सीरहिरा गांव में वृद्ध की निर्मम हत्या: खेत की मड़ई में मिला शव, इलाके में सनसनी

सीरहिरा गांव में वृद्ध की निर्मम हत्या: खेत की मड़ई में मिला शव, इलाके में सनसनी
|| News Era || Rupesh Kumar Dubey ||
कैमूर, बिहार: कैमूर जिले के चांद थाना क्षेत्र अंतर्गत सीरहिरा गांव में बुधवार रात एक दर्दनाक और रहस्यमयी घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। गांव के एक 70 वर्षीय वृद्ध की खेत में स्थित मड़ई (अस्थायी झोपड़ी) में हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह खेत पर गए ग्रामीणों ने जब वृद्ध का रक्तरंजित शव देखा, तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। हत्या की इस घटना ने न केवल मृतक के परिजनों को शोक में डुबो दिया, बल्कि ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल भी उत्पन्न कर दिया है।
घटना की पृष्ठभूमि
मृतक की पहचान श्री बिंद (70 वर्ष), पिता स्व. सुरेश बिंद के रूप में हुई है, जो सीरहिरा गांव के निवासी थे। ग्रामीणों के अनुसार, वह सरल स्वभाव के व्यक्ति थे और लंबे समय से अपने खेत की रखवाली किया करते थे। बुधवार शाम भी वे प्रतिदिन की तरह अपने खेत पर स्थित मड़ई में रात बिताने गए थे। यह मड़ई गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर खेत की सीमा पर स्थित थी। सुबह जब वे घर नहीं लौटे तो उनके परिजनों को चिंता हुई। खोजबीन के बाद परिजन खेत पहुंचे और मड़ई में उनका शव देखकर स्तब्ध रह गए।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मृतक के चेहरे, सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गहरी चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे प्रतीत होता है कि हत्या किसी भारी वस्तु जैसे ईंट, पत्थर या लाठी से की गई है। मड़ई में खून के धब्बे और अस्त-व्यस्त सामान देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या संघर्ष के बाद की गई हो सकती है। मृतक की जेब से कोई सामान गायब नहीं मिला, जिससे लूटपाट की संभावना कम प्रतीत होती है।
परिजनों ने बताया कि श्री बिंद की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वह प्रतिदिन खेत में जाकर वहां रुकते थे और सुबह घर लौटते थे। उनकी हत्या ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
पुलिस की कार्यवाही
घटना की सूचना मिलते ही चांद थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा किया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भभुआ भेज दिया। थाना प्रभारी ने मौके पर उपस्थित लोगों से पूछताछ की और घटनास्थल की गहनता से जांच की। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ सबूत भी जुटाए हैं, जिनमें खून से सनी ईंटें और एक टूटा हुआ लाठी का टुकड़ा शामिल है।
चांद थाना के प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में बताया, “प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि की जा सकेगी। फिलहाल अज्ञात अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।”
ग्रामीणों में आक्रोश और भय
इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले कभी नहीं हुई थीं। कई ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गांव में अराजक तत्वों की गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ गई हैं, और पुलिस का गश्त न के बराबर है।
सीरहिरा गांव के ही एक बुजुर्ग ग्रामीण राजेन्द्र यादव ने बताया, “हम लोग अब अपने खेतों में जाने से डरने लगे हैं। जब एक बुजुर्ग आदमी को इस तरह मार डाला गया, तो बाकी लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे? पुलिस को इस मामले में तेजी दिखानी चाहिए।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद विपक्षी दलों के स्थानीय प्रतिनिधियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। राजद के स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि रमेश यादव ने कहा, “पुलिस की सुस्ती के कारण ही अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। एक बुजुर्ग किसान को बेरहमी से मार दिया गया और पुलिस अब तक सिर्फ जांच की बात कर रही है। हम इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।”
वहीं, जदयू के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार अपराध पर लगाम लगाने के लिए गंभीर है, और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।
परिजनों की पीड़ा और मांग
श्री बिंद के बेटे राकेश बिंद ने बताया कि उनके पिता का किसी से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं था। “हम लोग रोज की तरह घर पर उनका इंतजार कर रहे थे। सुबह जब सूचना मिली तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई,” उन्होंने कहा। परिजनों ने मांग की है कि हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।
परिवार ने यह भी मांग की कि प्रशासन उन्हें सुरक्षा प्रदान करे और उचित मुआवजा दे, ताकि वृद्ध की असमय मृत्यु के कारण परिवार को जो मानसिक, सामाजिक और आर्थिक आघात पहुंचा है, उसकी कुछ भरपाई हो सके।
पुलिस की जांच दिशा में क्या प्रगति?
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने आसपास के इलाकों के संदिग्धों की सूची तैयार की है और गांव में रहने वाले कुछ बाहरी मजदूरों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल्स, आस-पास के सीसीटीवी कैमरों (यदि कोई) की जांच कर रही है और मृतक के संपर्क में रहे लोगों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस इस मामले में तीन संभावित एंगल से जांच कर रही है:
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व्यक्तिगत रंजिश या पुरानी दुश्मनी
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भूमि विवाद या संपत्ति से जुड़ा विवाद
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अनजाने अपराधियों की हरकत, जैसे असामाजिक तत्व या नशे में धुत हमलावर
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
शव को सदर अस्पताल भभुआ भेजा गया है, जहां मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि सर पर लगी गहरी चोट ही मृत्यु का प्राथमिक कारण प्रतीत होती है, हालांकि अंतिम निष्कर्ष फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और अगर किसी विशेष हथियार या रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल हुआ है तो एफएसएल (Forensic Science Lab) से भी मदद ली जाएगी।
इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
घटना के बाद गांव और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। रात के समय खेतों की ओर जाने वाले रास्तों पर पुलिस की निगरानी रखी जा रही है। थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें और कानून को हाथ में न लें।
ग्रामीण व्यवस्था पर सवाल
सीरहिरा गांव की यह घटना बिहार के ग्रामीण इलाकों में बढ़ती असुरक्षा को उजागर करती है। जहां एक ओर राज्य सरकार “सात निश्चय” जैसे विकास योजनाओं की बात करती है, वहीं दूसरी ओर गांवों में बुजुर्ग किसान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। खेतों में रात बिताना, जो पहले सामान्य बात थी, अब लोगों के लिए जोखिम बन गया है।