“पटना में वर्चस्व की जंग: बाकरगंज में बमबाजी, बच्ची घायल”
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“पटना में वर्चस्व की जंग: बाकरगंज में बमबाजी, बच्ची घायल”
Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 04 April 2025 ||
पटना, 4 मई 2025: राजधानी पटना के बीचोंबीच स्थित भीड़भाड़ वाले बाकरगंज इलाके की एक तंग गली शनिवार की रात अचानक धमाकों से दहल उठी। कमरू पासी गली में आपसी वर्चस्व की लड़ाई में दो गुटों के बीच हुए टकराव ने हिंसक रूप ले लिया। पहले तो दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई, लेकिन देखते ही देखते मामला बमबाजी तक पहुंच गया। इस झड़प में एक मासूम बच्ची घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची खतरे से बाहर है, लेकिन इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण: वर्चस्व की लड़ाई ने लिया हिंसक रूप
घटना पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाकरगंज की है। बाकरगंज की संकरी गलियों में स्थित कमरू पासी गली में दो स्थानीय गुटों के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव चल रहा था। सूत्रों के अनुसार दोनों गुट इलाके में वर्चस्व और दबदबे को लेकर लंबे समय से आमने-सामने थे। शनिवार की रात करीब 9 बजे के आसपास मामूली विवाद ने अचानक तूल पकड़ लिया और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। पहले तो गाली-गलौज और हाथापाई हुई, लेकिन देखते ही देखते एक पक्ष ने दूसरे पर देसी बम से हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “हमें पहले तो लगा कि कोई पटाखा फूटा है, लेकिन जब दूसरा धमाका हुआ तो सब भागने लगे। पूरा इलाका दहल गया। महिलाएं और बच्चे चीखने लगे।”
मासूम बच्ची बनी हिंसा की शिकार
इस हिंसक झड़प में एक मासूम बच्ची घायल हो गई। बम के छर्रे उसके पैर में लगे, जिससे वह लहूलुहान हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने आनन-फानन में उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने पुष्टि की है कि बच्ची की स्थिति स्थिर है और फिलहाल खतरे से बाहर है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, जांच में जुटी FSL टीम
घटना की सूचना मिलते ही पीरबहोर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई और अप्रिय घटना न हो। टाउन डीएसपी दीक्षा ने बताया कि, “घटना में बम फटा है, इसकी पुष्टि हो चुकी है। मौके से बम के अवशेष बरामद किए गए हैं। हमने एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को बुलाया है, जो विस्फोटक के प्रकार और उसकी क्षमता की जांच कर रही है।”
टाउन डीएसपी दीक्षा
डीएसपी ने आगे बताया कि इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। अब तक की जांच में कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
इलाके में खौफ का माहौल, लोगों में आक्रोश
बाकरगंज इलाके में इस घटना के बाद से तनाव और भय का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। स्थानीय दुकानदारों ने रविवार को अपनी दुकानें बंद रखीं और इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की अपील की। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि इलाके में लंबे समय से असामाजिक तत्व सक्रिय हैं, लेकिन पुलिस उन पर कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही।
एक दुकानदार का कहना है, “यहां रोज किसी न किसी बात पर झगड़ा होता है। मोहल्ले में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा है। हम लोग डर के साए में जी रहे हैं। पुलिस आती है लेकिन कार्रवाई ठंडी पड़ जाती है।”
पुरानी रंजिश और आपराधिक बैकग्राउंड की जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों गुटों का आपराधिक बैकग्राउंड खंगाला जा रहा है। इनमें से कुछ युवकों पर पहले से भी मारपीट, रंगदारी और अवैध वसूली के मामले दर्ज हैं। पुलिस को आशंका है कि यह झड़प किसी पुरानी रंजिश और अवैध गतिविधियों से जुड़ी हो सकती है। डीएसपी दीक्षा ने साफ किया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बम कहां से आया? जांच में जुटी पुलिस
सबसे बड़ा सवाल यह है कि देसी बम आखिरकार इलाके में पहुंचा कैसे? क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है या फिर असामाजिक तत्वों द्वारा बनाया गया? पुलिस की एफएसएल टीम इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है। पुलिस का मानना है कि बम स्थानीय स्तर पर ही तैयार किया गया हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कानून-व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पटना में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि राजधानी में दिन-प्रतिदिन बढ़ती आपराधिक घटनाएं यह दिखाती हैं कि प्रशासन पूरी तरह फेल है।
वहीं, स्थानीय पार्षद और विधायक ने घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते ऐसे तत्वों पर कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
पूर्व घटनाओं की पुनरावृत्ति?
गौरतलब है कि बाकरगंज, मच्छरहट्टा, खाजेकलां और पीरबहोर जैसे इलाकों में पहले भी ऐसे आपसी वर्चस्व और आपराधिक गिरोहों के बीच टकराव की घटनाएं होती रही हैं। पिछले साल भी खाजेकलां में दो गुटों के बीच गोलीबारी हुई थी जिसमें एक युवक की जान चली गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने यदि तब सख्ती दिखाई होती तो शायद आज यह घटना नहीं होती।
पुलिस की अपील: अफवाहों पर ध्यान न दें
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाहें फैलने लगी थीं, जिन्हें लेकर पटना पुलिस ने लोगों से संयम बरतने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल नजर रखे हुए है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजधानी की सुरक्षा पर फिर छाया सवालिया साया
पटना जैसे बड़े और संवेदनशील शहर में इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भावना को भी कमजोर करती हैं। बाकरगंज की घटना यह दर्शाती है कि छोटे-छोटे विवाद भी जब अपराधियों के हाथ में हथियार आ जाते हैं, तो वे बड़ी घटना में तब्दील हो सकते हैं। पुलिस और प्रशासन को अब केवल कार्रवाई की औपचारिकता नहीं बल्कि ठोस और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कदम उठाने होंगे।