लगाने की जरूरत को और अधिक बल देती है। बिना नंबर प्लेट के ट्रकों का संचालन, ओवरलोडिंग और नियमों की धज्जियां उड़ाना अब आम बात हो गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही और बालू माफियाओं के रसूख के चलते आम जनता को जान गंवाने की नौबत आ रही है।
स्थानीय दुकानदार रामनरेश पांडेय ने बताया, “हर दिन इसी रास्ते से दर्जनों बालू लदे ट्रक तेज रफ्तार से गुजरते हैं। न तो कोई ब्रेकर है, न ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। अगर समय रहते रोकथाम की जाती तो आज यह महिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से नहीं जूझ रही होती।”
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
घायल महिला राजकुमारी देवी के परिवार पर यह हादसा किसी वज्रपात से कम नहीं है। उनके पति जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि राजकुमारी देवी किसी घरेलू कार्य के सिलसिले में कुदरा आई थीं। उन्हें क्या पता था कि यह यात्रा उनके जीवन की दिशा ही बदल देगी।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि ट्रक चालक को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और महिला के इलाज के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले को लेकर कुदरा थाना अध्यक्ष ने बताया, “घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुंचा। घायल महिला को तत्परता से अस्पताल पहुंचाया गया और ट्रक को जब्त कर लिया गया है। चालक की तलाश की जा रही है और पूरे मामले की जांच जारी है। जरूरत पड़ी तो एफएसएल टीम भी बुलाकर घटनास्थल की बारीकी से जांच कराई जाएगी।”
मांगें और आगे की कार्रवाई
स्थानीय समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि:
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कुदरा ओवरब्रिज के पास ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती की जाए।
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सड़क पर स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
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अवैध बालू परिवहन पर रोक लगे और बिना नंबर ट्रकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए।
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पीड़ित महिला के परिवार को मुआवजा दिया जाए।
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग ऐसे लापरवाह ट्रक चालकों और प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ते रहेंगे। ज़रूरत है कि जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।