ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर किया सर्जिकल स्ट्राइक

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर किया सर्जिकल स्ट्राइक
Report By: News Era
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जो 6-7 मई की रात डेढ़ बजे अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना और वायुसेना का एक संयुक्त प्रयास था, जिसका उद्देश्य आतंक के अड्डों को जड़ से समाप्त करना था।
पहलगाम हमला: 26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत
22 अप्रैल 2025 को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की एक बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस निर्मम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाल का पर्यटक भी शामिल था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने लोगों से पहले उनका धर्म पूछा और उसके बाद चुन-चुनकर गोलियां मारीं। हमले की जिम्मेदारी पहले TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, लेकिन बाद में इससे पल्ला झाड़ लिया गया।
भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
इस नृशंस हमले के बाद भारत सरकार ने सैन्य कार्रवाई का मन बना लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे ऑपरेशन की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की और गुप्त बैठकों के जरिए सेना को पूरी छूट दी गई। भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर 6 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया।
क्यों चुने गए ये 9 टारगेट?
भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने गहन विश्लेषण के बाद पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 ठिकानों को चिन्हित किया, जो लंबे समय से आतंकवाद की प्लानिंग और ट्रेनिंग का केंद्र बने हुए थे:
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बहावलपुर: इंटरनेशनल बॉर्डर से करीब 100 किमी दूर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय।
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मुरीदके: सांबा से 30 किमी दूर लश्कर-ए-तैयबा का कैंप; मुंबई हमलों के आतंकी यहीं से आए थे।
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गुलपुर: पुंछ-राजौरी के पास LoC से 35 किमी दूर; अप्रैल 2023 और 2024 में हुए हमलों की साजिश यहीं रची गई।
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सवाई: PoK के तंगधार सेक्टर के पास लश्कर का कैंप; गांदेरबल, गुलमर्ग और पहलगाम हमले की साजिश यहीं बनी।
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बिलाल: जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख लॉन्चपैड।
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कोटली: LoC से 15 किमी दूर लश्कर का कैंप; करीब 50 आतंकी मौजूद थे।
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बरनाला: LoC से 10 किमी दूर स्थित आतंकियों का प्रशिक्षण केंद्र।
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सरजाल: सांबा-कुबुआ इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जैश का सक्रिय कैंप।
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महमुना: सियालकोट के पास स्थित हिजबुल मुजाहिद्दीन का ट्रेनिंग सेंटर।
हमले की रणनीति और तकनीकी पहलू
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय सेना और वायुसेना ने अत्याधुनिक ‘प्रेसिजन गाइडेड म्यूनिशन’ का इस्तेमाल किया। टारगेट्स को लेजर तकनीक से लॉक किया गया और अत्यधिक सटीकता से बमबारी की गई। इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलें दागी गईं। हमले की योजना इस तरह बनाई गई थी कि सैन्य ठिकानों को नहीं, बल्कि केवल आतंकी अड्डों को ही निशाना बनाया जाए।
भारतीय सेना के अनुसार, यह एक ‘नो-कॉम्बैटेंट स्ट्राइक’ थी, जिसका उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुँचाए बिना आतंकवाद की जड़ों पर हमला करना था। रात डेढ़ बजे शुरू हुआ यह ऑपरेशन करीब 90 मिनट तक चला।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने शुरू में कहा कि भारत ने 5 ठिकानों पर मिसाइलें दागीं, जिसमें 3 नागरिक मारे गए। फिर सुबह 5 बजे उन्होंने दावा किया कि 8 नागरिक मारे गए हैं, 35 घायल हैं और 2 लोग लापता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कुल 24 मिसाइलें दागीं।
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि 5 भारतीय फाइटर जेट को मार गिराया गया है, जबकि भारतीय सेना ने इसे “बिल्कुल निराधार और हास्यास्पद” बताया है। पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मस्जिदों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है, लेकिन भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि कोई धार्मिक स्थल या नागरिक ठिकाना निशाने पर नहीं था।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह झगड़ा सदियों पुराना है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह जल्द खत्म हो।” ट्रंप के इस बयान को कई विशेषज्ञ भारत की सैन्य कार्रवाई को समर्थन के संकेत के रूप में देख रहे हैं, भले ही यह प्रत्यक्ष रूप से न कहा गया हो।
ऑपरेशन सिंदूर के रणनीतिक मायने
भारत की यह सर्जिकल स्ट्राइक एक बार फिर इस बात का संकेत है कि अब भारत आतंकी हमलों का जवाब कूटनीतिक बयानों से नहीं, बल्कि सैन्य कार्रवाई से देगा। यह एक स्पष्ट संदेश है कि अब “नई दिल्ली” किसी भी प्रकार के उकसावे को चुपचाप नहीं सहेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ऑपरेशन उरी (2016) और बालाकोट (2019) के बाद तीसरा बड़ा सैन्य प्रतिकार है। हालांकि इस बार रणनीति पहले से ज्यादा व्यापक और तकनीकी रूप से उन्नत थी।
आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध
भारत का यह कदम न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी यह संदेश देने के लिए था कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ने के लिए तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर यह साबित करता है कि भारत अब “डिप्लोमेसी के साथ डिफेंस” की नीति पर चल रहा है।
पाकिस्तान और PoK में हुए इस सर्जिकल स्ट्राइक ने न केवल आतंकियों के मनोबल को तोड़ा है, बल्कि उनकी कमर भी तोड़ दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों में भारी गिरावट देखी जा सकती है।