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पसाई प्रीमियर लीग नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट: ग्रामीण प्रतिभा का चमकता मंच

पसाई प्रीमियर लीग नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट: ग्रामीण प्रतिभा का चमकता मंच

|| News Era || Rupesh Kumar Dubey || रामपुर प्रखंड, बिहार ||
रविवार की रात, रामपुर प्रखंड के परसाई गांव में खेल और उत्साह का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने न सिर्फ गांव के युवाओं को नई प्रेरणा दी, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। यहां पसाई प्रीमियर लीग नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय स्तर की दो दमदार टीमें — पुनाव और ओरा — आमने-सामने रहीं। उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने टूर्नामेंट की सराहना करते हुए ग्रामीण खेल संस्कृति के प्रोत्साहन की आवश्यकता पर जोर दिया।


उद्घाटन समारोह और संदेश

टूर्नामेंट का उद्घाटन करते हुए जिला परिषद सदस्य लल्लू पटेल ने कहा,

“परसाई गांव में इस प्रकार के आयोजनों से न केवल युवाओं को मंच मिलता है, बल्कि गांव में भाईचारा, अनुशासन और एकता की भावना भी विकसित होती है। खेलों से जुड़कर युवा नशे और अपराध जैसे बुराइयों से दूर रहते हैं। हम प्रयासरत हैं कि हर पंचायत में खेल मैदान विकसित हो ताकि हमारे जिले से राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल सकें।”

उन्होंने आयोजन समिति की तारीफ़ करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में संसाधनों की कमी के बावजूद, आयोजन जिस तरह से सफलतापूर्वक किया गया है, वह प्रशंसा के योग्य है।


मैच का रोमांच: पुनाव बनाम ओरा

रविवार की रात लाइटों की रौशनी में जब मैच शुरू हुआ, तो मैदान पर एक अलग ही जोश देखने को मिला।
टॉस जीतकर पुनाव की टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।

  • पुनाव की टीम ने 6 ओवरों में 7 विकेट खोकर 56 रन बनाए।
    इस पारी में सबसे शानदार प्रदर्शन किया संदीप कुमार ने, जिनकी बल्लेबाजी ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया।

  • इसके जवाब में ओरा की टीम सिर्फ 31 रन ही बना सकी और उसके 5 विकेट गिर चुके थे।
    ओरा के बल्लेबाज पुनाव के गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते नजर आए और टीम लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकी।

मैच का नतीजा:
➡ पुनाव की टीम ने यह मुकाबला 25 रनों से जीत लिया।
संदीप कुमार को “मैन ऑफ द मैच” घोषित किया गया।


आयोजन समिति और ग्रामीण समर्थन

इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के पीछे गांव के युवाओं और खेलप्रेमियों का अथक प्रयास रहा।
मुख्य आयोजकों में शामिल थे:

  • चिंटू पटेल

  • बृजेश कुमार

  • पीतांबर कुमार

  • बिट्टू सिंह

  • अयोध्या कुमार

  • उमेश राम

  • सतीश कनौजिया

  • रवि पटेल

  • शाहिद अंसारी

इन सभी युवाओं ने मैदान की सजावट, खिलाड़ियों की व्यवस्था, लाइटिंग, कमेंट्री और दर्शकों की सुविधा का ध्यान रखा।

ग्रामीण खेल आयोजनों में सहभागिता ही सबसे बड़ी ताकत होती है। इस आयोजन में सैकड़ों दर्शक उपस्थित रहे — जिनमें बच्चे, बुज़ुर्ग, महिलाएं और अन्य ग्रामीण भी शामिल थे। हर रन पर तालियाँ, हर विकेट पर हूटिंग, और हर चौके-छक्के पर गूंजता नाम — यह दर्शाता है कि ग्रामीण भारत में खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, उत्सव होता है।


स्थानीय खेल और भविष्य की योजनाएँ

जिला परिषद सदस्य लल्लू पटेल ने मंच से यह भी घोषणा की कि

“जल्द ही गांव-गांव में खेल मैदान के लिए जमीन चिन्हित की जाएगी और सरकार से समन्वय कर मैदान का विकास किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खिलाड़ी सिर्फ उत्साह में ही न रहें, बल्कि उन्हें बेहतर प्रशिक्षण, किट और अवसर भी मिले।”

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि

“रामपुर, बेलहर, बाराहाट और कटोरिया जैसे क्षेत्रों से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जो अवसर न मिलने के कारण पीछे रह गए। यदि हम इन्हें सहयोग दें, तो ये नाम रोशन कर सकते हैं।”


सामाजिक समरसता और महिला भागीदारी की मिसाल

इस आयोजन में महिलाओं की भागीदारी भी देखने लायक थी। कई महिलाएं दर्शक दीर्घा में थीं और उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। साथ ही, कुछ महिलाओं ने चाय-पानी की व्यवस्था, टिकट वितरण और महिला दर्शकों के लिए बैठने की सुविधा भी सुनिश्चित की।

यह साफ़ तौर पर दिखा कि ग्रामीण समाज भी अब खेल आयोजनों में लैंगिक समानता और सामूहिक सहभागिता की ओर बढ़ रहा है।


खेल के ज़रिए एक नई सुबह की उम्मीद

पसाई प्रीमियर लीग नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट सिर्फ़ एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था —
कि अगर नीयत और मेहनत सच्ची हो, तो ग्रामीण भारत भी चमक सकता है।

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