पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही तोड़ा सीजफायर
India/Pakistan War

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही तोड़ा सीजफायर
रिपोर्ट: Newsera || Date : 10 May 2025 ||
शनिवार शाम 5 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच लागू हुआ युद्धविराम केवल औपचारिक साबित हुआ। महज तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। पाकिस्तान की इस हरकत से एक बार फिर सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है।
रात 8 बजे से जम्मू-कश्मीर के पुंछ, अखनूर, नौशेरा, आरएसपुरा, सांबा, उधमपुर और श्रीनगर में पाकिस्तान की ओर से अंधाधुंध फायरिंग और मोर्टार शेलिंग की गई। उधमपुर में एक ड्रोन हमले की भी पुष्टि की गई है। इसके तुरंत बाद भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट कर दिया गया और आम नागरिकों को घर में रहने की सलाह दी गई है।
जम्मू-कश्मीर में भारी फायरिंग और शेलिंग
सीजफायर के ऐलान के कुछ ही घंटे बाद जम्मू-कश्मीर के कई संवेदनशील क्षेत्रों में पाकिस्तान ने फायरिंग शुरू कर दी। अखनूर, पुंछ, नौशेरा जैसे सीमावर्ती इलाकों में रुक-रुक कर गोलियों की आवाजें आती रहीं। राजौरी जिले में तोपों और मोर्टार से शेलिंग की गई, जिससे कई नागरिक घायल हो गए हैं। इसके अलावा उधमपुर में ड्रोन के जरिए हमला किया गया जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
ड्रोन अटैक से बढ़ा खतरा
भारत की ओर से ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि करते हुए सेना ने बताया कि उधमपुर में ड्रोन से बम गिराए गए, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन की जांच में जुटी हैं। माना जा रहा है कि यह हमला पाकिस्तान की ओर से योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
ब्लैकआउट से बॉर्डर इलाकों में अंधेरा
जैसे ही पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी शुरू हुई, भारत सरकार ने एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात के बॉर्डर जिलों में ब्लैकआउट लागू कर दिया। सभी सीमावर्ती क्षेत्रों की बिजली काट दी गई, ताकि दुश्मन ड्रोन या मिसाइल अटैक में नागरिक क्षेत्र की पहचान न कर सके।
लोगों को घरों में रहने की सलाह
स्थानीय प्रशासन ने लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दी है। स्कूल, कॉलेज, दुकानें और बाजार बंद करवा दिए गए हैं। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सभी सीमाओं पर सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है।
उमर अब्दुल्ला का सवाल- “ये कैसा सीजफायर है?”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटनाक्रम पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “ये कैसा युद्धविराम है, जिसमें श्रीनगर तक धमाकों की आवाजें आ रही हैं? क्या पाकिस्तान ने एक बार फिर भरोसे को तोड़ा है?”
सीजफायर की पृष्ठभूमि
शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय DGMO को फोन कर बातचीत की। दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि शाम 5 बजे से सभी तरह की सैन्य कार्रवाई बंद कर दी जाएगी। शाम 6 बजे भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संक्षिप्त प्रेस ब्रीफिंग में इस सहमति की पुष्टि की। यह घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से X (पूर्व में ट्विटर) पर की गई घोषणा के बाद की गई थी।
ट्रम्प की मध्यस्थता का दावा
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पोस्ट में लिखा, “रात में अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान में वार्ता हुई। दोनों देश पूरी तरह हमले रोकने को तैयार हो गए हैं। यह कॉमनसेंस और शांति की ओर एक बड़ा कदम है।”
ट्रंप के बयान के बाद भारत के विदेश सचिव और फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी युद्धविराम की पुष्टि की। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, “हम हमेशा शांति के पक्षधर रहे हैं और अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री की भूमिका
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बुधवार रात को भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों से फोन पर बात की थी। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की थी।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जानकारी दी कि रूबियो ने आतंकी हमले में मारे गए भारतीयों के प्रति संवेदना प्रकट की और भारत को संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने पाकिस्तान से हमले की निष्पक्ष जांच में सहयोग करने का अनुरोध भी किया।
सीजफायर की औपचारिकता या कूटनीतिक छलावा?
सीजफायर के चंद घंटे बाद ही पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी, ड्रोन अटैक और शेलिंग इस बात का संकेत हैं कि यह कदम केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते उठाया गया एक कूटनीतिक कदम हो सकता है। भारत की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान पर भरोसा करना एक बार फिर भारत को भारी पड़ सकता है?
भारतीय सेना अलर्ट पर
पाकिस्तान की इस धोखेबाजी के बाद भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है। रडार, ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम और एयर डिफेंस यूनिट को तैनात कर दिया गया है।
भारत सरकार का कहना है कि शांति की कोशिशों को कमजोरी समझने की भूल पाकिस्तान न करे। यदि पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी या हमले जारी रहते हैं तो भारत माकूल जवाब देगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है। शनिवार को हुआ सीजफायर मात्र औपचारिकता साबित हुआ और पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपना भरोसा तोड़ा। अब पूरे देश की निगाहें 12 मई की उस बातचीत पर हैं, जब दोनों देशों के सैन्य अधिकारी फिर से बातचीत करने वाले हैं। सवाल यह है कि क्या यह बातचीत किसी स्थायी समाधान की ओर बढ़ेगी या यह भी एक और असफल प्रयास साबित होगा।
देशवासी सरकार और सेना के साथ खड़े हैं और एक ही मांग कर रहे हैं –
शांति अगर स्थायी हो, तो ही भरोसे के काबिल हो।
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